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आदर्श ग्राम योजना – या जुमला

इस योजना के तहत कितने गाँव आदर्श होते ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन यदि देश को विकास के रास्ते चलना है तो ग्रामीण क्षेत्रो का सुधार बहुत आवश्यक है।

श्री जय प्रकाश नारायण जी के जन्म-दिवस 11 अक्तूबर 2014 देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सांसद आदर्श ग्राम के नाम की एक नई योजना शुरू की। जिसका एकमात्र उद्देश्य था देश के ग्रामीण इलाकों की स्तिथि सुधारना। लेकिन यह गाँव उस क्षेत्र के सांसद का होना चाहिए। योजना के अनुसार हर क्षेत्र के सांसद को अपना क्षेत्र का कोई भी एक गांव चुनकर उसे 2016 तक विकासिक क्षेत्र बनाना था। और 2019 तक दो और गाँव इसका हिस्सा बनाये।

योजना का उद्दयेश्य था

1. देश में गांव की प्रगति

2.अधिकारों की प्राप्ति

3.देश विकास की वृत्ति।

4.बाल विवाह और बाल श्रम पर रोक

5.गाँव में जन्म और मृत्यु 100% पंजीकरण।

सरकार का कहना है  इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रो को अधिक मुनाफा मिलना है ।

सूत्रों के मुताबिक बिहार में कई जगहों पर सांसदों ने विकसित गाँव को ही गोद ले लिया जहा की आबादी इंटरनेट से जुड़ी हुई थी।ऐसे में दूसरे गाँव के साथ नाइंसाफी तो हुई है। स्थानीय कार्यकर्ता रवि शर्मा का कहना है कि 5 से 5.30 हज़ार आबादी वाले पिछड़े गाँव को गोद लेना था न कि विकसित गाँव को।

वही राज्य सभा सांसद अहमद पटेल योजना के तहत सीमित फंड के मिलने से खुश नही है। उन्होंने बताया कि अगर गोद लिए हुए गाँव के पुराने वादे पूरे नही हो रहे तो नए गाँव को गोद लेने की क्या ज़रूरत है??

वहीँ राजस्थान के गाँवों की दशा सुधारने के लिये 17करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई है।लेकिन गाँव के लोगो का कहना है कि पैसे कहाँ लगे है??गाँव कोई अस्पताल है न ही प्रसव तक के लिए महिलाओं को शहर जाना पड़ता है।

सांसाद प्रकाश-जावड़ेकर के गोद लिए गाँव की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।

प०जावेडकर का दावा है कि गाँव कि प्रगति के लिए 81 लाख तक खर्च हुए है।जबकि गाँववालों का कहना है कि जो भी कार्य हुआ है आधा हुआ है उनका कहना है कि प्रगति के नाम पर सिर्फ रंग-रोगन ही किया गया है जो बहुत देर तक टिकने वाला नही है।

महाराष्ट्र के कितने ही गाँव ऐसे है जहाँ से लोग पलायन करके शहरों की तरफ जा चुके है।

ऐसे में देश के ग्रामीण क्षेत्रो की दशा कितनी सुधर है आपको पता चल ही गया होगा।आगे इस योजना के तहत कितने गाँव आदर्श होते ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन यदि देश को विकास के रास्ते चलना है तो ग्रामीण क्षेत्रो का सुधार बहुत आवश्यक है।

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