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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी सहित कई नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया

पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति ‘भारत रत्न’ श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पूरा देश ‘भारत रत्न’ श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोकाकुल है। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वह एक ऐसे सर्वोत्कृष्ट विद्वान एवं बेहतरीन राजनेता थे जिनका सम्‍मान सभी राजनीतिक दल और समाज के सभी तबकों के लोग करते थे।

श्री प्रणब मुखर्जी ने कई दशकों के अपने लंबे राजनीतिक जीवन के दौरान प्रमुख आर्थिक और रणनीतिक मंत्रालयों में अमिट योगदान दिया। वह एक उत्कृष्ट सांसद थे, जो सदैव सजग रहते थे और इसके साथ ही अत्‍यंत मुखर और हाजिर जवाब भी थे।

भारत के राष्ट्रपति के रूप में श्री प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन को आम नागरिकों के लिए और भी अधिक सुलभ एवं सहज बना दिया था। उन्होंने राष्ट्रपति भवन को ज्ञान प्राप्ति, नवाचार, संस्कृति, विज्ञान और साहित्य का एक उत्‍कृष्‍ट केंद्र बना दिया था। प्रमुख नीतिगत मुद्दों पर उनकी ज्ञानपूर्ण सलाह को मैं कभी नहीं भुला पाऊंगा।  

वर्ष 2014 में मेरे लिए दिल्ली में सब कुछ नया था। यह मेरा सौभाग्‍य था कि पहले दिन से ही मुझे श्री प्रणब मुखर्जी से व्‍यापक मार्गदर्शन, सहयोग और आशीर्वाद मिला। मैं सदैव उनके साथ अपनी बातचीत की यादों को संजो कर रखूंगा। उनके परिवार, मित्रों और पूरे भारत में उनके प्रशंसकों एवं समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।’

उप राष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू का शोक संदेश  –

उप राष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू ने आज पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। एक संदेश में उन्होंने कहा कि श्री मुखर्जी एक ऐसे नेता और भारत के महान बेटे थे,जिन्होंने गरिमा और शिष्टता के साथ सभी पदों की शोभा बढ़ाई। श्री नायडू ने कहा,उनकी मृत्यु के साथ भारत ने एक शानदार नेता खो दिया है।

“पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर मैं गहरा दुख प्रकट करता हूं। वे एक ऐसे नेता और भारत के महान बेटे थे,जिन्होंने छोटी सी शुरुआत की और कड़ी मेहनत,अनुशासन और समर्पण के दम पर देश से सबसे ऊंचे संवैधानिक पद तक पहुंचे।

श्री मुखर्जी ने अपनी लंबी और प्रतिष्ठित लोक सेवा के दौरान गरिमा और शिष्टता के साथ हर पद की शोभा बढ़ाई। अपने प्रशासनिक कौशल और भारत की संसदीय प्रणाली के प्रति गहरी समझ के लिए पहचाने जाने वाले श्री मुखर्जी ने वित्त मंत्री,रक्षा मंत्री,विदेश मंत्री और योजना आयोग के उपाध्यक्ष सहित कई अहम पद संभाले। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने राष्ट्रपति भवन में नवाचार कार्यक्रमों में भागीदारी के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया।

वह संसदीय प्रक्रियाओं,समकालीन राजनीति और अन्य मामलों के इनसाइक्लोपीडिया (विश्वकोष) थे तथा उन्हें उनके विद्वतापूर्ण ज्ञान के लिए जाना जाता था। वह एक उत्कृष्ट सांसद थे और उन्हें उनके वक्तृत्व कौशल के लिए जाना जाता था। उनकी अभूतपूर्व स्मृति और मुद्दों पर पकड़ शानदार थी। उन्होंने लोकतंत्र और विभिन्न संस्थानों को मजबूत बनाने में खासी दिलचस्पी ली। वह निर्विवाद शख्सियतों में से एक थे और उन्हें राजनीति में हर किसी से संपर्क में उपयोग किया जाता था।

उनकी मृत्यु के साथ,भारत ने एक बेहतरीन नेता खो दिया। मैं उनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि भगवान उन्हें इस दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे।”

पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी का 31 अगस्त 2020 को सोमवार के दिन निधन हो गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। राजकीय शोक के दौरान देशभर में सरकारी भवनों पर तिरंगा आधा झुका हुआ रहेगा और कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी करके कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरे भारत में 31 अगस्त से 6 सितंबर तक सात दिवसीय राजकीय शोक मनाया जाएगा।

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