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आखिर क्यों आवश्यक है देश और दुनिया भर में रक्त-दान ??

रक्त की आवश्यकता हम सभी को पड सकती है। आज के समय में भी कई लोग रक्तदान करने से डरते है। हम उन्हे कहना चाहते है कि जितनी मात्रा में आप एक बार में रक्त-दान करते है उतने रक्त की पूर्ती हमारा शरीर महज़ 2 या 3 दिनों में कर देता है।

रक्त यानी खून। दोस्तों दुनिया ऐसा कोई भी मनुष्य अथवा पशु-पक्षी नहीं है जो रक्त के बिना जीवित हो। रक्त जीवन की वो ऊर्जा है जिसके बिना किसी का भी जीवित रहना मुमकिन नहीं है। हम सभी ने कहीं न कहीं ज़रूर सुना या पढ़ा होगा कि जीवन में हम सभी को ही कम से कम एक बार रक्त दान ज़रूर करना चाहिए क्योकिं हमारा ज़रा सा रक्त सा किसी ज़रूरतमंद की ज़िंदगी को बचने में अहम भूमिका निभा सकता है। और अगर आपका रक्त किसी के जीवन को बचा सकता है तो यह सौदा कहीं भी घाटे का नज़र नहीं आता है।

हमारे देश की पूर्व प्रधान-मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने कहा था कि ” मेरे खून का एक एक कतरा मेरे देश के काम आएगा “ आज दुनिया भर में रक्त दान को लेकर ना जाने ही संस्थान अथवा केंद्र बनाये जा चुके है जिसमे अधिक से अधिक मात्रा में रक्त को जमा किया जाता है ताकि ज़रूरत पड़ने कोई भी व्यक्ति रक्त के आभाव से ना अपनी ज़िंदगी न गवाए । दोस्तों आज भले ही विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है लेकिन आज भी हम रक्त की पूर्ती करने के लिए किसी मनुष्य की ही आवश्यकता पड़ती है। क्योंकि रक्त ही एक ऐसी चीज़ है जिसे बनाया नहीं जा सकता।

कब और क्यों मनाया जाता है विश्व रक्त दाता दिवस-

विश्व रक्त-दाता दिवस हर वर्ष 14 जून को हमारे देश के साथ साथ पूरी दुनिया में मनाया जाता है। आपको बता दें की यह दिन एक महान वैज्ञानिक सर कार्ल लैंडस्टैनर जी के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। जिनका जन्म 14 जून सन 1868 को हुआ था। सर कार्ल लैंडस्टैनर एक बहुत ही बड़े वैज्ञानिक थे जिन्होंने एबीओ रक्त समूह की खोज करके नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया था। विश्व रक्त-दाता दिवस की शुरुआत सबसे पहले 2004  में वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइज़ेशन, द इंटरनेशनल द्वारा हुई थी। रेड क्रिसेंट समाज ने 14 जून को वार्षिक तौर पर इसे पहली बार मनाकर इसकी शुरुआत की थी। जिसे बाद में लगभग 192 राज्य सदस्यों द्वारा 2005 में 58 विश्व स्वास्थ्य सम्मेलनों में चलाया गया। इसका एक मात्र लक्ष्य था रक्त दान के लिए लोगों को जागरूक करना , उनको यह बताना कि रक्त-दान सुरक्षित होने के साथ साथ बहुत आवश्यक भी है। ताकि एक सुरक्षित और अवैतनिक रक्त-दान को बढ़ावा मिल सके।

क्या कहते है रक्त-दान के आंकड़े –

अगर बात  भारत में रक्त-दान के प्रतिशत की बात करें तो पता चलता है कि वर्ष 2006-07 में 54 .4  प्रतिशत लोगों ने रक्त-दान किया। वर्ष 2011-12 में यह संख्या बढ़कर 83.1 प्रतिशत हो गयी और ये आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2016-17 में भारत ने लगभग 11 मिलियन यूनिट खून जमा किया। आज पूरी दुनिया में लगभग  112 मिलियन यूनिट रक्त जमा किया जाता है। जिसमे भारत का योगदान लगभग 2 मिलियन से अधिक तक का रहता है।

क्या होते है रक्त दान के फायदे

सबसे पहले आपको बता दें कि एक औसत व्यक्ति के शरीर में लगभग 10 यूनिट यानी 5-6 लीटर तक का रक्त होता है। जिसमे केवल 1 ही यूनिट रक्त-दान में लिया व् दिया जाता है। और आपके एक बार के रक्त-दान से आप कम से कम एक, और अधिक से अधिक तीन लोगों की ज़िंदगियाँ बचाई जा सकते है। जानकारी के अनुसार पता चला है कि हमारे देश भारत में ‘O नेगेटिव’ ब्लड ग्रुप बहुत ही कम मात्रा में मिलता। यह एक यूनिवर्सल ब्लड ग्रुप होता है जो किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को दिया जा सकता है। आपातकालीन स्तिथि में जब किसी को उसके ब्लड ग्रुप का खून नहीं मिलता तो उसे ‘O नेगेटिव’ ब्लड दिया जा सकता है। भारत में  ‘O नेगेटिव’ ब्लड ग्रुप सिर्फ 7 प्रतिशत लोगों के पास ही मिलता है।

कौन कौन कर सकता रक्त-दान

नियमानुसार कोई भी स्वास्थ्य महिला और पुरुष  जिसकी आयु 18 वर्ष से 68 वर्ष की हो वह रक्तदान कर सकता है। रक्तदान करने के लिए आपका वज़न लगभग 45 किलोग्राम या उससे से अधिक का होना चाहिए और साथ ही आपके शरीर के रक्त में हिमोग्लोबिन का प्रतिशत 12 अधिक होनी चाहिए। लेकिन एक ख़ास बात का ध्यान रखते हुए आपको बता दें कि महावारी के दौर से गुज़र रही महिलाएं रक्तदान नहीं कर सकती है।

किस तरह मनाया जाता है विश्व रक्त-दाता दिवस –

आपके द्वारा किया गया रक्तदान प्रत्येक वर्ष न जाने कितने ही लोगों के जीवन को बचाता है। पूरी दुनिया में राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को रक्तदान के बारे जागरूक करने के लिए बहुत सी गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

पूरे विश्व में आज कई संगठन ऐसे है जो रक्तदान संबंधी जानकारियाँ लोगों को उपलब्ध करवाते है। जैसे  रेड क्रेसेंट सोसाइटी , इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ रेड क्रास, द इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांस्फ्यूज़न आदि ये सभी संगठन मिलकर विश्व स्तर पर लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करने का कार्य करती है. ताकि वे बढ़ चढ़ कर इस नेक कार्य में अपनी हिस्सेदारी दें।

रक्त की आवश्यकता हम सभी को पड सकती है। आज के समय में भी कई लोग रक्तदान करने से डरते है।  हम उन्हे कहना चाहते है कि जितनी मात्रा में आप एक बार में रक्त-दान करते है उतने  रक्त की पूर्ती हमारा शरीर महज़ 2 या 3 दिनों में कर देता है। इसलिए किसी के जीवन को बचाने के लिए घबराएं नहीं बल्कि मिलकर साथ निभाने के लिए आगे आएं, हो सकता है आपका ज़रा सा खून किसी की ज़िंदगी के लिए अमृत सा असर कर जाये। इसलिए कहतें है कि कर के देखिए रक्त दान अच्छा लगेगा।

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