विश्व के शीर्ष 300 विश्वविद्यालयों में एक भी भारतीय विश्वविद्यालय को नहीं मिली जगह।
कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पांचवें पायदान से छलांग लगाते हुए दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। जबकि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तीसरे, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय चौथे और मैसाचुएटेस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) पांचवें स्थान पर अपनी जगह बनाए है। छठी और सातवीं पायदान की जगह प्रिंसटन विश्वविद्यालय और हावर्ड विश्वविद्यालय ने अपने नाम की।
हाल ही में ख़बरों की सुर्ख़ियों से पता चला है कि इस साल की शीर्ष 300 वैश्विक विश्वविद्यालयों की सूची में भारत को एक भी स्थान नहीं मिला है। आम शब्दों में कहें तो इस 300 क्रम की सूची में से भारत बहार हो चुका है। हालांकि, आईआईएससी अब भी भारत का सर्वोच्च स्थान वाला शिक्षा केंद्र है। लेकिन यह 251-300 की श्रेणी से गिरकर 301-350 की श्रेणी में पहुँच गया है।
कहा जा रहा है कि साल 2012 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि भारत विश्व के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों की सालाना रैंकिंग में शीर्ष 300 से बाहर हो गया है। लेकिन टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में इसी वर्ष भारत के विश्वविद्यालयों का स्थान 49वे स्थान से बढ़कर 56वे स्थान पर हो गया है।
भारत के सबसे शीर्ष स्थान वाला शैक्षणिक संस्थान बेंगलुरु में स्तिथ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) है जिसके शीर्ष 300 के कर्म के बाहर होने के साथ ही भारत साल 2012 के बाद पहली बार शीर्ष विश्वविद्यालय या संस्थान की सूची से बहार हुआ है।
वहीँ दूसरी ओर ब्रिटेन का ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय इस बार भी शीर्ष स्थान पर रहा है। यह लगातार चौथी बार हुआ है कि ब्रिटेन ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में अव्वल रहा है।
इसी मामले में टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग की संपादक एली बोथवेल अपने ब्यान में कहती है कि “भारत की तेजी से बढ़ती युवा आबादी और अंग्रेजी भाषा के निर्देश माध्यम के रूप में इस्तेमाल से वैश्विक उच्चतर शिक्षा में उसके (भारत के) पास अपार संभावना है. हालांकि, इस साल की शीर्ष 300 रैंकिंग से देश का बाहर होना और सिर्फ मुट्ठी भर संस्थानों का प्रगति करना काफी निराशाजनक है।
संपूर्ण विश्वविद्यालयों की में कुल मिलकर 56 भारतीय विश्वविद्यालयों ने अपना स्थान बनाया जोकि पिछले साल की सूचि संख्या स्थान 49 से अधिक है। लेकिन हमारे महाद्वीप एशिया में चीन के 24 विश्वविद्यालय शीर्ष 200 वैश्विक विश्वविद्यालयों की सूची में अपना स्थान बनाने में सफल हुए है। इसी के साथ एशिया में चीन का दबदबा बन गया है। वहीं विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधित्व के मामले में भारत पांचवें पायदान पर रहा है। जापान और चीन के बाद इस मामले में भारत को स्थान मिला है।
सूत्रों के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ ने प्रभावशाली तौर पर नये विश्वविद्यालयों में अपना नाम दर्ज कराया है। आईआईटी रोपड़ ने आईआईटी इंदौर को पछाड़ कर यह उपलब्धि हासिल की है।
बताया जा रहा है कि ये दोनों आईआईटी, मुंबई और दिल्ली के अन्य शीर्ष स्कूलों और पुराने आईआईटी से आगे निकल गए हैं। जहां आईआईटी रोपड़ ने शोध के पैमाने पर 100 अंक हासिल किए वहीं आईआईटी इंदौर ने 77 अंक हासिल किए।
जानकारी के अनुसार जहां देश के काफी सभी संस्थानों की रैंकिंग स्थिर है। वहीं दूसरी ओर कुल मिलकर सात भारतीय विश्वविद्यालय निचली श्रेणी में पहुंच गए हैं। आईआईटी दिल्ली, आईआईटी खड़गपुर और जामिया मिलिया इस्लामिया ने अपनी हालत में सुधार ज़रूर किया है लेकिन शैक्षणिक संस्थानों की कसौटी खरा नहीं उतर पाए।
ख़बरों की सुर्खियां बताती है कि कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पांचवें पायदान से छलांग लगाते हुए दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। जबकि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तीसरे, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय चौथे और मैसाचुएटेस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) पांचवें स्थान पर अपनी जगह बनाए है। छठी और सातवीं पायदान की जगह प्रिंसटन विश्वविद्यालय और हावर्ड विश्वविद्यालय ने अपने नाम की।