Business, Economy, Finances, Banking & InsuranceIndustry, Real Estate & ConstructionPolitics, Law & Society
Trending

नए श्रम संहिता देश में शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण श्रम संबंधों को सुनिश्चित करेंगे: अध्यक्ष, एआईओई

नए श्रम संहिता सामंजस्यपूर्ण औद्योगिक संबंधों को बढ़ावा देंगे, उच्च उत्पादकता सुनिश्चित करेंगे और अधिक नौकरियों का सृजन करेंगे: संतोष कुमार गंगवार

केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ने आज कहा कि नए श्रम संहिता सामंजस्यपूर्ण औद्योगिक संबंधों, उच्च उत्पादकता और अधिक रोजगार सृजन को बढ़ावा देंगे।

फिक्की की संबद्ध संस्था एआईओई की 86वीं वार्षिक आम बैठक के वेबिनार को संबोधित करते हुए श्री गंगवार ने कहा कि श्रम संहिता एक पारदर्शी, जवाबदेह और सरल तंत्र के साथ-साथ एक पंजीकरण, एक लाइसेंस और सभी कोडों के लिए कम रिटर्न फाइलिंग की व्यवस्था स्थापित करेगा। हमने श्रम बल की सहायता करने और उनकी भलाई का ध्यान रखने के लिए श्रम संहिता के माध्यम से कई कदम उठाए हैं।

श्री गंगवार ने आगे कहा कि सरकार पिछले 73 वर्षों में पहली बार देश में आवश्यक श्रम सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इन संहिताओं को अंतिम रूप देने से पहले पिछले छह वर्षों में नियोक्ताओं, व्यापार संघों और विशेषज्ञों सहित सभी हितधारकों के साथ कई व्यापक परामर्श किए गए।

नए श्रम संहिताओं के लाभों पर प्रकाश डालते हुए श्री गंगवार ने कहा कि न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा के लिए इसके दायरे में संगठित, असंगठित क्षेत्र के 50 करोड़ से अधिक श्रमिक आएंगे। उन्होंने कहा कि निश्चित अवधि के रोजगार की शुरुआत की गई है और निश्चित अवधि के कर्मचारी को नियमित कर्मचारियों के समान सेवा शर्तें मिलेंगी।

उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी कंपनी में अचानक हड़ताल करने को हतोत्साहित करने के लिए आईआर कोड में 14-दिवसीय नोटिस का प्रावधान किया गया है। किसी भी प्रतिष्ठान में सभी कर्मचारियों को हड़ताल की घोषणा करने से पहले 14 दिन का नोटिस देना होगा। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि इस अवधि के दौरान शिकायतों को सौहार्दपूर्ण तरीके से दूर किया जा सके। श्री गंगवार ने कहा कि एक समझौता संघ के गठन का भी प्रावधान किया जाएगा, जिसका लाभ श्रमिकों और उद्योग को भी मिलेगा।

व्यवस्था से इंस्पेक्टर राज को हटाने के लिए श्री गंगवार ने कहा कि इंस्पेक्टर को अब इंस्पेक्टर सह सुविधा प्रदाता कहा जाएगा। पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जवाबदेही लाने के लिए हमने एक वेब-आधारित निरीक्षण प्रणाली स्थापित करने का भी प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि ये नई संहिता न केवल श्रम कानूनों को सरल बनाएंगे बल्कि व्यापार करना भी सहज बनाएंगे।

श्री गंगवार ने कहा कि सरकार मामलों के जल्द निपटारे को सुनिश्चित करने के लिए अपराध शमन की प्रक्रिया को भी सुव्यवस्थित कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपाउंडिंग के जरिए एकत्र की गई राशि को एक विशेष सामाजिक सुरक्षा कोष में स्थानांतरित किया जाएगा, जिसका लाभ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मिलेगा।

श्री गंगवार ने कहा कि तेज फैसला लेना सुनिश्चित करने के लिए लाइसेंस, अनुमोदन आदि प्राप्त करने के लिए ’डीम्ड अनुमोदन’ का प्रावधान भी शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि एक निश्चित समय-सीमा निर्धारित की गई है। यदि लाइसेंस जारी करने वाला प्राधिकारी इसे दी गई समय सीमा में नहीं देता है तो कंपनी को ‘डीम्ड अनुमोदन’ प्राप्त होगा।

भारत में दक्षिण एशिया और देश कार्यालय में डीडब्ल्यूटी, निदेशक आईएलओ, सुश्री डगमर वाल्टर ने कहा कि नई श्रम संहिता की सफलता मुख्य रूप से इसकी कार्यान्वयन रणनीति, स्थानीय और राज्य संस्थानों की क्षमता और सामाजिक साझेदारों की भागीदारी पर निर्भर करेगी। उन्होंने कहा कि श्रम नीतियां और कानून कामकाजी दुनिया की रीढ़ हैं जो श्रमिकों और नियोक्ताओं को उनके हितों की सुरक्षा की गारंटी देते हैं और उत्पादकता के लिए आवश्यक एक सुरक्षित और कार्य के अनुकूल माहौल बनाते हैं। कोविड-19 के बाद के परिदृश्य में श्रम सुधारों को स्थायी समाधान सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, जो कमजोर लोगों की रक्षा के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि हमें उचित और समावेशी समाज का विकास सुनिश्चित करने के लिए अच्छे उपायों की आवश्यकता होगी।

सुश्री वाल्टर ने आगे कहा कि भारत दुनिया के लिए विविधता में एकता का प्रतीक है और यह बेहतर भविष्य के लिए वांछित टिकाऊ सुधार और विकास को हासिल करने के लिए सबसे अच्छा नुस्खा है। उन्होंने कहा कि महामारी नियोक्ताओं और श्रमिक संगठनों के बीच सामाजिक भागीदारी होने के महत्व की ओर संकेत करता है।

एआईओई के अध्यक्ष श्री रोहितरेलन ने नए श्रम संहिताओं पर सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये हमारे देश में शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण श्रम संबंधों के लिए दूरगामी प्रभाव डालेंगे। उन्होंने कहा कि एआईओई तहे दिल से नए श्रम सुधारों का स्वागत करता है क्योंकि यह भारत के बड़े अनौपचारिक क्षेत्र के कर्मचारियों को औपचारिक कार्यबल में शामिल करने के नए दरवाजे खोलता है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि इन संहिताओं के लागू होने से सहज व्यवसाय (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) की रैंकिंग भारत आगे बढ़ सकेगा।

श्री रेलन ने आगे कहा कि नई संहिता रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देंगी और अनौपचारिक क्षेत्र के कर्मचारियों को औपचारिक क्षेत्र में शामिल किए जाने से निश्चित रूप से हमारी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और इसे दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाने में मदद मिलेगी।

एआईओई के अध्यक्ष चुनाव श्री शिशिर जयपुरिया ने कहा कि नए श्रम संहिता निश्चित रूप से निवेशकों को एक सकारात्मक संदेश देंगे। उन्होंने कहा कि आईसीटी का उपयोग करके परिचालन क्षेत्रों में सरकार द्वारा लाए गए सुधार, नि:संदेह नौकरशाही से जुड़ी बाधाओं और टालने योग्य कागजी कार्रवाई को कम करेंगे। ये सुधार न केवल कोविड- 19 के दौरान नियोक्ताओं और कर्मचारियों की मदद करने जा रहे हैं, बल्कि कोविड-19 के बाद भी गतिशील और प्रासंगिक बने रहेंगे।

श्री जपुरिया ने केंद्रीय मंत्री श्री गंगवार को यह भी आश्वासन दिया कि नियोक्ता यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करेंगे कि देश में विकास और सामाजिक सद्भाव का माहौल बना रहे।


Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close