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किशोरी शक्ति योजना हुई बंद महिला लाभार्थियों की संख्या हुई 6 गुना कम- संख्या में गिरावट चिंता का विषय है।

देश में राष्ट्रीय किशोरी शक्ति योजना चलाई गयी योजना के तहत देश भर गरीबी रेखा के नीचे जीवन व्यापन करने वाले परिवारों की किशोरियों को शिक्षित करना जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ बढ़ सके।

नारी के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण  अवस्था होती है किशोरावस्था। इस अवस्था में नारी के शारीरिक ,मानसिक मनोवैज्ञानिक ,भावनात्मिक विकास की नज़र से कई बदलाव आते है। इस स्तिथि के प्रति किशोरियों को जागरूक करने तथा उनका मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें शिक्षा की और अग्रसर करना बेहद आवश्यक है। जिसके लिए देश में राष्ट्रीय किशोरी  शक्ति योजना चलाई गयी। योजना के तहत देश भर गरीबी रेखा के नीचे जीवन व्यापन करने वाले परिवारों की किशोरियों को शिक्षित करना जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ बढ़ सके।

योजना का मुख्य उद्देश्य

  • देश में 11 साल से 18 साल तक आने वाली सभी किशोरियों के स्वास्थ्य और खान पान की स्तिथि में सुधार लाना।
  • देश में सामाजिक व आर्थिक सदस्य बनने के लिए किशोरियों को प्रेरित करना।
  • किशोरियों को  स्वास्थ्य,सफाई और परिवार कल्याण के लिए जागरूक करना
  • देश भर में किशोरियों को शिक्षा के लिए प्रेरित करना।

योजना साल 2006 -07 में शुरू की गयी थी जिसके तहत देश भर की किशोरियों को मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनाना है ।  इसमें अंतर्गत 6118 ब्लाक थे। योजना का मक़सद लड़कियों सामाजिक व् देश की अन्य कार्यो का सदस्य बनने के लिए प्रेरित करना था।

आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2013 -14 योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या 35.05 लाख थी। लेकिन मोदी सरकार की सत्ता में आने के बाद यह अचानक से घट गयी और घटती हुई 6 .28 लाख तक पहुंच गयी।

सोचने की बात ये है कि वर्ष 2014 -15  में आते आते ही नमो सरकार ने योजना का बजट 3365 करोड़ से कम करके 1489 करोड़ कर  दिया पर योजना फिर भी चल रही थी.

लेकिन हाल में ख़बरों की सुर्ख़ियों से पता चला है की  एक अप्रैल 2018 को इस योजना को बंद कर दिया है और इसकी जगह एक नई योजना लागू की है। जिसका नाम सबला योजना बताया जा रहा है। पर इस योजना में लाभार्थियों की संख्या में लगभग 6 गुना कमी आयी है। बताया जा रहा की योजना बंद करने से लड़कियों के सशक्तिकरण के 33 फीसदी प्रोजेक्ट कम हो गए है।

किशोरी शक्ति योजना देश में चल रही थी उसे और सशक्त करने के बजाय उसे पूर्णत बंद करके एक नई योजना शुरू करने के पीछे का कारण कुछ समझ नहीं आता।  शुरू की गयी नई योजना , सबला योजना के तहत तो लाभार्थियों की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली। सबला योजना से कितने हुए कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन लाभार्थियों की संख्या में गिरावट ज़रूर चिंता का विषय है।  

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