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नज़र डालें कुछ ऐसे देशों पर जिन्हे आज़ादी तो भारत साथ ही मिली, लेकिन आज भी भारत है उनसे कही पीछे।

वर्ष 1978 से चीन ने आर्थिक सुधार की जिस राह पर चलना शुरू किया था, उसने आज उसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का खिताब दिला दिया है। दुनिया के सबसे बड़े निर्यातक व आयातक देश का तमगा भी चीन ने अपने पास ही रखा है. रक्षा क्षेत्र के मामले में भी चीन सबसे अधिक पैदल सैनिकों के साथ सबसे बड़ी सेना का स्थान अपने पास रखे हुए है। यह दुनिया का दूसरा देश है, जो रक्षा बजट पर सबसे अधिक खर्च करता है।

दुनिया में ऐसे देश भी है जिन्हें आज़ादी तो भारत के लगभग साथ-साथ ही मिली लेकिन तरक्की, विकास और टेक्नॉलजी के मामले में आज वे भारत से कहीं आगे है। 

भारत (INDIA)
क्षेत्रफल-3,287,263 वर्ग किलोमीटर
आबादी-1,210,193,422 (2011 की जनगणना तक)

आज भारत पूरे विश्व में क्षेत्र-फल और जनसंख्या की दृष्टि से दूसरे स्थान पर है और आशंका लगाई जा रही है कि अगर इसी तरह भारत की जनसंख्या बढ़ती रही तो जल्द ही भारत चीन को पछाड़कर पहले स्थान पर आ जाएगा। 

बात अगर अर्थव्यवस्था की करें तो भारत की जीडीपी का स्थान आज दुनिया भर में भारत 7वे स्थान पर है जबकि कई छोटे-छोटे अर्थव्यवस्था के मामले में भारत से आगे है।

आज के भारत में पुरानी समस्याओं ने प्रचंड रूप धारण कर लिया है जैसे गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं की कमी और आतंकवाद ही दिखाई देते हैं।

देश की सुरक्षा के मामले में भारतीय सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है। भारत दुनिया का 10वां सबसे बड़ा आयातक देश और 19वां सबसे बड़ा निर्यातक देश है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को प्रतियोगिता के क्षेत्र में 51वां, वित्तीय बाजार की सूची में 17वां और बैंकिंग क्षेत्र में 24वां स्थान मिला है।

दुनिया की टॉप 15 इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी आउटसोर्सिग कंपनियों में से सात भारत से ही कारोबार करती हैं। आउटसोर्सिग के लिए अमरीका के बाद भारत दुनिया की बड़ी कंपनियों की पहली पसंद है।

दक्षिण कोरिया (South Korea)

आप जानकार हैरान रह जायेगें कि दक्षिण कोरिया जैसे देश को भी भारत से महज़ 2 वर्ष पहले ही आज़ादी मिली थी (15 अगस्त, 1945 को) लेकिन आज दक्षिण कोरिया एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जबकि दुनिया की 15वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था। 

गौरतलब की बात यह है कि लगातार कई दशकों तक युद्धरत रहने के बावजूद दक्षिण कोरिया ने यह उपलब्घि हासिल की है। इस देश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर आधारित है।

आपको बता दें कि दक्षिण कोरिया एशियाई देशों में तेज गति से हर क्षेत्र में प्रगति करने वाला देश है। वर्ष 2010 में दक्षिण कोरिया दुनिया का सबसे बड़ा छठा निर्यातक देश और 10वां सबसे बड़ा आयातक देश बना था।

हालांकि हाल ही में उत्तर कोरिया से संघर्ष की नौबत आने के बाद अर्थव्यवस्था पर कुछ असर पड़ा था, परन्तु दक्षिण कोरिया की हिम्मत और मेहनत ने उसे उन चुनिंदा देशों में खड़ा कर दिया जो वर्ष 2008 में आई वैश्विक मंदी की मार से अछूते रहे थे। सूत्रों की माने तो यहाँ बेरोजगारी दर भी अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है।

सिंगापुर (Singapore)

जब भी हम सिंगापुर का नाम सुनते है तो हमारे ज़हन में गगनचुंबी इमारतों का दृश्य उभरने लगते है .आपको बता दें कि आज़ादी के बाद अगर किसी देश ने सबसे तीव्र गति से प्रगति की है, तो वह है सिंगापुर .

सिंगापुर को आज़ादी 31 अगस्त साल 1963 में मिली जिसका क्षेत्रफल 710 वर्ग किलोमीटर है आबादी के लिहाज़ से देखा जाये तो सिंगापुर की आबादी 2012 तक लगभग 5,312,400 है आज सिंगापुर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र बन चुका है 

इसकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से निर्यात और आयातित सामान की रिफाइनिंग पर निर्भर करती है, खासकर निर्माण के क्षेत्र में। वर्ष 2011 में दुनिया की खुली अर्थव्यवस्थाओं की सूची में सिंगापुर को दूसरा स्थान मिला था।

भ्रष्टाचार के मामले में सिंगापुर लगातार सबसे कम भ्रष्टाचार वाले देशों की सूची में बहुत ऊपरी पायदान पर है.

सिंगापुर निर्यात करने के मामले में दुनिया में 14वें नंबर पर और आयात करने के मामले में 15 नंबर पर है। आज अमरीका, जापान और यूरोप की 7000 से भी ज्यादा कंपनियां यहां कारोबार कर रही हैं। 

जापान (Japan)

जापान आज दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा रखने वाला इकलौता देश है. जापान अपने नागरिकों की मेहनत,कार्यकुशलता व काम के प्रति उनके जुनून के लिए जाना जाता है। आपको बता दें कि जापान को आज़ादी 3 मई,साल 1947 को मिली . 

साल 2012 तक जापान की आबादी लगभग 1,26,659,683 थी जापान दुनिया का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक और चौथा ही सबसे बड़ा आयातक देश भी है। अपनी विशाल औद्योगिक क्षमता के चलते ही आज जापान दुनिया में तकनीकी उत्पादों जैसे- व्हीकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीन टूल्स, स्टील व नॉन फेरस मेटल्स, शिप्स, केमिकल्स, टेक्सटाइल्स का मुख्य केंद्र बना हुआ है। 

जापान में बेरोजगारी की दर भी चार फीसदी के साथ अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है। विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे- टोयोटा, होंडा, सोनी, पैनासोनिक, तोशीबा, शार्प, निप्पन स्टील, निप्पन ऑयल इत्यादि अपना कारोबार जापान से ही संचालित करती हैं।

आज विश्व की सबसे आधुनिक सेना रखने वाले देशों में जापान का नाम भी सराहनीय है। विश्व में सबसे अधिक सैन्य बजट रखने वाले देशों में जापान का 5वां स्थान है। दुनिया में जापान एक ऎसा देश है, जहां आत्महत्या दर भी सबसे कम है। 

चीन (China) 

चीन एक ऐसा देश है, जिसने अपनी चौतरफा प्रगति से दुनिया के तमाम देशों को चिंता में डाल रखा है। चीन भारत से दो साल बाद 01 अक्टूबर, 1949 में आज़ाद हुआ लेकिन आज ये एक ऐसा देश बन चुका है कि जिसने अपनी चौतरफा प्रगति से दुनिया के तमाम देशों को चिंता में डाल रखा है।

वर्ष 1978 से चीन ने आर्थिक सुधार की जिस राह पर चलना शुरू किया था, उसने आज उसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का खिताब दिला दिया है। दुनिया के सबसे बड़े निर्यातक व आयातक देश का तमगा भी चीन ने अपने पास ही रखा है.

रक्षा क्षेत्र के मामले में भी चीन सबसे अधिक पैदल सैनिकों के साथ सबसे बड़ी सेना का स्थान अपने पास रखे हुए है। यह दुनिया का दूसरा देश है, जो रक्षा बजट पर सबसे अधिक खर्च करता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक वर्ष 2001-10 के बीच ही चीन की जीडीपी ग्रोथ 10.5 फीसदी रही थी। 

चीन आज अंतरराष्ट्रीय व्यापार के साथ दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारिक देश बना हुआ है. दुनिया की सबसे अधिक आबादी भी चीन की है. विदेशी निवेश पाने के मामले में चीन का दुनिया में तीसरा स्थान है।

ये वही देश है जिनको आज़ादी तो लगभग भारत के साथ ही मिली थी लेकिन विकास के मामले में आज ये देश भारत से कहीं आगे है। ऐसे में हमे अपने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने लिए के लिए इसपर अधिक बल देना चाहिए कि हम अपने भारत के आर्थिक और टेक्नोलॉजी व्यवस्था को पूर्णता मज़बूत कर सके। ताकि भविष्य में हम लोग इन उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों में शामिल हो जाएँ .

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