देश की पहली बुल्लेट ट्रेन का सपना,कितना सच्च कितना फ़साना
अहमदाबाद से मुम्बई का सफर तय करने वाली यह रेल 2 घण्टे 7 मिनट में अपना सफर पूरा करेगी। सरकार का कहना है कि इससे देश में रोज़गार बढ़ेगा।और साथ ही मेक इन इंडिया योजना को भी बढ़ावा मिलेगा।
सत्ता में आते ही प्रधानमंत्री मोदी ने देश में कई बड़े बदलाव किये। देश को विकास के रास्ते पर ले जाने का हवाला देकर जापान के श्री प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ मिलकर मोदी जी ने देश में बुलेट ट्रेन दौड़ाने का एक अहम फैसला किया।
जापान की सहायता – इस बुलेट ट्रेन को भारत लाने के लिए जापान एक अहम भूमिका निभाएगा। मोदी जी के अनुसार जापान भारत को 88 हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज देगा जिसे भारत को लगभग 50 साल में चुकाना है 0.1 फीसदी ब्याज के साथ।
अहमदाबाद से मुम्बई का सफर तय करने वाली यह रेल 2 घण्टे 7 मिनट में अपना सफर पूरा करेगी। सरकार का कहना है कि इससे देश में रोज़गार बढ़ेगा।और साथ ही मेक इन इंडिया योजना को भी बढ़ावा मिलेगा।
केंद्र मंत्री पियूष गोयल का कहना है कि 1.25 की आबादी वाले इस देश में जल्द ही पटरियों पर बुलेट ट्रेन दौड़ती नजर आएगी। इस पूरे कार्य को अगस्त 2022 तक पूरा कर दिया जायेगा।
वही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी०चितम्बरंम का कहना है जिस दिन बुलेट ट्रेन पर लाखों करोड़ों खर्च किये जा रहे थे उसी दिन बिना फाटक वाली क्रॉसिंग पर बस और रेल की टक्कर से 13 मासूम बच्चियों की मौत हो गयी उन्होंने सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े कर दिए है।
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार देश में हर रोज़ लगभग 3 करोड़ से अधिक लोग रेल का सफर करते है जो हर रोज रेल के देरी से पहुचने की समस्या को झेलते हुए अपना सफर पूरा करते है। खबरों की माने तो देश में रेलों की संख्या इतनी कम है कि देश कि एक बड़ी आबादी रोज़ाना रेल के शौचालयों में सफर करने को मजबूर हो जाती है। जिससे बाकी यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यही नही कई रेलवे स्टेशन तो ऐसे है जहाँ यात्रियों की सुविधाओं के लिए पीने के पानी तक का भी पक्का इंतज़ाम नही है कही मशीनें ख़राब मिलती है तो कही साधारण पानी से ही गुज़ारा करना करना पड़ता है ।
लोगो का कहना है कि रेल प्रशासन उनकी मांगों को अनसुना कर रहा है।
जहा एक तरफ सरकार देश को बुलेट ट्रेन के ख़्वाब दिखा रही है वही दूसरी ओर आलोचकों का कहना है कि देश कि अपनी रेल दिन ब दिन हादसों का शिकार हो रही है।ऐसे में अगर देश की अपनी रेल-दशा सुधारी जाती तो शायद जनहित में कार्य होता।वही एन आर० मोहंती का कहना है इस रेल का किराये आम यात्री कि जेब से ऊपर का होगा। यानी आम आदमी इस रेल से आसानी से नही सफर नही कर पायेगा।
इसलिए अब देखना ये होगा कि आने वाले दिनों में बुलेट ट्रेन का सपना कब तक सच होगा और इसके साथ साथ देश की अपनी रेल की दशा कितनी सुधरती है