पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर द्वारा निर्मित नरेंद्र निकेतन व कार्यालय को ध्वस्त करने के विरोध में चंद्रशेखरवादियों का धरना अनवरत जारी
लास्ट आइकॉन ऑफ आइडियोलॉजीकल पॉलिटिक्स पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के चिंतन स्थल नरेंद्र निकेतन जो समजवादियों का मक्का मदीना और केदारनाथ है वहां पर मर्माहत चन्द्रशेखरवादी धरने पर आज तीसरे दिन भी बैठे है
पूर्व प्रधानमंत्री चंदशेखर द्वारा निर्मित आई टी ओ स्थित तीन दशक पुराने नरेंद्र निकेतन को ध्वस्त करने के विरोध में देश के चन्द्रशखेरवादी धरने पर बैठे हुए है। बैठे लोगों का कहना है कि जिस बर्बरता के साथ समाजवादी चिंतन केंद्र को गिराया गया है यह पूर्णतया प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। और इसके लिए वो सड़क से लेकर संसद तक अपने विरोध को दर्ज कराएँगे
धरने पर बैठे लोग नरेंद्र निकेतन को पुनर्स्थापित कराए जाने के लिए प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षण चाहते है और उनसे अविलम्ब उनका वक्तब्य जानना चाहते है
हमारे प्रतिनिधि ने जब आंदोलनकारियों से बात करना चाहा तो उन्होंने जो भी कहा वो यह है
देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री चंद्रशेखर जी का पूरा जीवन भारत में समतामूलक समाज स्थापित कराने के प्रयत्नों व्यतीत हुआ और राजनीति का जो समाजवादी मानक था उस महान आत्मा ने जीवंत उदाहरण पेश किया है वह समस्त राष्ट्र के लिए अनुकरणीय है ऐसे में उनके द्वारा भारत के महान समाजवादी चिंतक आचार्य नरेंद्र देव के नाम पर स्थापित नरेंद्र निकेतन जिसका उद्देश्य राष्ट्र में समाजवादी मूल्यों का प्रसार रहा है साथ ही देशभर में चंद्रशेखर वादियो के लिए नरेंद्र निकेतन एक आस्था का केंद्र भी रहा है इन्हीं सब तमाम वजहों से जब नरेंद्र निकेतन के ध्वस्तीकरण की खबर सार्वजनिक हुई समेत पूरे देश में हम चन्द्रशेखरवादियों के मन में बेहद रोष व्याप्त है तथा हम सभी इसकी कठोरतम शब्दों में निंदा करते हैं आप को पता होगा की विगत कुछ माह पहले ही देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने अपने कर कमलों से चन्द्रशेखरवादी नेता लेखक हरिवंश जी जो की उप सभापति है राजयसभा के उनकी पुस्तक लास्ट आइकॉन ऑफ आइडियोलॉजीकल पॉलिटिक्स के विमोचन के समय मोदीजी ने पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के बारे में जो विचार रखे थे वो बहुत ही कर्ण प्रिय था परन्तु नरेंद्र निकेतन पर बुलडोजर चलवाने का कृत्य देखकर के हम मर्माहत है ।
धरने पर बैठे लोग की यह मांग है कि हम सभी की भावनाओं को संज्ञान में लेते हुए तथा इस देश में समाजवादी मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में भारत सरकार की तरफ से सराहनीय कदम के तौर पर जिसे माना समझा जाएग की प्रधानमंत्री जी नरेंद्र निकेतन को पुनर्स्थापित कराया जाए
सादात अनवर चन्द्रशेखरवादी ने कहा कि महोदय प्रधानमंत्री जी राष्ट्रपति जी आप सोचिये विचार कीजिये स्वर्गीय चंद्रशेखर जी बलिया के जन्मे बगावती तेवर के वह व्यक्ति थे जिन्हें देश ही नहीं पूरी दुनिया उनके जीवन पर्यंत समाजवादी सिद्धांतों के संवाहक तहत आदर व सम्मान के साथ याद करती है इसलिए उनके मान सम्मान के खिलाफ हुए इस कृत्य के चलते बलिया के साथ साथ समूचे राष्ट्र के चंद्रशेखर वादी आक्रोशित हैं तथा 1 सप्ताह के भीतर यदि नरेंद्र निकेतन के पुनर्स्थापना का आदेश सरकार द्वारा पारित नहीं किया जाता है तो हम सभी उग्र प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी !
धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि कार्यालय को इसलिए तोडा गया की प्रधानमंत्री काल के बहुत कुछ ऐसे दस्तावेज थे जिनसे सरकार में बैठे कई लोगों की नींद हराम हो जाती और दूसरा कारण यह की विपक्ष के नेता व् समाजवादी लोग NRC CAA -NPR को लेकर देश भर में यात्रा निकालने वाले थे इससे सरकार डरी हुई है और वो विपक्ष को मिटाना चाहती है परन्तु चन्द्रशेखरवादी लोग डरने वाले नहीं और न ही भागने वाले है।
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