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कितना फ़ायदेमंद रहा महिलाओं और युवाओं के लिए मोदी सरकार का 2019 का बजट!

अपने पूरे भाषण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में बढ़ती महँगाई , बेरोज़गारी या इससे जुड़े आंकड़ों पर कोई बात नहीं की है। उज्वला योजना की ज़मीनी हक़ीक़त बताती है कि 90 % लाभार्थी फिर चूल्हा जलाने पर मजबूर हो गए है। वहीँ देश में बेरोज़गारी का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है ऐसे में देखना होगा की सरकार का ये 2019 का बजट देश के युवाओं और महिलाओं के लिए कितना कारगर सिद्ध होगा।

हाल ही में खबरों की सुर्ख़ियों से पता चला है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया जा चुका है। देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी ने शुक्रवार को संसद भवन में 2019 का पूर्ण बजट देश के सामने पेश किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने  “स्वामी विवेकानंद जी” की बात पर यकीन रखते हुए प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं अधिक संख्या में शामिल करने की पूरी कोशिश की है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण  ने महिलाओं के लिए योजनाओं का ऐलान करते हुए सबसे पहले “नारी तू नारायणी” शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होने स्वामी विवेकानंद के गुरु “रामकृष्ण परमहंस” जी का ज़िक्र करते हुए कहा कि “जब तक महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं होता, ये दुनिया बेहतरी की ओर नहीं बढ़ सकती। ये ठीक वैसा ही है जैसे कोई चिड़िया एक पंख के सहारे नहीं उड़ सकती.”

उन्होंने बताया कि भारत की सामाजिक-आर्थिक प्रगति को दुनिया में आगे बढ़ाने में लिए महिलाओं का योगदान अतुल्य रहा है शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक, महिलाओं का देश की प्रगति के लिए पुरुषों से अधिक योगदान रहा है। 

उन्होंने कहा इस बार उनकी सरकार महिलाओं से जुड़ी हर योजना को पूरी तरह से सफल देखना चाहती है वे देश में महिलाओं को पूर्ण सम्मान दिलाना चाहती है इसलिए इस बजट में महिलाओ को ध्यान में रखते हुए उनकी सरकार कुछ नई  योजनाएं लेकर आ रही है। 

बताया जा रहा है कि इस बजट में महिलाओं के विकास के लिए सरकार एक समिति बनाने जा रहीं है जिसमे निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में ख़ासे जानकार विशेषज्ञ होंगे जो प्रत्येक कार्य में औरतों की भागीदारी बढ़ाने के सुझाव देंगे। जिससे महिला व् देश विकास होगा।

 इसके साथ ही “स्वयंसेवी समूहों” को बढ़ावा दिया गया है जिसमे समूह के प्रत्येक सदस्य को 5,000 रुपये की ओवरड्राफ़्ट सुविधा मिलेगी और मुद्रा स्कीम के तहत समूह की एक सदस्य को एक लाख रुपये तक के कर्ज़ की योजना  तैयार की गई है।

इस 15 वें वित्तीय आयोग में कुछ नयी योजनाएँ चलाई जायेंगी जिससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखने वाली महिलाओं को कारोबार में सहायता मिल सकेगी । 

संसद में बजट पेश करते हुए उन्होंने बताया कि “इस बार संसद में सबसे ज्यादा महिलाएं चुनकर आई हैं और हमने 78 महिला सांसदों के साथ एक नया रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है

उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने ‘उज्ज्वला योजना’ के ज़रिये महिलाओं को रसोई के धुंए से मुक्त किया है और ‘सौभाग्य योजना’ के तहत घरों को रोशन करने का कार्य भी मोदी सरकार ने ही कर दिखाया है। आज भारत में लगभग 53% से भी अधिक महिलाएं बचत खाता का इस्तेमाल करती है। जो एक बड़ी कामयाबी है

बात अगर युवाओं की करें वित्तमंत्री ने बताया है कि इस बजट में  अच्छा-खासा हिस्सा युवाओं के लिए भी रखा है। अपने भाषण में उन्होंने युवाओं के लिए कुछ महत्वपूर्ण ऐलान किए :

नई शिक्षा नीति को मद्देनज़र रखते हुए 400 करोड़ रुपये के फ़ंड का ऐलान किया है जोकि पिछली बार के शिक्षा बजट के तीन गुना ज़्यादा है। इसके साथ ही ‘स्टडी इन इंडिया’ स्कीम का ऐलान विदेशी छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए बुलाया जाएगा। 2017 की खेलो इंडिया स्कीम में नेशनल स्पोर्ट्स एजुकेशन बोर्ड का गठन भी किया जाएगा।

इसके अलावा कुछ शैक्षणिक संस्थानों को ज़्यादा स्वायत्तता दी जाएगी और इसके मद्देनज़र बिल संसद में विधेयक लाया जाएगा। प्रधानमंत्री जी की कुशल विकास योजना में एक करोड़ से अधिक युवाओं को जोड़ा जाएगा। इसमें युवाओं को रोबोटिक्स, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और 3डी प्रिंटिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी। 

लेकिन आपको बता दें कि अपने पूरे भाषण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में बढ़ती महँगाई , बेरोज़गारी या इससे जुड़े आंकड़ों पर कोई बात नहीं की है। उज्वला योजना की ज़मीनी हक़ीक़त बताती है कि 90 % लाभार्थी फिर चूल्हा जलाने पर मजबूर हो गए है। वहीँ देश में बेरोज़गारी का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है ऐसे में देखना होगा की सरकार का ये 2019 का बजट देश के युवाओं और महिलाओं के लिए कितना कारगर सिद्ध होगा।  

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