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भ्र्ष्टाचारमुक्त भारत- सपना और हक़ीक़त

जहां एक तरफ से सरकार देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की बात कर रही है वही दूसरी और खबरों में सरकार द्वारा राफेल घोटाला सुर्खियाँ बटोर रहा है।

भ्रष्टाचार आज देश की ऐसी समस्या है जो देश के हर कोने को अपनी गिरफ में ले रहा है। नतीजा देश में  आंतरिक और बाहरी समस्याएं बढ़ रही है।

सत्ता हाथ में आने से पहले मोदी सरकार ने बड़े बड़े भाषणों में देश के कोने कोने में एलान किया था कि अगर देश उन्हे चुनता है तो वह देश में से भ्रष्टाचार की समस्या को जड़ से ख़त्म कर देंगे।

आज भारत पूरी दुनिया  में भ्रष्टाचार के पायदान में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है। देश में इसके कई रंग है काला-बाजारी से लेकर रिश्वतखोरी तक सब भ्रष्टाचार को लगातार बढ़ावा दे रहे है। यह समस्या न जाने कब से देश में पैर पसारे बैठी हुई है।


नमो सरकार ने आपने वादे के अनुसार कई कदम उठाये जिससे लगा कि देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो जायेगा।नोटबन्दी से लेकर डिजिटल भारत तक कई योजनाएं चलाई गई जिससे भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात कही गयी। यह कथन कितना सही साबित हुआ कहा नही जा सकता वही आंकड़ों पर नज़र डाली जाए तो पता चलता है कि


2013 में अन्ना हज़ारे ने अपने बयान में कहा था कि बेहतर राष्ट्र के लिए अर्थव्यवस्था बदलना ज़रूरी है।

नोटबन्दी के बाद लग रहा था कि भ्रष्टाचार पर कुछ चोट हुई है लेकिन आरबीआई की रिपोर्ट ने सब कुछ साफ़ कर  दिया। रिपोर्ट के मुताबिक़ नोटबन्दी के बाद देश में 500 के 9,892 नकली नोट तथा 2000 के 17,929 नकली नोट पकड़े गए।

वही इस मामले में मोदी सरकार का कहना है कि नोटबन्दी से देश के व्यवहार में बदलाव आया है। कितना बदलाव आया है कहना मुश्किल है। वहीँ इसी बारे में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहना कि सरकार ने देश को भ्रष्टाचार मुक्त किया है आज भारत देश उभरती अर्थव्यवस्थाओं की सूची वाले देशों में शामिल हुआ है।

जहां एक तरफ से सरकार देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की बात कर रही है  वही दूसरी और खबरों में सरकार द्वारा राफेल घोटाला सुर्खियाँ बटोर रहा है।

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया है राफेल डील में कम से कम 30% कमीशन दी गयी है।  उन्होंने कहा कि अनिल-अंबानी को लगभग 21000 करोड़ की बड़ी राशि की केवल कमीशन दी गयी है।

दूसरी ओर रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट ने बताया कि मोदी सरकार के 4 साल में देश के बैंकों से लगभग 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले हुए है।

मिली जानकारी के मुताबिक ललित मोदी 5 हजार करोड़, विजय माल्या 9 हजार करोड़, जतिन मेहता 7 हजार करोड़, मेहुल चौकसी 11600 करोड़, नीरव मोदी 11000 करोड़ लेकर देश से फ़रार हुए है।

ये कहानी सिर्फ आंकड़े बयान कर रहे है अभी कई क़िस्से ऐसे भी हो सकते है जो नज़रों से दूर हो।  

ऐसे में देश भ्रष्टाचार से कितना दूर हुआ है आप बेहतर समझते है । लेकिन हम उम्मीद ज़रूर कर सकते है कि जल्द ही देश एक नए रूप में दुनिया के सामने आएगा।

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