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शीतलहरी का प्रकोप जारी सर्दी में खुद को कैसे फिट रखें घरेलू नुस्खे अपनाकर फिट रहने के तरीके.

मैदानी इलाके में बढती ठंड से शीतलहरी का प्रकोप जारी है। ऐसे में सबसे बडी परेशानी उम्रदराज लोगों की देखभाल को लेकर आ रही है। ठंड और कोरोना दोनों से बचाने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति काफी कारगर साबित हो रही है, यदि उसे बुजुर्ग अपने दैनिक जीवन में अपनाते हैं तो उन्हें जल्द ही आराम मिलेगा और शरीर का तापमान भी सही बना रहेगा।

श्वसन प्रणाली को ऐसे रखें मजबूत
रोज सुबह-शाम एक-एक चम्मच च्यवनप्राश लें। सुबह 3-4 तुलसी के पते चबाकर खाएं।
एक लीटर पानी में थोड़ी सी अदरक, 2-3 लौंग, 3-4 काली मिर्च, 4-5 तुलसी के पत्ते और एक चम्मच सौंफ मिलाकर काढ़ा बना लें। सुबह शाम थोड़ी-थोड़ी मात्रा में इसका सेवन करें।

आयुर्वेद में बहुत सारी ऐसी दवाईयां हैं जो शरीर को ठंड से बचाने के साथ ही प्रतिरोधात्मक क्षमता को भी बढाती है। इसके साथ ही कोरोना को भी दूर रखती हैं और इम्यूनिटी बूस्टअप करती हैं। इसमें अश्वगंधा, अम्लकी, गुडूची, च्यवनप्राश, अगस्तयहरीतकी रसायन, आयुष काढा, नाग्रादि क्वाथ, अम्लकी चूर्ण, गिलोय टेबलेट इत्यादि हैं। इनके सेवन से ठंड व कोरोना दोनों को मात दी जा सकती है। इसके साथ ही दूध में हल्दी मिलाकर लेने से भी ठंड में काफी राहत मिलती है। इसके अलावा गर्म पेय पदार्थों का सेवन भी काफी लाभकारी सिद्ध होता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को अपनाकर शरीर को ठंड से होने वाली बीमारियों के साथ ही कोरोना से भी आत्मरक्षित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा सर्दी के मौसम में उन बुजुर्गों को खतरा रहता है जोकि हर्ट, आॅथराइटिस, श्वास संबंधित अन्य बीमारियों के मरीज हैं। ऐसे में सुरक्षात्मक उपाय अपनाते हुए बाहर वाॅक पर जाने की बजाय घर में रहकर योग करना चाहिए और प्रत्येक काम के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल कर ब्लड सप्लाई को सामान्य रखना चाहिए। गर्म पेय पदार्थ अधिक से अधिक लेना चाहिए।

उम्र दराज़ लोग ऐसे रखें अपना ख्याल
सुबह खाली पेट लहसुन खाएं। तीन से चार तुलसी के पत्ते चबाकर खाएं। गर्म दूध में छुआरे डालकर उसे उबालकर पीएं। बाजरे की रोटी की तासीर गर्म होती है, उसे खाने से भी फायदा मिलता है। पंजीरी के लड्डू खा सकते हैं। दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर सेवन कर सकते हैं।

दोपहिया वाहन के उपयोग से हो सकता है नुकसान

गुड़ से साफ करें गले की गंदगी
प्रदूषण के चलते गले में सबसे अधिक धूल के कण जमा हो जाते हैं। इससे गले की परेशानी हो जाती है। ऐसे में रोज खाने के बाद गुड़ का इस्तेमाल करें। इसके अलावा मुलैठी भी चबा सकते हैं।
सर्दी के मौसम में बुजुर्गों को दोपहिया वाहन के उपयोग से बचना चाहिए क्योंकि अधिकतर मामलों में देखा गया है कि बुजुर्ग फेशियल पेरालाइसेस का शिकार बन जाते हैं। इसके साथ ही घर में सावधानी से हीटर व ब्लोअर चलाया जाना चाहिए क्योंकि रात में तापमान ठीक रहता है लेकिन सुबह उसे बंद करते ही आॅक्सीजन से संबंधित दिक्कतें हो जाती हैं। इसके अलावा अंगीठी व कोयल ना जलाएं इससे काॅर्बनमोनोक्साइड बनती है।

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