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बड़ा खुलासा-चौकीदार की सरकार में रिज़र्व बैंक का 200 टन सोना, चोरी छिपे हुआ विदेशी बैंकों में जमा

दिल्ली के खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने एनडीए सरकार पर आरोप लगाया है कि सत्ता में आते ही एनडीए सरकार ने बिना किसी को जानकारी दिए रिज़र्व बैंक का तक़रीबन 200 टन से अधिक सोना "बैंक ऑफ़ इंग्लैंड" और "बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटलमेंट" में गिरवी रखा है।

हाल ही में खबरों की सुर्खियों ने मोदी सरकार को एक बार फिर आरोपों के कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।

दिल्ली के खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने एनडीए सरकार पर आरोप लगाया है कि सत्ता में आते ही एनडीए सरकार ने बिना किसी को जानकारी दिए रिज़र्व बैंक का तक़रीबन 200 टन से अधिक सोना “बैंक ऑफ़ इंग्लैंड” और “बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटलमेंट” में गिरवी रखा है।

वर्ष 1991 में जब देश आर्थिक समस्याओं से गुज़र रहा था तब देश के प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी ने देश का लगभग  47 टन सोना विदेशी बैंक में गिरवी रख कर देश की स्तिथि को सुधारा था। उस समय के वित्तमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में इस विषय पर बयान जारी किया था कि क्यों सरकार द्वारा इतना बड़ा कदम उठाया गया।

लेकिन ख़बरों की सुर्ख़ियों की माने तो मोदी सरकार ने बिना किसी को सूचित किए वर्ष 2015 में देश का लगभग 200 टन से अधिक सोना ”बैंक ऑफ़ इंग्लैंड” और ”बैंक ऑफ़ इंटरनैशनल सेटलमेंट” में गिरवी रखा जा चुका  है। जिसकी जानकारी सरकार द्वारा अभी तक किसी को नहीं दी गयी।

घोर आश्चर्य का विषय है कि जिसके वाहवाही के कसीदे प्रतिदिन गोदी मीडिया के द्वारा चलाये जा रहे है उनमें से किसी ने भी यह उचित नहीं समझा कि इस विषय पर भी कोई टिप्पणी करें। लोकतंत्र में मीडिया चौथा स्तम्भ होता है जिसका काम ही सरकार के कामों की निष्पक्ष समीक्षा करना होता है। परन्तु विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का यह दुर्भाग्य है कि मीडिया का एक बहुत बड़ा वर्ग सरकार की चाटुकारिता में व्यस्त है। जिसका परिणाम है के 2014 -15 की सोना प्रकरण की भनक तक नहीं लगी। कुछ अच्छे पत्रकारों की वजह से यह स्पष्ट हो पाया है कि चौकीदार कितना बड़ा चोर नहीं डकैत है।

पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने रिज़र्व बैंक से कुछ सवाल पूछे थे जिसके जवाब आरटीआइ ने कुछ इस प्रकार दिए। –

सवाल — रिज़र्व बैंक के नागपुर वॉल्ट में कितना सोना  है ??

जवाब –मांगी गई सूचना डिस्क्लोज नहीं की जा सकती।

सवाल – कितना  सोना बाहर के विदेशी बैंक में रखा गया है

जवाब -268.01 टन गोल्ड बैंक ऑफ़ इंग्लैंड और बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स में रखा गया है।

बात 68 टन सोने की करें तो वो बहुत सालों से “बैंक ऑफ़ इंग्लैंड ” में गिरवी पड़ा है।  जिसकी जानकारी विपक्ष , मीडिया आदि सबको है।

लेकिन अब अब सवाल ये आता  है की इतनी बड़ी मात्रा में देश का सोना विदेश में कब और क्यों गया ??
क्या इसके बदले भारत को कुछ मिला ??
इस  जानकारी को अब तक सबसे क्यों छुपाया गया ??
रिज़र्व बैंक की जून 2014 की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक 30 जून 2014 तक यह सोना भारत में ही था। जिसकी बैलेंस शीट की आपके सामने है।

न०चतुर्वेदी का कहना है कि सरकार को सोने के बदले में क्या मिला ??

यदि देश का सोना विदेश भेजा जा रहा है तो इस बात को सार्वजनिक किया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नही हुआ। ज़ाहिर है मोदी सरकार कुछ न कुछ तो छिपा रही है।

आपको बता दें पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी दिल्ली दक्षिण से चुनाव लड़ रहे है।

उन्होंने बताया कि जीएसपीसी और राफेल जैसे बड़े घोटालों को भी उन्ही ने उजागर किया था।

दिन प्रतिदिन आ रही घटालों की खबरों ने नरेंद्र मोदी को सवालो के कटघरे में खड़ा कर दिया है। फिलहाल देश में चुनावों का दौर चल रहा है। ऐसे में देखना होगा की जनता मोदी सरकार पर कितना यक़ीन रखती है। क्योंकि पत्रकार नवीन चतुर्वेदी की रिपोर्ट ने एक बार फिर एनडीए सरकार के नए घोटाले का खुलासा कर दिया है।

अब देखना होना इस मामले में आगे क्या होगा।  कब तक मोदी सरकार जनता के सवालों से खुद को बचाती रहेगी ??

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