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सरकार की गलत नीतियों के कारण कोरोना से ज्यादा मौतें भूख, बीमारी और दुर्घटनाओं से हो रही : अजय राय

औरैया सहित पुरे प्रदेश में प्रवासी मजदूरों की दुर्घटनाओं में हो रहीं मौत विचलित करने वाली है आखिर प्रशासन इतना निरंकुश कैसे हो सकता है, आश्रित परिवार के लोगों को दस-दस लाख मुआवजा देने की मांग

An excavator gathers the wreckage of a truck transporting goods and migrant labourers going back to their hometowns after it collided with another vehicle in Auraiya district of Uttar Pradesh on May 16, 2020. An excavator gathers the wreckage of a truck transporting goods and migrant labourers going back to their hometowns after it collided with another vehicle in Auraiya district of Uttar Pradesh on May 16, 2020. | Photo Credit: AFP

चन्दौली , लाकडाउन घोषित करने के बाद सरकार द्वारा मजदूरों को लगभग उनके हाल पर बेबस व लाचार छोड़ दिया गया नतीजा चारों तरफ मजदूरों में अफरातफरी मचा हैं स्थिति यह हो रहीं हैं की सरकार की सही नीतियां न होने से वैश्विक महामारी कोरोना से ज्यादा मौतें भूख, बिमारी और सड़क दुर्घटना से हो रहीं हैं ! आज औरोया सहित कई जगह पर प्रवासी मजदूरों की मौत बहुत ही मन को बिचलित कर दे रहीं हैं उक्त बातें स्वराज अभियान के नेता व मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने कहा!

Ajay Rai Social Reformer

उन्होंने कहा कि आज सरकार से लेकर पूरा सिस्टम मजदूरों की समस्या को हल करने, जहाँ रह रहें थे वहा समुचित उनकी व्यवस्था करने या सुरक्षित उनको घर भेजने की जबाबदेही पुरा करने में असफल होने पर मजदूरों को ही दोषी ठहरा रही हैं! यह गलत ही नहीं अमानवीय भी हैं !

आज मजदूर शौक में नही परिवार के साथ हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर पैदल चल कर घर के लिए निकल रहें हैं वल्कि जहाँ रह रहें थे या काम कर रहें थे वहाँ की हालत अमानवीय थी, भूख व वेदखली से जूझ रहें थें और सरकार की जबाबदेही थी कि उनकी या तो वही समुचित व्यवस्था करती या सुरक्षित घर तक पहुंचाने का काम किया जाता लेकिन न के बराबर हुआ उल्टे उन मजदूरों को व पहुंचाने वाले को ही दण्डित किया जाने लगा , जो पुरी तरह से गलत हैं!

गाँव गाँव में पहुंचे इन मजदूरों की सही जांच व सुरक्षित रख समुचित व्यवस्था देने में लगभग असफल सरकार व प्रशासन हैं! अगर गाँव में वैश्विक महामारी कोरोना फैला तो मजदूरों को ही दोषी ठहराया जायेगा आज गाँव में इन मजदूरों से कई जगह ठकराव व असुरक्षा की स्थिति हैं! मजदूरों को कोरंटीन करने की तमाम सुविधा से वंचित हैं जबकि संकटग्रस्त इन मजदूरों को तमाम सुविधा देकर सुरक्षित रखने की जरूरत हैं! हर जनपद में लगभग सरकारी व गैर सरकारी मेडिकल सुविधा नदारद हैं और आने वाले समय बरसात कई तरह की बिमारियों को लेकर भी आयेगा लेकिन इस पर भी सरकार की कोई तैयारी नहीं है बच्चों की मौत अगर मेडिकल सुविधा के अभाव में बिमारियों से होगी तो यहाँ के बडबोले मंत्री बोलेंगे की अगस्त व सितम्बर में बच्चों की मौत होता ही हैं!

उन्होंने कहा कि केरल को छोड़कर हर जगह का मॉडल फेल हो चुका हैं महामारी से लड़ने का बेहतर मॉडल केरल ही हैं जिसको हर कोई उम्मीद के साथ देख रहा हैं! हमारे लिए असली योद्धा यहीं मजदूर हैं तो तमाम कष्टों से जूझते हुए गाँव आ रहें हैं उनको जांच कर सुरक्षित रखा जाए उनके साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया जाए! वही औरैया में दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का ज़िम्मेवार सरकारें अपनी गलत नीतियों को ठीक करे ! पुनः हम दुर्घटना में मारे गए प्रवासी मजदूरों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं और सरकार से दस – दस लाख मुआवजा की मांग करता हूँ! तथा घायलों की समूचित इलाज हो!


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