Politics, Law & SocietyUniversity
Trending

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 78 संविदा शिक्षक अपने अधिकार के लिए मजबूरन अनिश्चितकालीन सत्याग्रह करने बैठ गए हैं।

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 78 संविदा शिक्षक सोमवार दिनांक 2 नवंबर 2020 को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष हाईकोर्ट के आदेश एवं राज्य सरकार के आदेश तथा कार्य परिषद के निर्णय को ठुकराते हुए संविदा शिक्षकों का 4 माह से वेतन भुगतान न होने तथा आज की लोकतांत्रिक प्रणाली में सभी दरवाजे बंद होने के उपरांत गांधी जी की बगिया के हम सभी शिक्षक अपने अधिकार के लिए गांधी जी के बताए रास्ते पर चलने को मजबूर होकर अनिश्चितकालीन सत्याग्रह करने बैठ गए हैं।

ज्ञात हो कि संविदा अध्यापक (कोर फैकेल्टी) का भुगतान जुलाई माह 2020 से नहीं किया जा रहा है। जबकि राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार लगातार दिशानिर्देश जारी करती रही है कि कोविड-19 की इस महामारी के दौर में किसी का वेतन न रोका जाए लेकिन विद्यापीठ प्रशासन मनमाने ढंग से संविदा अध्यापकों का वेतन रोक कर शोषण कर रही है और यह कह रही हैं कि संविदा अध्यापक कि संविदा 30 जून 2020 को समाप्त हो चुकी है

जबकि संविदा अध्यापकों का संविदा विस्तार माननीय उच्च न्यायालय पारित आदेश दिनांक 1 मार्च 2013 के अनुपालन में जारी शासनादेश संख्या 226/सत्तर-2-2020-(31)/ 2018 दिनांक 13 मार्च 2020 के द्वारा बिंदु संख्या 7 के अंतर्गत स्वत: हो चुकी है जिसे महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की कार्यपरिषद की बैठक में स्वीकार कर लिया गया है इसकी सूचना पत्रांक संख्या कु०स०-2B स०अ०/17168/शासन विविध वेतन निर्धा०/2020 के द्वारा शासन को उपलब्ध करा दी गई है

अब काशी विद्यापीठ वाराणसी के कुलपति उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश का उल्लंघन के साथ साथ अपने ही कार्य परिषद के निर्णय को नहीं मान रहे हैं और मनमाने तरीके से अपने लोगों को नियुक्त करने के लिए संविदा अध्यापकों को लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं।

साजिश के तहत विश्वविद्यालय की वेबसाइट से संविदा अध्यापकों के e-content को गैर कानूनी ढंग से हटा रहे हैं। उनके मनमानी और वेतन भुगतान न करने के संबंध में शिक्षक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल महामहिम आनंदीबेन पटेल जी को भी पत्रक दे चुके हैं।

शिक्षकों का कहना है कि यदि कुलपति हम लोगों को यथाशीघ्र वेतन भुगतान नहीं करते हैं तो हम लोग वेतन भुगतान एवं अपने अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर सत्याग्रह करेंगे। अब भी हम लोगों का विनम्र निवेदन है की कुलपति जी हम लोगों के अधिकारों एवं विश्वविद्यालय की गरिमा का ध्यान रखते हुए यथाशीघ्र भुगतान करवाने की कृपा करें। यदि ऐसा नहीं होता है हम सभी शिक्षक राज्यपाल से भी मिलेंगे।

Tags
Show More

Shweta R Rashmi

Special Correspondent-Political Analyst, Expertise on Film, Politics, Development Journalism And Social Issues. Consulting Editor Thejanmat.com

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close