कितना महंगा रहा वाराणसी का चुनाव प्रचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत में पूरी सड़क को लगभग 40,000 लीटर पानी से धोया गया है।
जिस तरह देश में चुनाव की लहर चल रही है। हर कोई जनता को अपनी ओर करने के लिए पूरा ज़ोर लगा रहा है।
25 अप्रैल 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी पहुँचे। नामांकन से पूर्व वाराणसी में उनका एक भव्य रोड शो दिखा। हालाकिं ये कोई धार्मिक उत्सव नही था लेकिन फिर भी तमाम लोगों के साथ सारा माहौल आस्था के रंग में रंगा दिखा। शंख,डमरू और घण्टियों की ध्वनियों के साथ लंका से उनका रोड शो शुरू हुआ। बढ़ती हुई गर्मी को एक तरफ रखकर लोगों ने घंटो उनका इंतज़ार किया। जगह जगह हो रहे रंगारंग कार्यक्रमों में महिलाएं,बच्चे सब के सब नाचते हुए दिखाई दिए।
मिली जानकारी से पता चलता है कि उनके स्वागत में पूरी सड़क को लगभग 40,000 लीटर पानी से धोया गया है।
इसी मामले में कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय का कहना है कि मोदी रोड शो में ये सारी भीड़ पैसे देकर बुलाई गई थी। सब लोगों में नमो नमो की एक जैसी टी- शर्ट बांटी गई थी।
उन्होंने बताया कि उनके आने से तक़रीबन हफ्ता भर पहले जगह जगह निमंत्रण पत्र बाँट कर लोगो को बुलाया गया। लगभग 50 लाख रुपय के गुलाब व अन्य फूल लोगो में बंटवाए गए और कहा गया कि जब मोदी जी आएँगे तो उनपर पुष्प वर्षा होनी चाहिए । 40 हज़ार लीटर की मात्रा में साफ़ पानी उन सड़को पर बहाया गया जहाँ से मोदी उनकी पार्टी के सांसदों का कारवाँ गुज़रना था।
अजय राय ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2014 में और उससे पहले भी देश भर में चुनाव हुए थे लेकिन जनता का इतना पैसा यूं ही प्रचार के लिए आज तक व्यर्थ नही हुआ।
आपको बता दें कि ये कोई धार्मिक उत्सव नही था सिर्फ एक रोड शो था जिसकी भव्यता किसी उत्सव से कम नही लग रही थी। जहां एक तरफ प्रधान मंत्री मोदी खुद को जनता का सेवक बताते है तो वही दूसरी ओर जनता के पैसे का जनता के कार्य में कम और उनके प्रचार में अधिक खर्च होता दिखाई देता है।
एक रिपोर्ट की जानकारी से पता चलता है कि सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में भी आवंटित राशि का लगभग 56% सिर्फ प्रचार पर खर्च हुआ है।
ऐसे में जनता के पैसे का कितना सही उपयोग हो रहा है बताना मुश्किल है लेकिन उम्मीद ज़रूर की जा सकती है कि जल्द ही जनता को अच्छे दिन देखने को मिलेंगे।