इंडियन नेशनल लीग (INL ) का दिल्ली नरसंहार के विरुद्ध जंतर मंतर पर एक दिवसीय धरना ।
१२ मार्च : जंतर मंतर नई दिल्ली : इंडियन नेशनल लीग (INL ) ने आज जंतर मंतर नई दिल्ली पर एक दिवसीय धरना देकर भारत के गृह मंत्री अमित शाह से त्याग पत्र की मांग की है । इंडियन नेशनल लीग (INL ) के नेताओं में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद सुलेमान ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा की देश की राजधानी दिल्ली के पूर्वी उत्तरी छेत्र में हुई हिंसा में ५७ नागरिकों की जान ले ली तथा करोड़ों रुपये की संपत्ति जलाकर राख कर दी गयी ।
इंडियन नेशनल लीग (INL ) के उच्च स्तरीये प्रतिनिधि मंडल ने पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में ३,४,६,७ तथा ८ मार्च २०२० को हिंसाग्रस्त क्षेत्रो का दौरा किया जिसमें राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री पि सी कुरील ,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद एकबालूजफ़र व एम् एम् माहीन,राष्ट्रीय महासचिव अहमद देवर कोविल व मोजम्मिल हुसैन ,राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉक्टर ए ए अमिन , दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष रफ़ी अहमद ,दिल्ली प्रदेश महा सचिव ,कमर अली ,केरला प्रदेश महा सचिव क़ासिम इरकुर ,सरफ़राज़ अहमद ,एम् ए लतीफ़ ,नासिर थाणगल एवं मुफ़्ती आसिफ अंजार सम्मिलित थे ।
प्रतिनिधि मंडल ने सभी पीड़ित परिवारों से मुलाक़ात किया तथा उनका बयान दर्ज किया । नेताओं ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह हिंसा प्रायोजित एवं संगठित थी इसलिए इसको नरसंहार ही कहा जा सकता है । देश के शासक दल भाजपा के नेताओं ने पड़ोसी राज्य के गुंडों को लाकर निहथ्थे लोगों पर हमला करवाया तथा दिल्ली के पुलिस कमिश्नर का हिंसा क्षेत्र से ग़ायब रहना गंभीर चिंता का विषय है और निंदनीय है ।इस हिंसा में ५७ से अधिक लोगों ने जान गंवाई है ,कई लापता हैं ,सैकड़ों लोग घायल हैं यह कृत्य दिल्ली जैसे जगह पर होती है जहाँ संसद भवन , सुप्रीम कोर्ट , तीनो सेना के मुख्यालय, अनेक संस्थान तथा मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री गृहमंत्री सब होने के बावजूद। कानून व्यवस्था के होते हुए शर्मनाक कृत्य होते है जो पूर्ण रूप से मानवता विरोधी हैं।
इंडियन नेशनल लीग (INL ) का विचार है कि इस हिंसा में पुलिस और फासीवादी तत्वों की संलिप्तता प्रकट होती है ,इसलिए गृह मंत्री अपनी ज़िम्मेदारी से नहीं बच सकते । क्योंकि देश के नागरिकों की जान माल की रक्षा करने में नाकाम रहे इसलिए उन्हें नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए । पार्टी ने यह भी मांग की व अविलम्ब हिंसा की जांच उच्च न्यायलय की निगरानी में एस आई टी द्वारा कराई जाये एवं मरने वालों के परिजनों को ५०-५० लाख मुआवज़ा दिया जाये ,घायलों को भी मुआवज़ा दिया जाये तथा समाज में नफरत के बीज बोन वाले आसामाजिक भाषण देने वाले नेताओं के खिलाफ मुक़दमे कायम किये जाएँ तथा हिंसा में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांचोपरांत कड़ी कारवाही की जाये ।
मोजम्मिल हुसैन
राष्ट्रीय महा सचिव
इंडियन नेशनल लीग (INL )
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Government should not perform like that, they have to see in equality. if anyhow they are doing partiality its not a good and healthy sign for Indian democracy .Where is Kejriwal ????
बहुत बुरा बर्ताव हुआ देश की राजधानी में, दिल्ली वासियों के लिए और लॉ एंड आर्डर के लिए शर्मनाक विषय है निंदनीय।
दिल्ली का दंगा बहुत ही शर्मिंदगी भरा कृत्य था परन्तु इसकी जांच और पुलिस का बर्ताव गले के निचे नहीं उतरता। इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज के नेतृत्व में होना चाहिए जिससे समाज में एक अच्छा संकेत जाये।