काले धन की वापसी- कितना सच्च कितना झूठ
सरकार ने जनता को पूरा विश्वास दिलाया था कि सरकार बनने के बाद वह सारा काला धन वापस लाएंगे। मोदी जी अपने भाषण में कहा था कि अगर विदेशों से भारत का सारा काला धन वापिस आ गया तो देश के प्रत्येक नागरिक के हिस्से पन्द्रह लाख की बड़ी रकम आएगी।
काले धन की समस्या देश में नई समस्याओं को जन्म दिया है। इससे देश की अर्थव्यवस्था में कई उतार चढ़ाव आये है। पूर्ण बहुमत से विजय हुई मोदी सरकार ने सत्ता में आने से पहले न जाने कितने भाषणों से जनता को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों का पूरा ख्याल किया जायेगा।
सरकार ने जनता को पूरा विश्वास दिलाया था कि सरकार बनने के बाद वह सारा काला धन वापस लाएंगे। मोदी जी अपने भाषण में कहा था कि अगर विदेशों से भारत का सारा काला धन वापिस आ गया तो देश के प्रत्येक नागरिक के हिस्से पन्द्रह लाख की बड़ी रकम आएगी। लेकिन अफ़सोस ये अभी तक मुमकिन नही हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार जब आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने पीएमओ से यह सवाल किया की अभी तक कितना काला धन वापिस आया है तो उन्होंने बताने से इंकार कर दिया गया। वही दूसरी ओर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने रिटायर होने के बाद भी अपने बयान में कहा कि नोटबन्दी के बाद भी काला धन कम नही हुआ है।उन्होने कहा कि पुराने चुनाव के बदले उनके राज्य में इस बार अधिक काला धन प्राप्त हुआ है।
इसी मामले में मंत्री पियूष गोयल का कहना है कि भारतीय राशि जो विदेशी बैंकों में है उसमें 80%की कमी आयी है।वित्त मंत्रालय ने बताया है कि वह काले धन पर शिकंजा कस रहे है अर्थव्यवस्था में कितना काला धन है इसके लिए अलग अलग संस्थाओं को इस मामले में अपनी अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।
खबरों की माने तो 2014 के चुनावों में 300 करोड़ रुपये की अवैध राशि जब्त की गयी थी। इस मामले में रामनाथ झा का कहना है कि काले दिन का सही पता लगाना बहुत मुश्किल है। देश के अंदर जितना काला धन छुपा है उस से कई ज्यादा देश के बाहर छुपा हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक ललित मोदी 5000 करोड़,विजय माल्या 9000करोड़,जतिन मेहता 7000करोड़,मेहलू चौकसी 11600 करोड़ नीरव मोदी 11000करोड़ देश से लेकर फ़रार हुए है। आर बी आई की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ 4 वर्षो में देश के बैंकों में से लगभग 90,000 करोड़ की राशि देश से बहार गयी है। विदेश हो या स्वदेश अभी तक कितना काला धन वापिस आया है बताना ज़रा मुश्किल है।लेकिन जिस हिसाब से सरकार दावे कर रही उम्मीद ज़रूर की जा सकती है कि देश में जल्द ही देश का पैसा मिलेगा।