आखिर कब तक गोडसे और गाँधी के बीच संघर्ष करता रहेगा भारत का भविष्य ?
दरअसल नाथू राम गोडसे ने अपने बयान में कहा था कि उसने गांधी जी की हत्या पाकिस्तान निर्माण करने की वजह से की। गोडसे का मानना था कि गांधी जी ने पाकिस्तान बना कर मुसलमानों के हित में फैसला किया है उन्हें एक वक़्त पर हिंदुओं पर हो रहे ज़ुल्मों से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा था। इसलिए एक अलग मुल्क बनाने के लिए गोडसे ने गांधी की हत्या कर दी।

महात्मा गांधी जहाँ देश के सबसे बड़े नेता राष्ट्रपिता के रूप में याद किये जाते है वहीँ आज़ाद भारत के इतिहास में नाथू राम गोडसे को इस देश का पहला आतंकवादी माना गया है। गांधी और गोडसे के बारे में आप सब जानते ही होंगे फिर भी पुष्टि के लिए एक बार फिर आपको बता देना चाहता हूँ कि गाँधी वो शख्सियत है जो देश के ही नहीं बल्कि सारी दुनिया के इतिहास में बड़े आदर भाव से याद किये जाते है। और किए भी क्यों न जाये आखिर उनकी एक लाठी और देशवासियों की ताक़त ने एक साथ मिलकर अंग्रेज़ों की विशाल सेना को अपने देश से खदेड़ा था।
देश का एक ऐसा नेता जिसकी एक आवाज़ पर सारी जनता इकट्ठी हो जाती थी,जिसकी एक आवाज़ से अंग्रेजी हुक़ूमत की जड़ें तक सोचने पर विवश हो जाती थी. ऐसी शख्सियत का नाम सुनते एक भारतीय होने के नाते सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। गांधी जी के बारे में यदि विस्तार में बताने लगूंगा तो शायद शब्द कम पड़ जाये। इसलिए गागर में सागर भरते हुए केवल इतना ही कहुगाँ कि गांधी का मतलब सत्य अहिंसा और आज़ाद भारत है, था और हमेशा रहेगा।
दूसरी ओर आज़ाद भारत के इतिहास के पन्नों में छिपा हुआ वो नाम जिसे हम देश का पहला आतंकवादी या हत्यारा कहें तो गलत नहीं होगा। जी हाँ दोस्तों, बिलकुल सही सोच रहें है आप। मैं बात कर रहा हूँ नाथू राम गोडसे की।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अध्यक्ष एव अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के कार्यकर्ता नाथू राम गोडसे वो शख्स है जिसने 30 जनवरी 1948 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को बिड़ला भवन में प्रार्थना-सभा के समय तीन गोली मारकर उनकी निर्मम हत्या कर दी थी। आज इस घटना को लगभग 71 वर्ष से भी अधिक हो गया है। लेकिन इस घटना को लेकर देश में विवाद आज भी होता है।
दरअसल नाथू राम गोडसे ने अपने बयान में कहा था कि उसने गांधी जी की हत्या पाकिस्तान निर्माण करने की वजह से की। गोडसे का मानना था कि गांधी जी ने पाकिस्तान बना कर मुसलमानों के हित में फैसला किया है उन्हें एक वक़्त पर हिंदुओं पर हो रहे ज़ुल्मों से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा था। इसलिए एक अलग मुल्क बनाने के लिए गोडसे ने गांधी की हत्या कर दी। इस हत्या के बाद गोडसे पर पंजाब उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए उसे फाँसी की सजा सुनाई।
लेकिन आज 71 बरस बाद देश की आबादी दो गुटों में बँट गयी सी नज़र आती है गोडसेवाद और गाँधीवाद। जहां देश अधिकतर आबादी गोडसे को हत्यारा मानती है वहीँ दूसरी ओर इस देश में नाथू राम गोडसे को आदर से देखने वालों की कभी कमी नहीं रही है।

गोडसे के समर्थक गोडसे को हत्यारा नहीं बल्कि देश-प्रेमी मानते है। उनका मानना है कि गोडसे को हत्या-स्थल से पकड़ा गया था। उसने ख़ुद अपना जुर्म कबूल किया। इस वजह से इस पर शक करना संभव नहीं था कि वह गाँधी की हत्या नहीं करना चाहता था। यह भी कहा गया कि जिस गोली से गाँधी मारे गए, वह गोडसे की नहीं थी।
हैरानी तो तब होती है जब गोडसे के समर्थक गोडसे की तुलना क्रांतिकारी भगत सिंह से कर देते है। और कहते है कि जिस तरह भगत सिंह ने उस वक़्त पार्लिमेंट में बम विस्फोट करके अपनी गिरफ्तारी दी थी उसी तरह गोडसे ने भी गांधी जी की हत्या करके खुद को कानून के हवाले कर दिया था।
अब कोई उन सरफिरों से कहे की भगत सिंह के बम विस्फोट में किसी भी प्रकार की जानहानि नहीं हुई थी उनका मक़सद तो सिर्फ गोरी सरकार को चेतावनी देना था कि सरकार अपनी हरकतों से बाज़ आ जाये नहीं तो हालात और बुरे भी हो सकते है।
इस बात को सुनकर फिर कुछ गोडसे भक्त कहेंगे भगत सिंह ने सांडर्स की हत्या की थी मै उनसे सिर्फ यही कहना चाहूँगा कि उस हत्या से पहले देश के एक बड़े नेता लाला लाजपत रॉय की डंडे मार मार कर हत्या हुई थी जिसका प्रतिशोध उन युवाओं ने उस सांडर्स की हत्या से लिया जिसके हाथ लाखों की भीड़ पर डंडे बरसाने को ज़रा भी कंपते नहीं थे ,जो हुक़ूमत के एक इशारे पर इंसानी जिस्म से हर मुमकिन वेह्शत करने को अपना सौभाग्य मानता था।
अब आप ही बताईये ऐसे इंसान का होना अच्छा है या ना होना। उस वक़्त भगत सिंह का मक़सद था जेल जाना ताकि दुनिया समाचार पत्रों में उनकी सोच और विचारधारा को समझ सके और इसका नतीजा भी उस वक़्त के लोगों ने क्या खूब देखा। पहली बार गोरी हुक़ूमत किसी भारतीय की मांगो के आगे झुकी थी। आप ऐसे शख्सियत की तुलना गोडसे से कैसे कर सकते है मैं नहीं जनता। सबका अपना अपना नज़रिया है देखने का।
आज देश में गांधी की विचारधारा को मानने वालों की संख्या ज़रा कम होती जा रही है क्योकिं लोग सिर्फ सुनकर ही गोडसे को महान बताते है। में आपको बता दू कि महात्मा गांधी के विचारों को दुनिया भर के विद्वान कई बार पढ़ते है और अपने आने वाली पीढ़ी को भी पढ़ाते है,लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि जहाँ एक ओर पूरी दुनिया गांधी को पढ़कर दुनिया को बदल रही है वहीँ दूसरी और गांधी की अपनी मिटटी से उपजे लोग ही आज उसके हत्यारे को अपना मसीहा मानने लगे है।
जिस भारत का सपना गांधी ने वर्षों पूर्व देखा था आज का भारत बिलकुल उसके उल्ट बन गया है। आज देश में भुखमरी या बेकारी कोई मुद्दा नहीं है आज राम और रहीम मुद्दा बन गए है। कोई पूछ इन सरफिरों से कि कण कण में रहने वाले प्रभु राम इनकी मर्ज़ी से रहेंगें और अगर इनकी मर्ज़ी से रहेंगे तो यानी इतने सालों से भगवान राम बेघर है मतलब। और दूसरी ओर जिस अल्लाह ने इंसानों को बनाया है क्या वो अपने रहने के लिए उन इंसानों से जगह लेगा जिनका ज़हन ही बीमार है जिन्हे इंसानी जान की कोई परवाह नहीं है।
माफ़ कीजियेगा मेरा मक़सद किसी धर्म या समुदाय की भावना को ठेस पहुँचाना नहीं है लेकिन आज के हालत देखकर दुःख होता है अपने अपने धर्मों के जानकार लोग दूसरे के मज़हब की कमियों का प्रचार करने में लगे हुए है।
बहरहाल ! मैं भी गांधी जी के भारत की सुनाते सुनाते आज के भारत में पहुंच गया। लेकिन क्या ये सच में गांधी , सुभाष , भगत सिंह , कलाम आज़ाद ,और अशफ़ाक़ुल्लाह खान जैसे महापुरुषों के सपनों का भारत है ??
इस देश में महिलाओं को भगवान से भी ऊँचे दर्जे का स्थान प्राप्त है लेकिन आज इस महान भारत की दशा ये हो गयी है की केवल 8 माह की बच्ची जिसके अंग भी पूरी तरह से नहीं पनपे होते आज बलात्कार का शिकार हो रही है। खुद से पूछे आप क्या भारत महान है।
सच में आज का भारत बिलकुल गांधी के भारत से उल्ट हो गया है। गांधी जी जैसे शांतिपूर्वक और अहिंसा के पुजारी के रास्ते पर चलने वाले जब उनके हत्यारे गोडसे के नाम को गांधी से भी बड़ा बताते है तो दुख भी होता है और हंसी भी आती। हालात देख कर लगता आने वाले भारत का भविष्य गाँधी और गोडसे के विचारों को अपनाने के बीच में संघर्ष करता रहेगा। मुझे तो इस बात का भी डर है कहीं आने वाली नस्लें ये न कह दें की गाँधी वही था जो गोडसे जैसे देश भक्त के हाथों मारा गया।
इन दोनों में से किसकी छवि भारतवर्ष के लिए कारगर सिद्ध हुई है मुझसे बढ़कर आप सब जानते है। और अगर आप लोग अपनी सोच,विचारधारा या कोई सुझाव मुझे देना चाहते है तो कॉमेंट बॉक्स आपके इंतज़ार में है।