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विकास का नया एजेंडा! 1.2 लाख किसानों के खाते में पैसे डालकर लिए वापस, प्रधानमंत्री किसान योजना का बड़ा खुलासा !!!

कृषि मंत्री ने कहा कि योजना के लगभग 1,19,743 लाभार्थी किसानों के तहत पैसे डालने के बाद उसे वापिस ले लिए गया था। हर खाते से 2000 रुपये की राशि को वापिस लिया गया जिसमे कुल मिलाकर 23.95 करोड़ रुपये की राशि को किसानों के खाते से वापिस लिया गया है।

हाल ही में मोदी सरकार द्वारा चलाई गयी “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” लगातार ख़बरों की सुर्खियाँ बटोर रही है। आपको बता दें कि “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” के चलते एक बड़ा खुलासा हुआ है बताया जा रहा है कि योजना के तहत लगभग 1,19,743 किसानों के खाते में पैसे डालने के बाद वापिस लिए गए है। इस बात का खुलासा 21 जून 2019 को राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया है।

दरअसल बीते 21 जून को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में इस बात पर से पर्दा उठाया है।  कृषि मंत्री ने कहा कि योजना के तहत लगभग 1,19,743 लाभार्थी किसानों के खाते में पैसे डालने के बाद उसे वापिस ले लिए गया था। हर खाते से 2000 रुपये की राशि को वापिस लिया गया जिसमे कुल मिलाकर  23.95 करोड़ रुपये की राशि को किसानों के खाते से वापिस लिया गया है।

सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” के तहत जिन किसानों के पास दो हेक्टेयर या इससे कम की भूमि है उन्हे तीन किश्तों में एक वर्ष में 6,000 रुपये देने का प्रावधान रखा गया था।

2019 के लोकसभा चुनावों को पूर्ण बहुमत से जीतने के बाद मोदी सरकार ने साफ़ शब्दों में कहा था कि अब देश के किसानों की हर मुश्किलों का समाधान किया जाएगा। लेकिन यहाँ कहानी कुछ और ही बता रही है।


केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने बयान में बताया कि इस योजना के तहत राज्य सरकारों से लाभार्थी किसानों की  सूची देने के लिए कहा गया था। जिसके बाद खातों में सीधे सब्सिडी के ज़रिये लाभार्थियों को पैसे भेजे जाने थे।

लेकिन पैसे भेजने के बाद ही पता चला कि किसान लाभार्थियों के नाम खाताधारको के नाम अलग अलग है जिसके बाद भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने राज्यों द्वारा 2,69,605 किसानों के खाते में पैसे न डालने के लिए कहा गया। लेकिन1,19,743 लाभार्थी किसानों के खाते में पैसे डाले जा चुके थे, इसलिए बैंकों और एनपीसीआई ने इन किसानों के खाते से पैसे वापस ले लिए।

“आरटीआई” की रिपोर्ट के अनुसार मिली जानकारी से पता चला कि “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” के तहत” किस तरह किसानों के खातों में से करोड़ों की राशि को डालकर वापिस ले लिया गया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने बयान में कहा कि अब इन रिपोर्टों का संज्ञान सरकार ने खुद लिया है। और अब इस पूरे मामले की जांच शुरू से की जाएगी।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के 86,314 किसानों के खाते में पैसे दाल दिए गए है। इसके बाद महाराष्ट्र में योजना के तहत 32,897 किसानों को उपयुक्त राशि पहुंचा दी गयी है। हिमाचल प्रदेश में भी 346 लाभार्थियों के पैसे वापस कर दिए गए है। उत्तराखंड ,हरियाणा और जम्मू कश्मीर के किसानों के भी पैसे लौटा दिए गए है।

गौरतलब की बात ये है कि जौनपुर के किसानों का कहना है कि वे इस योजना के लाभ के पूर्णत पात्र है जिन्हे अभी तक सरकार से कोई पैसा नहीं मिला है, इसलिए वे सरकार से अब दोबारा पैसा वापिस मिलने की उम्मीद लगाए हुए है। अब देखना ये होगा कि इन किसानों को इनके हक़ के पैसों से कब तक दूर रखा जाता है।

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