Diabetes: डायबिटीज़ को रोकने के लिए अदभुद 10 देसी रामबाण नुस्खे-
मधुमेह रोगियों को प्रतिदिन नियमित रूप से दो चम्मच नीम का रस, केले के पत्ते का रस चार चम्मच सुबह-शाम लेना चाहिए। जिससे खुद को इस रोग से दूर रखा जा सकता है। दूसरी ओर आंवले का रस चार चम्मच, गुडमार की पत्ती का काढ़ा सुबह-शाम लेना भी मधुमेह रोग पर बहुत हद्द तक नियंत्रण पाया जा सकता है।
डायबिटीज़ आज के समय में पूरी दुनिया एक गंभीर बीमारी का रूप ले चुकी है। ये रोग अब उम्र, देश व परिस्थिति की सभी सीमाओं को लांघ चुका है। डायबिटीज़ के रोगियों की विश्व में बढ़ती हुई संख्या चिंता का विषय बन चुका है। इसलिए आज हम इस रोग से निजात पाने के ऐसे देसी नुस्खे जानेगें जो मधुमेह रोगियों किसी चमत्कार से काम नहीं होंगे।
1. नींबू : जैसा कि आप सब जानते ही है कि मधुमेह के रोगियों को प्यास बहुत अधिक लगती है जिसके चलते वे बार बार पानी का सेवन करने को मजबूर रहते है। ऐसी अवस्था में यदि पानी में नीम्बू निचोड़कर पिया जाए रोगियों कि अधिक प्यास लगने की समस्या शांत हो जाएगी,क्योंकि नींबू निचोड़कर पीने से प्यास की अधिकता जल्द शांत होती है।
2. शलजम : डाक्टरों का मानना है कि मधुमेह(डायबिटीज) के मरीज़ों को पालक, पपीता,तरोई, लौकी,परवल, आदि सब्जियां का खाने में अधिक प्रयोग करना चाहिए। आपको बता दें कि शलजम के प्रयोग से भी हमारे खून में मौजूद शर्करा की मात्रा कम होने लगती है जोकि डायबिटीज रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद रहता है। इसलिए मधुमेह रोगियों को चाहिए कि वे शलजम की सब्जी, पराठे, सलाद आदि अधिक मात्रा में लें जिससे स्वाद के साथ साथ सेहत में भी सुधार रहे।
3 गाजर-पालक और मधुमेह :एक शोध में पता चला है कि मधुमेह रोगियों को गाजर और पालक के रस को नियमित रूप से मिलाकर पीना चाहिए। विशेज्ञों का मानना है कि इससे आंखों की कमजोरी बहुत हद्द तक दूर होती है।
4. खीरा : जैसा कि आप जानते है कि मधुमेह के रोगियों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन खाने की सलाह दी जाती है। कम खाने की वजह से लोगों को अक्सर बार-बार भूख महसूस होती है। ऐसी समय में उन्हे खीरा खाकर अपनी भूख को मिटानी चाहिए।
5. जामुन : डाक्टरों ने भी माना है कि मधुमेह रोग के उपचार में जामुन एक पारंपरिक औषधि है। एक तरह से हम जामुन को डायबिटीज के रोगियों का ही फल कह सकते है, क्योंकि जामुन की गुठली, छाल, रस और गूदा सभी डायबिटीज में बेहद लाभदायक हैं। मौसम के अनुरूप जामुन का सेवन औषधि के रूप में खूब करना चाहिए ताकि मधुमेह को खुद से दूर रखा जाए।
6. गेहूं के जवारे और मधुमेह : आपको बता दें कि गेहूं के पौधों में एक बहुत ही अद्भुद रोगनाशक गुण विद्यमान हैं। जानकार बताते है कि गेहूं के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी जड़ से खत्म करने की क्षमता रखता है। एक शोध में बताया गया है कि इसका रस मनुष्य के खून के लगभग से चालीस फीसदी से भी अधिक मेल खाता है। इसलिए इसे ग्रीन ब्लड भी कहा जाता है। यदि जवारे का ताजा रस निकालकर आधा कप मधुमेह रोगी को तत्काल पिलाया जाये तो बहुत बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते है।
7. डायबटीज़ और करेले :आपको बता दें कि प्राचीन काल से करेले को डायबटीज़ की औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। करेले का कड़वा रस शरीर में शुगर की मात्रा बहुत कम करता है। मधुमेह के मरीज़ों को नियमित रूप से करेले का रस पीना चाहिए। इससे अद्भुद लाभ मिलता है। हाल ही में कुछ नए शोधों में पता चला है कि उबले करेले का पानी, मधुमेह को शीघ्र स्थाई रूप से समाप्त करने की अद्भुद क्षमता रखता है।
8.रोगनाशक जामुन की गुठली : जामुन की गुठली में कईं रोगनाशक गन पाए जाते है । इसके बीजों जाम्बोलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो स्टार्च को शर्करा में बदलने से रोकता है। आपको बता दें की जामुन की गुठली का बारीक चूर्ण को दिन में दो-तीन बार तीन ग्राम की मात्रा में पानी के साथ लेने से हमारे मूत्र में शुगर की मात्रा बहुत कम हो जाती है।
9.मैथी : मैथी के दाने मधुमेह के उपचार के लिए बहुत फायदेमंद माने गए है। कई बड़ी बड़ी दवा कंपनियां मैथी के पावडर को आज के समय में हमारे बाजार तक ले आई हैं। जिससे पुराने से पुराना मधुमेह रोग भी ठीक हो जाता है। आपको सिर्फ मैथी के दानों का चूर्ण नित्य प्रातः खाली पेट दो टी-स्पून चूर्ण पानी के साथ लेना है । कुछ दिनों में ही आप इसकी अद्भुत चमत्कारी क्षमता देखकर खुद हैरान होने लगेगें।
10.मधुमेह के कुछ अन्य उपचार :मधुमेह रोगियों को प्रतिदिन नियमित रूप से दो चम्मच नीम का रस, केले के पत्ते का रस चार चम्मच सुबह-शाम लेना चाहिए। जिससे खुद को इस रोग से दूर रखा जा सकता है। दूसरी ओर आंवले का रस चार चम्मच, गुडमार की पत्ती का काढ़ा सुबह-शाम लेना भी मधुमेह रोग पर बहुत हद्द तक नियंत्रण पाया जा सकता है।