डीबीटी योजना का आम जनता को कितना लाभ
सरकार के द्वारा इस योजना को लागू करने का सीधा मतलब था भ्रष्टाचार को खत्म करना और पंजीकरण में बढ़ोतरी।
मोदी सरकार ने सत्ता की कमान संभालने के बाद देश बदलने के लिए बहुत सी योजनाएँ चलाई।डीबीटी भी उन्ही में से एक योजना है।डीबीटी का अर्थ है डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर । भारत को विकास की राह पर ले जाने के लिए डीबिटी योजना एक नवीन अस्त्र है। इसमें सब्सडी हस्तांतरण सीधे लोगो के बैंक खातों में की जाती है।सरकार का कहना है कि इससे देश की आम जनता को काफी हद्द तक मुनाफा होगा।
क्या है डीबीटी-
सीधे शब्दों में कहे तो इसका मतलब है। सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी या चीज़ों पर दी गयी छूट या अन्य किसी भुगतान को सीधा सीधा व्यक्ति के खाते में डालना।
क्यों ज़रूरी- सरकार का कहना है इससे भ्रष्टाचार कम होगा और सरकारी पैसा भी सुरक्षित रहेगा।और देश विकास के रास्ते पर एक कदम और बढा देगा।
किन वस्तुओं पर सब्सिडी –
इसके बारे में प्रणव मुखर्जी ने 2011-12 में कहा था कि एलपिजी,केरोसीन उवर्रकों को नकद सब्सिडी का सीधा भुगतान होना चाहिए।
इनके लिए एक प्रणाली नियुक्त की गयी जिसने अपनी रिपोर्ट 2012 में सौंपी।
इस मामले में प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने खुद ट्वीट कर लोगो को बताया कि इस योजना से बहुत मदद मिली है योजना के तहत सरकार एक मोटी राशि की लीकेज रोकने में कामयाब हुई है।
वही दूसरी ओर एलपीजी के प्रयोग से आने वाली सब्सिडी में ग्रामीण लोगो कोई भी मुनाफा नही हुआ है।क्योंकि उन्होंने एलपीजी का इस्तेमाल करना छोड़ दिया है। लोगो का मानना है कि 700 से 800 रुपये का गैस सिलेंडर वो हर माह नही ले सकते इसलिए सब्सिडी का तो सवाल ही नही बनता।
सरकार के द्वारा इस योजना को लागू करने का सीधा मतलब था भ्रष्टाचार को खत्म करना और पंजीकरण में बढ़ोतरी। जहाँ एक तरफ केरोसिन और एलपीजी पर सब्सिडी देने की बात कही जाती है तो दूसरी इनकी कीमतें हर तीसरे चौथे दिन घटती बढ़ती रहती है। देश के अधिकतर हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रो का है। और ग्रामीणों के रुख से इस योजना का गाँव गाँव कितना लाभ हुआ बताना मुश्किल है। लेकिन उम्मीद है देश विकास में यह योजना एक नया कदम बढ़ाएगी।