सुरक्षा बीमा योजना का कितना लाभ
सुरक्षा बीमा योजना-मोदी सरकार की इस योजना के तहत दुर्घटनाग्रस्त मृतीयकों के परिजनों को दो लाख रुपये की राशि तथा दिव्यांगीको को एक लाख रुपए की राशि मिलने का वादा हुआ है।
सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने 2015 में सामाजिक सुरक्षा अनुसंधान की घोषणा की। इसके अंतर्गत तीन योजनाएं थी।
1.प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
2.प्रधानमंत्री ज्योति बीमा योजना
3.अटल पेंशन योजना।
सुरक्षा बीमा योजना-मोदी सरकार की इस योजना के तहत दुर्घटनाग्रस्त मृतीयकों के परिजनों को दो लाख रुपये की राशि तथा दिव्यांगीको को एक लाख रुपए की राशि मिलने का वादा हुआ है।
देश का कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 18 से 70 वर्ष तक की हो इस योजना का लाभ उठा सकता है
इस बीमे के लिए आपके बैंक खाते से सालाना 12 रुपये की न्यूनतम राशि ली जायेगी। यानी माह का 1 रुपया।
मिली जानकारी के अनुसार योजना के तहत देश में 15 करोड़ नए खाते खोले गए। जिनमे आधे से ज़्यादा खातों में एक भी पैसा नही है। लेकिन 95% लोग आज खातों से जुड़ चुके है।
अब सवाल यह है कि जिन लोगो के खाते में पैसे नही है वह प्रीमियम राशि कहाँ से देंगे।
वहीँ जन धन योजना में भी शरीर का कोई अंग क्षतिग्रस्त होने पर 1 लाख रुपये का बीमा कवर है और प्रकृतिक मौत के बाद 30,000 का बीमा है। यदि जन धन योजना के तहत बीमा है तो फिर नई बीमा योजना क्यों शुरू की गयी है इसका जवाब का भी कुछ पता नही है ।
इन योजनाओं में इलाज के खर्च का पैसा नही मिलेगा। इस योजना में 18 से 50 साल के लोगो को बीमा कवर मिलेगा।किसी कारण मृत्यु के बाद बीमा धारक के घरवालों को 2 लाख रुपये मिलेंगे।प्रतिदिन के हिसाब से सालाना 330 रुपये एक साथ देने होंगे।और हर वर्ष पॉलिसी का नवीकरण भी करना होगा।
सरकारी वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार बीमा धारक को यह ध्यान में रखना है कि 70 वर्ष की उम्र होते ही यह बीमा योजना समाप्त हो जायेगी। यानी अगर तब तक आपकी मृत्यु नही होती है तो आपको कोई भी राशि नही मिलेगी। मतलब 37 वर्ष तक का 330रुपये प्रति माह का प्रीमियम नष्ट हो जाएगा।
लोगो का कहना है कि 50 वर्ष कि उम्र पार करने के बाद लोगो को इस योजना से बाहर क्यों किया गया है।
जहां एक तरफ सरकार इस योजना को ग़रीबों के हित के लिये बता रही है। तो दूसरी तरफ मिली गयी जानकारी कुछ और ही बयां कर रही है।
ऐसे में देश के कितने प्रतिशत लोगो को इस योजना का लाभ मिलेगा बताना मुश्किल होगा ।