शराब की दुकान मधुशाला खोल कर- जनता की मांग बोल कर- सरकार अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने मे लग गई..
क्या शराब की दुकान पर आने वाले ग्राहकों से कोरोना का खतरा नहीं बढ़ेगा? राज्य सरकारें अपने राजस्व के लालच में कोरोना को बढ़ावा दे रही हैं.
रितेश सिंह नई दिल्ली – केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में शराब, पान, गुटखा और तंबाकू की दुकानें खुलेंगी, लेकिन दुकान पर एक बार में पांच से ज्यादा लोग नहीं होंगे और वो भी दो गज की दूरी बनाकर खड़े होंगे. सार्वजनिक स्थलों पर पान गुटखा, तंबाकू वगैरह चबाने की इजाजत नहीं होगी.
दुर्भाग्यवश इस गाइडलाइन के बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई प्रदेशों में शराब की बिक्री शुरू हो गई है. लोग लाइन लगाकर शराब की खरीदारी कर रहे हैं. कहीं-कहीं पर सोशल डिस्टेनसिंग के नियमों की धज्जियां भी उड़ाई जा रही है.
शराब की दुकान मधुशाला खोल कर- जनता की मांग बोल कर, सरकार अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने मे लग गईं, अब भारत 5 ट्रिलियन की आर्थिक साम्राज्य करोना काल मे, मधुशाला से प्राप्त कर लेगी , आज के मिडिया मे दिखे तस्वीर से यही लगता है, वाह सरकार ने क्या “इकोनॉमिक्ल एग्जिट प्लान “बनायीं है ,उन महानुभावो के समक्ष नतमस्तक होने को जी करता है, मेरे राष्ट्र निर्माता के सामने, सरकार के अच्छे दिन हमेशा थे -(जो की 40दिन मे खराब हो गये थे )फिर से अच्छे हो गये यह किस प्रकार के व्यवस्था की प्रस्तुति है।
अब बात जनता की जिनकी हालत पहले से बहुत अच्छे थे, 40 दिनो के लॉक डाउन मे और अच्छे हो गये, वो अपनी आर्थिक स्थिति और खराब कैसे करे, ये सरकार बता ही चुकी है , आदरणीय प्रधानमंत्री जी, घोषणा मे, याद होगा ही, आपसभी को, उनके अनुरोध को -बैंक EMI ना ले,किराया ना ले,कंपनी तनखाह दे, ऐसे कई अनुरोध, जिसको लोगो आदेश मान लिए, क्या दूरदर्शी सरकार है, अनुरोध को आदेश मान लेती है, और आर्थिक रोड मैप का आधार, और उससे सोसल मिडिया के ज्ञाता गण , इंटरनेट समाज मे क्रांति ला देते है गजब का आचरण प्रस्तुत किया जा रहा है।
जनता के प्रति ईमानदार शासन आदेश देती है, थोथी घोषणा नहीं, “करोना काल”खत्म होते- होते, मार्च 2021 आ जायेगा,इसके लिए इसके साथ जीवन जीना होगा, इसलिए सरकार पहले आर्थिक जीवन नहीं -स्वास्थ्य जीवन और सरल जीवन चर्या का, रोड मैप पे कार्य करे, जीवन की जटिलताओं को कम करे, जो शराब बेच कर नहीं खत्म होगा
2020 की उपलब्धी जिन्दा बने रहना होगा जान है तो जहाँ है ना की आर्थिक साम्राज्य ख़डी करना , इसलिए लोगो की स्वस्थय शक्ति (इम्यूनिटी सिस्टम) पे ध्यान केंद्रित किया जाये, इसके लिए अबिलम्ब, एग्रीकल्चर पे ध्यान देने की आवश्यकता है,ताकि इस मानसून हेल्दी खद्ययान उत्पादन और भंडारन दुगनी की जा सके , ताकि खाने पिने की वस्तुएं सस्ती हो सके , और कोई भूखा ना रहे क्योंकि हेल्दी खायेगा इंडिया तभी जिन्दा रहेगा इंडिया
आने वाले कुछ महीने फ्री बाटकर खाद्ययान भंडार भी खत्म हो जायेगे, इसके साथ टैक्स पेयर को राहत की ब्यवस्था हो ना की प्रत्यछ या अप्रत्यछ उपायों से नए टैक्स लाद दी जाये कोरोना सेस के नाम पर और सबसे बड़ी समस्या लॉक डाउन खुलते ही, सभी प्रकार के ट्रान्स्पोर्ट सिस्टम, की कॉस्टिग कम से कम आज की स्थिती पे बनाये रखना होगा जरूरी होगा, इन सब विषयों पर काम करना होगा न कि थाली बजाना और दीपक जलाना जैसे कार्य
भारत में असंठित क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जिसमे सर्वाधिक रोजगार के विकल्प है इनको कैसे सुव्यवस्थित किया जाय सरकार को इसपर बल देना चाहिए नहीं तो महगाई और बेरोजगारी की स्थिति भयावह होंगी और इसका असर भारत के 90 फीसदी आबादी पर स्पस्ट दिखायी देगा।