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देश में नक्सली हमलों को रोकने में , कितनी सफल रही सरकार ??

साल 2018 की बात करें तो पता चलता है इस साल तक़रीबन 20 से 25 नक्सली गतिविधियाँ हुई जिसमे 20 से अधिक बुरी तरह से ज़ख़्मी और लगभग 90 से 100 की संख्या में जान हानि हुई थी।

सत्ता में आने से पहले देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से वादा किया था कि यदि जनता उनकी सरकार चुनती है तो वह देश भर में हो रहे नक्सली हमलों की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास करेंगें।  देश की जनता ने उनके वादों पर इतना यक़ीन दिखाया की 2014 के चुनाव के परिणाम में भाजपा सरकार पूर्ण बहुमत से विजय रही। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि देश की बागडोर संभालते हुए उन्होंने ऐसे बहुत से ठोस कदम उठाये है जिससे नक्सलियों की कमर टूट गयी है। भाजपा सरकार का कहना है की उनके द्वारा किये गए नोटेबंदी के फैसले ने देश में आज उग्रवाद और नक्सलियों की कमर तोड़ दी है। नक्सलियों के पास काले धन को नोट बंदी के ठोस कदम ने एक पल में मिट्टी कर दिया है।

यदि आप आजकल खबरों की सुर्ख़ियों पर नज़र डालें तो आय दिन प्रधान मंत्री मोदी जी के नए नए भाषण देखने को मिलते है। हाल ही में प्रधान मंत्री जी ने आपने एक भाषण  में बयान दिया है कि उनकी सरकार के आने से देश में नक्सलियों द्वारा किये गए हमले बहुत ही कम हो गए है। उन्होंने कहा की पहले देश के नागरिकों को खतरा था नक्सलियों के हमलों का ,लेकिन अब उन्हे ऐसी कोई चिंता नहीं सताती है। क्योंकि देश भर में नक्सली गतिविधियाँ लगभग खत्म हो गयी है।

लेकिन प्रधान मंत्री जी के वादों की ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही कहानी बता रही है।  अगर हम आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो देश भर में सिर्फ साल 2017 में लगभग 7 से 10  नक्सली गतिविधियाँ हुई जिसमे सुरक्षा बल,राजकीय सुरक्षा अधिकारी के साथ साथ आम जनता को भी अपनी जान गँवानी पड़ी। साल  2017 में ही 24 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में संदिग्ध माओवादी विद्रोहियों के द्वारा एक बड़े हमले को अंजाम दिया गया जिसमे 25 केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान शहीद हो गए और 7 से 10 बुरी तरह से घायल हो गए। बताया जाता है कि ये हमला उस साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला था जो जवानों पर किया गया।

दूसरी ओर अगर साल 2018 की बात करें तो पता चलता है इस साल  तक़रीबन 20 से 25 नक्सली गतिविधियाँ हुई जिसमे 20 से अधिक बुरी तरह से ज़ख़्मी और लगभग 90 से 100 की संख्या में जान हानि हुई थी।

साल 2019 की तरफ रुख करे तो उसका हाल भी कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा। जनवरी 2019 बिहार के हाजीपुर में नक्सलीओं ने एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी। दूसरी और  छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले नक्सलियों ने आम नागरिकों के एक वाहन को आईईडी विस्फोट करके उड़ा दिया जिसमें नौ लोग घायल हो गए। उस मामले में भी जानकारी मिली थी कि नक्सली सुरक्षाबलों को निशाना बनाने ताक में थे।

मार्च महीने की एक बड़ी खबर से पता चलता है कि  बिहार के गया इलाके में नक्सलियों ने भाजपा नेता पूर्व एमएलसी अनुज कुमार सिंह का घर उड़ा दिया। हमला आधी रात को डायनामाइट विस्फोटक का था जिस से सारा इलाक़ा ढल गया। ऐसा ही एक हमला छत्तीसगढ़ में  सेना के एक गश्ती दल पर हुआ जिसमे नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में ASI सहित चार सीमा सुरक्षा बल के चार जवान शहीद हो गए।

अप्रैल माह में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में भाजपा के काफ़िले पर नक्सलियों ने फिर हमला किया जिसमे  MLA भीमा मंडावी समेत 5 लोगो की मौत हो गयी। ऐसा ही एक हमला बीजापुर में तोंगगुड़ा कैंप के बाहर जवानों पर हुआ जिसमे 2 जवान शहीद हो गए और एक ज़ख़्मी हो गया।

अभी हाल ही में 1  मई देश में इस साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला हुआ जिसमे लगभग 15 से 17 जवान शहीद हो गए।  हमला महाराष्ट्र के गढ़चिरौली इलाके में हुआ हमला इतना ज़ोरदार था की सेना के वाहनों के परखच्चे तक उड़ गये। इस हमले में नक्सलियों ने सेना व् पुलिस के 25 से 30 वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

अभी 8 मई को भी ओडिशा के कोरापुट जिले में  नक्सली हमला हुआ जिसमे सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभालते हुए 5 नक्सली मार गिराए है। फिलहाल इलाके में अभी भी जाँच जारी है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के उठाये गये ठोस क़दमों से देश में नक्सली हमलों में कितनी कमी  हुईं है ये तो आपको पता चल ही गया होगा। और देश में इतनी गति से बढ़ रहे नक्सली हमले देश के लिए बड़ा चिंता का विषय है। और अगर इस समस्या से जल्द ही छुटकारा नहीं पाया गया तो वो दिन दूर नहीं जब आम जनता का देश में चैन से रहना भी मुहाल हो जाएगा।

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