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दिल्ली कब तक अपूर्ण रहती है?

राज्य सरकार अपनी दलीलें सुना रही है और केंद्रीय सरकार अपनी। देश में चुनाव की लहर के बाद ही पता चल पाएगा कि दिल्ली कब तक अपूर्ण रहती है।

चुनावों के करीब आते ही दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए सभी पार्टियाँ अपनी अपनी जगह से ज़ोर लगाने लगती है।हाल ही में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल एक सभा बुलाई जिसमे स्पष्ट रूप से दिल्ली को पूर्ण राज्य दिलवाने की बात कही।

पूर्ण राज्य का अर्थ है पूर्ण शक्ति। यानी पूर्ण राज्य होने के साथ ही दिल्ली सरकार को राज्य में कोई भी कानून लागू करने की छूट मिल जायेगी। अभी दिल्ली विधानसभा में अगर कोई भी कानून पास करवाना हो तो केन्द्रीय सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है। मौजूदा हाल की दिल्ली पुलिस केन्द्रीय सरकार के अधीन है।

दूसरी तरफ दिल्ली डवलपमेंट अथॉरिटी केंद्रीय सरकार के अंतर्गत है इसलिए राज्य सरकार का कहना है के उन्हे राज्य के विकास के जब भी उन्हें कोई ज़मीन चाहिए होती है तो उन्हे केंद्रीय सरकार का दरवाज़ा खटखटाना पड़ता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का कहना है कि 70 साल हो गए है लेकिन दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल नही हुआ है। सारा भारत जनतंत्र में आ गया लेकिन राजधानी दिल्ली नही आयी। प्रधानमंत्री पर निशाना लगाते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले उन्होने वर्ष 2013-14 में दिल्ली के लोगो से वादा किया था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य बना दिया जायेगा।जोकि अभी तक पूरा नही हुआ है।

जनता को अपनी ओर करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्ण राज्य बनने के बाद सबको पक्के मकान,पीने का साफ़ पानी व अन्य सुविधाएँ भी उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) इस वक़्त भष्ट्राचार का अड्डा बन गया है जो बिल्डरों को प्लाट मुहैया करवा रहा है।

वर्ष 2015 में उन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य दिलवाने की अपनी मांग उच्च न्यायालय में भी रखी थी। लेकिन बात किसी नतीजे पर खत्म नही हुई।

हाल ही में आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने कहा कि केंद्रीय सरकार दिल्ली को  गुमराह करने की कोशिश कर रही है उन्होंने कहा भाजपा पूर्ण राज्य को लेकर न जाने क्यों मौन है।

वही केंद्रीय सरकार का कहना है के दिल्ली देश की राजधानी है उसे राज्य सरकार के भरोसे नही छोड़ा जा सकता।उनका कहना है यहां कई प्रकार की अंतर राष्ट्रीय दूतावास भी है जिसकी सुरक्षा भी केंद्रीय सरकार के कंधों पर है।साथ ही मौजूदा समय में केंद्रीय सरकार राज्य की प्रगति के लिए बहुत से काम कर रही है अगर दिल्ली पूर्ण राज्य बन गया तो सारा कार्यभार राज्य सरकार पर आ जायेगा जिसकी पूर्ति के लिए राज्य सरकार को अधिक टैक्स के भार से जनता की कमर तोड़नी पढ़ेगीं।

हाल ही में सूत्रों में मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि आप आदमी पार्टी ने पूर्ण राज्य को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया गया है जिसमे रथ पर अनेक ऑडियो व वीडियो क्लिप द्वारा कई  सुविधाओं के साथ दिल्ली के कोने कोने में जाकर लोगों को पूर्ण राज्य के लिए जागरूक किया जायेगा।

राज्य सरकार अपनी दलीलें सुना रही है और केंद्रीय सरकार अपनी। देश में चुनाव की लहर के बाद ही पता चल पाएगा कि दिल्ली कब तक अपूर्ण रहती है।

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