गुजरात के किसानों पर अमरीकी कम्पनी पेप्सिको ने किया 1 करोड़ का मुकदमा
हाल ही में गुजरात में आलू किसान और खाद्य और पेय पदार्थ अमरीकी कम्पनी पेप्सिको इंडिया के बीच टकराव का नया मामला सामने आया है। कम्पनी ने अलग किस्म के आलू एफएल-2027 की खेती और उनकी अवैध बिक्री करने के लिए गुजरात के किसानों को आरोप के शिकंजे में घेर लिया है।
पेप्सिको कम्पनी का कहना है कि गुजरात में किसान उनकी इजाज़त के बिना ही इस विशेष किस्म के आलू की बुआई और बिक्री कर रहे है। इसलिए अपने नुक्सान से लिए पेप्सिको कम्पनी ने आलू किसानों से 1.05 करोड़ रुपये की मांग की है।पेप्सिको कम्पनी के अनुसार उन्होंने इस ख़ास किस्म के आलू का रजिस्ट्रेशन लेज़ चिप्स बनाने के लिए भारत में करा रखा है। इसलिए कोई भी किसान इस किस्म के आलू की खेती उनकी इजाज़त के बिना नही कर सकती।
दूसरी ओर किसान संगठन और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस बात का विरोध जताया है। उनका कहना है कि पेप्सिको कम्पनी ने किसानों पर गलत केस किया है। लगभग 190 से अधिक कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकार को भी पत्र भेजा है जिसमे कम्पनी को केस वापिस लेने की मांग की गयी है।
इसी मामले में जतन ट्रस्ट के सामाजिक कार्यकर्ता कपिल शाह का कहना है कि पेप्सिको ने चार किसानों पे एक एक करोड़ की राशि का दावा ठोका है।
इसी मामले में किसान जिगर का कहना है कि हम किसानों के पास आलू की जांच करने का कोई साधन नही है। हम अलग अलग जगहों से बीजों को लाते है फिर उसकी बुआई करते है।
वो कहते है कि कई किस्म के आलू एक जैसे दिखते है, ऐसे में किसी विशेष आलू की पहचान करना सभी किसानों के लिए कठिन है।
मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में अहमदाबाद अदालत ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर किसानों द्वारा उगाये गये आलुओं के सैम्पल को जांच करवाने भेजा है। अदालत का कहना है कि अगर किसानों को इस किस्म के आलू उगाने से रोका नही गया तो पेप्सिको कम्पनी को भारी मात्रा में नुकसान हो सकता है।
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार किसानों की ओर से वकील आनंदवर्धन याज्ञनिक का कहना है कि कंपनी की शर्तों पर किसान सोचकर अपनी राय देंगे। इस मामले की अगली सुनवाई जून 12 को होगी इसलिए इस मामले में आगे क्या होगा ये तो अदालत का फैसला ही बताएगा।