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भारत यात्रा केंद्र, मनरेगा और नरवा, गरुवा घूरूवा बाडी योजना के उद्देशों को धरातल तक पहुंचाने का मिशन है विलेज इंडिया- सादात अनवर

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समाजवादी विचारों को आत्मसात किए देश के कोन कोने में समतामूलक समाज की आवाज़ बुलंद करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के विचारो के ध्वजवाहक सादात अनवर ने ग्रामीण रोजगार सृजन के उद्देश से एक संगठन का प्रारम्भ किया है जिसने गांव में ही रोज़गार सृजन कर ग्रामीण भारत की युवा शक्ति को गांव की धरोहरों को संजोकर कर रोटी रोज़ी से जोडने की अनोखी पहल किया गया है जिससे देशभर के युवाओं में काफी तेज़ी से आकर्षण बढ़ रहा है।

Go to village movement by Ex PM Chandrashekhar

The जनमत से विशेष बातचीत में सादात अनवर ने कहा कि हमारे आदर्श पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी ने देश के गांवों ग्रामों अंचलों की ऐतिहासिक पद यात्रा कर गांव के समक्ष चुनौतियों का समझने और उसके समाधान हेतु भारत यात्रा केंद्र स्थापित किया था जिसका मुख्य उद्देश ग्रामीण रोजगार सृजन करने हेतू प्रशिक्षण देकर गांव खेत खलिहान किसान मज़दूर को आर्थिक रूप से सुदृढ बनाना था परन्तु समय काल स्थिति परिस्थिति ने भारत यात्रा केंद्र के दायरे को सीमित कर दिया।

सादात अनवर ने पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा ग्रामीण रोजगार के लिए बनाई गई मनरेगा योजना को धरातल तक पहुंचाने पर भी बल दिया। ज्ञात रहे कि पिछले दिनों रघुवंश प्रसाद सिंह का देहांत हो गया था और उन्हें मनरेगा का जनक माना जाता है।

छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शूरू की गई ग्रामीण रोजगार सृजन पर आधारित नरवा, घरुवा बाडी योजना ने भी समाजवादी विचारों वाले सादात अनवर को प्रभावित किया है। वे कहते हैं कि गांव खेत खलिहान किसान मज़दूर के चौमुखी विकास के लिए भूपेश बघेल की उक्त योजना महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज को धरातल तक पहुंचाने का बेहतरीन माध्यम बन सकता है।

सादात अनवर के अनुसार उन्होंने में गांव गांव जाकर ग्रामीण रोजगार सृजन का अध्यन किया है और गांव में रोज़गार उपलब्ध नहीं होने के कारण युवा पीढ़ी को शहरों में पलायन करने पर विवश होने वाले ग्रामीण युवाओं से सीधा संवाद स्थापित कर समस्याओं के समाधान की अनोखी पहल किया है।

उन्होंने छत्तीसगढ से ही देशभर में ग्रामीण रोजगार सृजन सुनिश्चित करने का निश्चय किया और अंततः दलीय राजनीति से दूर रहकर गांव गांव में रोज़गार सृजन केंद्र स्थापित करने के उद्देश्य से विलेज इंडिया नामक संस्थान की शुरुआत किया है।

दलीय राजनीति से निराश समाजवादी विचारों के प्रबल समर्थक सादात अनवर ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को छोड़ ग्रामीण भारत से रिश्ता जोड़कर भारतीय राजनीति को एक नया आयाम देने का निर्णय लिया परिणाम स्वरूप देश भर के प्रगतिशील कई युवा विलेज इंडिया में शामिल होकर गांव में रोज़गार सृजन करने में जुटे हुए हैं जिसके सुखद परिणाम प्राप्त होने लगे हैं।

सादात अनवर बताते हैं कि उन्होंने अपने कई साथीयों को उनके साथ कदम से कदम मिलाकर ग्रामीण भारत की खुशहाली के लिए मिलकर काम करना के लिए आमंत्रित किया है ताकि सहयोग समन्वय के आधार पर विलेज इंडिया को ग्रामीण रोजगार सृजन का केंद्र बनाया जा सका है।
वे कहते हैं कि उक्त उद्देश्य की भली भांति पूर्ति के लिए उन्होंने अपने निकटतम मित्र ज़िया रहमान को विलेज इंडिया के संचालन की ज़िम्मेदारी सौंपी है जो कौशल बुद्धि विवेक और संगठनात्मक संरचना के अच्छे जानकार हैं।

विलेज इंडिया के संस्थापक सादात अनवर के अनुसार पूर्व सांसद, पूर्व विधयक, प्रशासनिक अधिकारी, पत्रकार, साहित्यकार, किसान मज़दूर संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी, कृषि वैज्ञानिक समेत बहू आयामी विभिन्न प्रकार के विशेषज्ञ ग्रामीण रोजगार सृजन मिशन में उनका सानिध्य कर रहे हैं ताकि वाद विवाद से दूर गांव में रोज़गार सृजन के उद्देश विशेष को धरातल तक पहुंचाने में आसानी हो सके।

The जनमत की पूरी टीम के तरफ से छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व विलेज इण्डिया के फाउंडर सादात अनवर को शुभकामनायें जिन्होंने चलो गांव की ओर के नारे के साथ विलेज इंडिया के बैनर तले रचनात्मक कार्यों पर केंद्रित होकर ग्रामीण रोजगार सृजन मिशन में योगदान दे रहे हैं।

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