भगत सिंह जयंती पर हुआ शिक्षा आन्दोलन हेतु भारतबंद रहा सफल
60 प्रतिशत अभिभावकों नें किया आनलाईन पढ़ाई का बायकाट, 25 प्रतिशत मार्केट भी बंद रही
शिक्षा आन्दोलन हेतु सोशल मिडिया पर भी सुबह से ही अभिवावकों का आक्रोश नजर आया , देश भर के 53 अभिभावक संगठनों और 11 सामाजिक संगठनों सहित कई राजनितिक पार्टियों ने भी भारत बंद का समर्थन की। सबसे अच्छी बात यह रही कि आंदोलन पूर्णतया रूप से शांतिपूर्ण रहा आंदोलनकारियों की मुख्य मांग थी कि निजी विद्यालयों में आनलाइन पढ़ाई चल रही लिहाजा इसकी आनलाइन के तरह ही फीस तय हो..नहीं तो नो स्कूल, नो फीस।
भारत अभिभावक संघ के अध्यक्ष प्रताप चन्द्रा जी के नेतृत्व में चल रहे शिक्षा आन्दोलन के तहत भगत सिंह जयंती पर आज बहरी सरकारों को सुनाने हेतु जोर का धमाका “भारत-बंद” कराया गया जिसे सफल बनाने के लिए देश भर के 53 अभिभावक संगठनों और 11 सामाजिक संगठनों का समर्थन मिला था। प्रेस वार्ता में भारत अभिभावक संघ के अध्यक्ष प्रताप चन्द्र नें बताया कि कोरोना लाकडाउन से देश में आर्थिक मंदी से करोणों लोगों के सामने स्कूल फीस जमा करने की समस्या संगीन होकर आन्दोलन के रूप में अब सामने आने लगी है परन्तु बहरी सरकारें सुन नहीं रही थी जिसके लिए शिक्षा आन्दोलन की जरुरत पड़ी जिसके तहत आज भारत बंद कराया गया था जिसमें अभिभावकों से अपील की गई थी कि आज आनलाइन पढ़ाई का बायकाट करें जो देश भर में लगभग ६० प्रतिशत अभिभावकों नें किया भी और मार्किट लगभग २५ प्रतिशत लोगों नें बंद रखा
शिक्षा आन्दोलन हेतु भारत बंद के लिए चलाये जा रहे ट्विटर ट्रेंड अप्रत्याशित रूप से ७२ हज़ार पोस्ट हुई। महासचिव श्री विपिन तिवारी नें कहा कि अब शिक्षा आन्दोलन के पहले चरण भारत बंद की सफलता के बाद दूसरा चरण दिल्ली में लोकनायक जयप्रकाश (जेपी) के जन्मदिन 11 अक्टूबर 2020 से आमरणतप शुरू किया जायेगा।
शिक्षा आन्दोलन की तीन सूत्रीय मांग है, पहला नो स्कूल तो नो फीस, दूसरा आनलाइन स्कूल तो आनलाइन की ही फीस तय हो, तीसरा शिक्षा के नाम पर हो रहे शोषण से मुक्ति हेतु नियामक आयोग बने।
उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस कर्मचारी परिषद् के अध्यक्ष अजय सिंह नें बताया कि भारत अभिभावक संघ द्वारा चलाये जा रहे शिक्षा आन्दोलन का पूर्ण समर्थन है और अब निर्णायक संघर्ष की और शिक्षा आन्दोलन जा रहा है, उन्होंने कहा कि अभिभावकों की समस्या संगीन होकर आन्दोलन के रूप में अब सामने आने लगी है ऐसे में सरकारों की भूमिका काफी बढ़ जाती है लिहाज़ा सरकारें व्यापक जनहित में बच्चों की स्कूलफीस माफ़ करके अभिभावकों को राहत दे।
भारत अभिभावक संघ के द्वारा भारतबंद का समाजवादी जनता पार्टी चंद्रशेखर पूर्ण रुप से समर्थन किया था पार्टी के दिल्ली प्रदेश के मुख्य महासचिव श्री गिरिजा शंकर सिंह ने कहा की आज जरूरत है देश में एकदेश और एकशिक्षा की परंतु शिक्षामंत्रालय जो अभी नई शिक्षानीति लेकर के आई है उस नीति में इन प्राइवेट स्कूलों के लिए किसी भी प्रकार के रेगुलेशन की बात नहीं कही गई है।
21 मार्च से देश में लॉकडाउन की वजह से लगभग सभी के काम धंधे उद्योग रोजगार व्यापार तबाह है और ऐसी परिस्थिति में कोई अभिभावक एक बच्चे की 3000 —₹5800 की ₹6000 फीस कहां से दे पायेगा। यह भारत बंद हमने इसलिए किया है कि यह बात फासिस्टों की सरकार समझने को तैयार नहीं है और प्राइवेट स्कूल एक सुनियोजित लूटतंत्र का अड्डा बन कर के विपरीत परिस्थितियों में सामने उभरे हैं और इसे किसी भी स्तर से हम बर्दाश्त नहीं कर सकते सरकार के द्वारा लगभग फ्री में दी गयी जमीनों पर बने हुए धनपशुओं के कंक्रीटभवन कहने के लिए शिक्षा के केंद्र हैं परंतु वास्तविकता में यह लूट के अड्डे हैं ।
अभी सरकार के द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई करने की गाइडलाइन जारी करी गई है लेकिन सरकार ने इस विषय पर एक शब्द भी नहीं बोला है कि आप जब ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे तो उस ऑनलाइन पढ़ाई की फीस भी ऑनलाइन के जैसे ही होनी चाहिए। सरकार को इसे रेगुलेट करना चाहिए और इसे निर्धारित करना चाहिए कि जो फीस आज वर्तमान में जिस स्कूल की जितनी है उसका 25 फ़ीसदी ही वह ऑनलाइन फीस के नाम पर चार्ज कर सकता है तथा जो विद्यालय जो प्रबंधक इस आदेश को नहीं मानता है उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा की जाए।।
आज बिना किसानों की मांग के कृषि नीति लगा देती है सरकार लेकिन जिस की जरूरत है देश में वह समझ में नहीं आ रहा हम भारत अभिभावक संघ के द्वारा 28 सितंबर के भारत बंद का पुरजोर समर्थन इस लिए ही किये है और शांतिपूर्वक ढंग से इस बंद को सफल भी बनाया है।