अपने घर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला इम्युनिटी बूस्टर काढ़ा कैसे बनाए
इम्युनिटी बूस्टर काढ़ा के इस्तेमाल से आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, साथ ही पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहेगी
घर पर बनाए जाने वाले इस काढ़ा में किचन में मौजूद मसालों व हर्ब्स का प्रयोग कर सकते हैं जो कि सहज और सरल रूप से आपके घर में ही मिल जायेगा।
तुलसी, दालचीनी, शुन्ठी(सौंठ), कृष्णा मिर्च (कालीमिर्च), लोंग, पिपली, इलायची, मधुयष्टी आदि औषधियों का मिश्रण रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैं ,पर गिलोय को अमृता माना गया है इन सभी से बेहतर।
घर पर गिलोय का काढ़ा कैसे बनाएं?
सामग्री
• गिलाय: एक-एक इंच के 5 टुकड़ें
• पानी: 2 कप
• हल्दी: एक चम्मच
• अदरक: 2 इंच
• तुलसी के पत्ते: 6 से 7
• गुड़: स्वादानुसार
बनाने का तरीका
• सबसे पहले एक भगोने में 2 कप पानी रखें। आंच को मीडियम रखें।
• अब गिलोय और बाकी सामग्री को पानी में डालकर धीमी आंच पर पकने दें।
• जब सारी सामग्री पूरी तरह से पक जाए और भगोने में काढ़ा आधा रह जाए तो गैस बंद कर दें।
• एक कप में काढ़ा छानकर निकाल लें और चाय की चुस्कियों की तरह इस औषधि का आनंद लें।
अब गिलोय और बाकी सामग्री को पानी में डालकर धीमी आंच पर पकने दें।
• जब सारी सामग्री पूरी तरह से पक जाए और भगोने में काढ़ा आधा रह जाए तो गैस बंद कर दें।
• एक कप में काढ़ा छानकर निकाल लें और चाय की चुस्कियों की तरह इस औषधि का आनंद ले
गिलोय का काढ़ा पीने के फायदे?
आयुष मंत्रालय के अनुसार, काढ़े में मौजूद अदरक और हल्दी के कंपाउंड गिलोय के साथ मिलकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं। नियमित रूप से गिलोय का काढ़ा पीने से हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के संक्रमणों और संक्रामक तत्वों से दूर रहता है।
गिलोय का काढ़ा कितनी मात्रा में पीना चाहिए?
विशेषज्ञों का मानना है कि गिलोय का काढ़ा प्रतिदिन एक कप से ज्यादा नहीं पीना चाहिए। अधिक मात्रा में किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है। गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों को देने से पहले चिकित्सक से परामर्श जरूर करना चाहिए। गिलोय और ऑटो इम्यून बीमारियों का खतरा बन सकता है। ऐसे में अगर आप पहले से किसी रोग से ग्रसित हैं तो गिलोय का काढ़ा पीने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।