बाबा रामदेव के पतंजलि समूह ने 400 एकड़ से अधिक की भूमि पर किया कब्ज़ा- व्यवस्थापन का हुआ नाश।
हाल ही में खबरों की सुर्ख़ियों से पता चला है कि भाजपा समर्थक और योग-गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि समूह ने हरियाणा राज्य के अरावली क्षेत्र में नियमों का उल्लंघन करते हुए लगभग 400 एकड़ से भी कहीं अधिक की ज़मीन पर कब्ज़ा किया है। एक रिपोर्ट के आंकड़ों ने खुलासा किया है कि जंगलों व् ग्राम पचयतोँ के अधिकार क्षेत्र के हिस्से आने वाली ज़मीन पर पतंजलि समूह ने अधिग्रहण किया है। हालांकि नियमानुसार यह ज़मीन अधिग्रहित की ही नहीं जा सकती थी।

बताया जा रहा है कि इस 400 एकड़ की ज़मीन में अधिकतर ज़मीन ऐसी थी जिस पर न तो किसान खेती कर सकता है और ना ही कोई कब्ज़ा। आसान शब्दों में कहें तो यह ज़मीन “ग़ैर मुमकिन पहाड़” की थी। बाकी बची हुई ज़मीन ग्राम पंचायतों के अधिकार क्षेत्र में थी जो किसी भी व्यक्ति यां फ़ैक्टरी व् कम्पनी को नहीं बेची जा सकती थी। वही साल 2011 में देश के उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार कहा गया था कि इस ज़मीन की बिक्री गैर-कानूनी है और ग्राम पंचायत के हिस्से की सांझा ज़मीन ग्राम पंचायतों को जल्द से जल्द वापिस दी जानी चाहिए।
आपको बता दें कि बिज़नेस स्टैंडर्ड ने खोजी रिपोर्ट के आधार पर बताया है कि जंगलों की ज़मीन के बड़े हिस्से का कार्य-संपादन साल 2014 से 2016 के अंतर्गत ही हुआ था। साल 2019 फ़रवरी में हरियाणा सरकार ने 3,184 एकड़ ज़मीन को समेकित करने के लिए एक सूचना जारी की थी जिससे श्रेष्ठ व् उत्तम खेती-बाड़ी हो सके। इस सूचना के अनुसार एक बड़े प्रदेश की ज़मीन के बिखरे हुए टुकड़ों को एक साथ मिलाना था। बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा सामने आयी रिपोर्ट से पता चलता है कि इस ज़मीन का एक बड़ा हिस्सा “ग़ैर मुमकिन पहाड़” तथा “शामलात देह” का है जिस पर ना तो किसी तरह की खेती की जा सकती है और ना ही विकास के दूसरे अन्य कार्य।
पतंजलि समूह और अधिग्रहण-
खबरों की सुर्ख़ियों की माने तो साल 2016 से 2017 तक भाजपा समर्थक और योग-गुरु स्वामी रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड समूह के पास हर्बो वेद प्राइवेट लिमिटेड के सभी शेयर(100%) थे लेकिन साल 2017 से 2018 आते-आते 100 % शेयरों में से 99% शेयरों के मालिक बाबा रामदेव के व्यापार के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण हो गए। ये सभी शेयर उनको हस्तांतरित किए गए। एक रिपोर्ट से पता चला है कि आचार्य बालकृष्ण ने रियल एस्टेट एजेंट प्रवीण कुमार शर्मा को बिना किसी ज़मानत के ब्याज मुक्त पैसे दिए ताकि वह इस ज़मीन को ख़रीद सके। इससे पहले आचार्य बालकृष्ण ने ऐसा ही एक और भुगतान गांव के मालिकों को भी उनकी ज़मीन के लिए कर दिया था।
ग़ौरतलब की बात है जब
योग-गुरु स्वामी रामदेव ,आचार्य बालकृष्ण और एजेंट प्रवीण कुमार शर्मा को ये पता था कि इस भूमि पर कोई भी विकास का कार्य नहीं किया जा सकता न ही इसे कोई ख़रीद सकता है फिर भी इसे खरीदने के उपाय व् योजनाएँ बनाई भी गयी और उनपर कार्य करके अवैध कब्ज़ा भी किया गया ।
जानकारी के अनुसार हाल ही में साल 2019 फरवरी में देश के उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है। आपको बता दें कि हरियाणा सरकार ने पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम, 1990 में संशोधन किया है ताकि अरावली पहाड़ों में सैंकड़ो एकड़ की ज़मीन पर अधिग्रहण के रास्ते में कोई रुकावट ना आ सके। उच्च न्यायालय हरियाणा सरकार के इस फैसले पर नाराज़गी जताई है और जंगलों को तबाह करने के लिए कड़ी फटकार भी लगाई है साथ ही संशोधित अधिनियम के तहत अदालत ने भूमि अधिग्रहण जैसी गतिविधि पर भी तुरंत रोक लगा दी है।