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Surya Grahan 2020: 21 जून रविवार को सूर्यग्रहण, जानें भारत में कब से लगेगा ग्रहण -प्रभाव -उपाय विश्व प्रसिद्ध आचार्य इंद्रशर्मा जी से

आने वाले रविवार 21 जून को खंडग्रास सूर्य ग्रहण हैं जो की भारत मे दिखाई देगा और इस ग्रहण क़ा स्पर्श सुबह 10.09 मिनट और ग्रहण क़ा मोक्ष दोपहर 13.43 तक होगा और ग्रहण क़ा सूतक 20 जून दिन शनिवार को रात्रि 22.09 सें रविवार 21जून दोपहर 13.43 मिनट तक रहेगा।


आचार्य इंद्र शर्मा फाउंडर ज्योतिष एक ज्योति

ये ग्रहण मिथुन राशि मे लग रहा हैं मिथुन राशि में राहु सूर्य व चंद्रमा को पीड़ित कर रहा है और मंगल जल तत्व की राशि मीन में है और मिथुन राशि के ग्रहों पर दृष्टि डाल रहा है इस दिन बुध, गुरु, शुक्र और शनि वक्री रहेंगे राहु और केतु हमेशा वक्री ही रहते हैं इन छह ग्रहों की स्थिति के कारण ये सूर्य ग्रहण और भी खास हो गया है इस दिन एक और खगोलीय घटना होने वाली है, जिसमें सूर्य कर्क रेखा के ठीक ऊपर आ जाएगा ये साल का सबसे बड़ा दिन भी होगा सदी का दूसरा ऐसा सूर्य ग्रहण है, जो 21 जून को हो रहा है इससे पहले 2001 में 21 जून को सूर्य ग्रहण हुआ था।

इस समय पूरे विश्व एक को एक वायरस ने घेरा हुआ हैं जिसका नाम हैं covid 19 और ये दिसंबर 2019 के ग्रहण के बाद ये अपने प्रभाव को लगातार बढ़ाता ही जा रहा हैं और दिसंबर मे जो ग्रहण लगा था वो केतु देव ने सूर्य को ग्रहण लगाया था और जो अभी 21 जून को लग रहा हैं ये ग्रहण सूर्य को राहु देव लगाएंगे और जो लोग ज्योतिष सीख रहे हैं ध्यान दीजिएगा जिस सूर्य ग्रहण मे केतु देव हों उसका नेगेटिव प्रभाव तक तक रहता जब तक राहु देव सूर्य को ग्रहण नहीं लगाते और इसका साफ शब्दों मे बताएं तो इस covid 19 क़ा प्रभाव इस ग्रहण के लगभग दो महीने के बाद कम होता चला जाएगा इसकी कोई वैक्सीन बाजार मे आ जा सकती हैं जिससे इसका प्रभाव या तो खत्म हो जाएगा या बहुत कम रह जाएगा।

इस समय जो सबसें ज्यादा चर्चा मे हैं वो हैं भारत और चीन क़ा विवाद और लोगों के दिमाग मे हैं की क्या भारत और चीन क़ा युध्द होगा? जब भी युद्ध होता हैं तो उस मे मँगल क़ा शनि के साथ दृष्टि होना या युति होना या एक दूसरे के केँद्र मे होना और मुन्डेन ज्योतिष मे एक होता हैं संघटा चक्र और नक्षत्र संघटा चक्र जब भी संघटा चक्र मे शनि मँगल साथ हों या दृष्टि मे हों उस समय युध्द होने क़ा बोला जाता हैं और मित्रों इस समय मे ना तो मँगल शनि को देख रहे हैं ना युति हैं और ना ही एक दूसरे के केँद्र मे हैं और ना ही संघटा चक्र और ना ही नक्षत्र संघटा चक्र मे एक दूसरे को दृष्टि दे रहे हैं इस लिए अभी भारत चीन क़ा युध्द अभी नहीं होगा हां युध्द जैसी ही स्थिति रह सकती हैं दोनों सेनाएं बॉर्डर पर तैनात हो जाएगे छोटी मोटी झड़प हो सकती हैं काफी उग्र बयान बाजी होगी परंतु युध्द अभी नहीं होगा।

जब 16 अगस्त 2020 मे मगल मेष राशि मे आएंगे और यहा पर मँगल लगभग फरवरी 2021 तक रहेगे और ये समय मे मँगल देव शनि के केँद्र मे रहेगे ये समय युध्द हो सकता हैं किसी भी देश क़ा किसी दूसरे देश के साथ(विश्व के किसी भी देश क़ा किसी भी दूसरे देश के साथ ) और भारत भी इससे अछूता नहीं हैं और भारत मे ये योग आग जनी क़ा अराजकता दंगे आंतकंवादी घटना करवा सकता हैं और अमेरिका जैसी कोई घटना हों सकती हैं जिससे की अराजकता अपने चरम पर पहुच सकती हैं।

ये ग्रहण मिथुन राशि मे और आद्रा और मृगशिरा नक्षत्र मे लग रहा हैं और ये गण्ड और वृधि योग मे ये ग्रहण घटित होने हों रहा हैं इसके कारण साधु सन्यासियों को कष्ट डाक्टरों को कष्ट दक्षिण भारत और दक्षिण मे रहने वाले लोगों को कष्ट होगा और ये ग्रहण मिथुन राशि मे लग रहा हैं विश्व के प्रधाननेताओं को कष्ट केँद्र केँद्रिय सत्ता मे बैठे नेताओं के लिए कठिन समय हैं मित्रों मिथुन राशि मे लगा ग्रहण समाज की प्रतिष्ठित महिलाओं ,धनी मानी कलाकार, राजा या राजा सरीखे प्रतिष्ठित और प्रतापी व्यक्तियों को कष्ट और पीड़ा देता हैं और ये ग्रहण दिन के तीसरे और चतुर्थ भाव मे लग रहा हैं इससे शिल्पी , कलाकार, मंत्री गण और सेना के अधिकारियो को कष्ट होता हैं

देश के किसी बड़े प्रदेश मे सत्ता परीवर्तन हों सकता हैं मित्रों मेद्नी(मुन्डेन) ज्योतिष के अनुसार ये ग्रहण साल के दूसरे पर्व मे लग रहा हैं और इस पर्व क़ा मालिक हैं इँद्र और इसके फल के अनुसार राजनेताओं मे और शासको मे परस्पर मतभेद अपने शीर्ष पर पहुच जाएगे और वैमनस्य के कारण सरकारों मे अस्थिरता योजनाओं मे गतिरोध कृषि और उधोग उत्पादन मे कमी प्रजा अराजकता और दंगों क़ा लूट मार क़ा माहौल बनेगा।

ये ग्रहण मृगशिरा और आद्रा नक्षत्र मे लग रहा हैं और अगर कूर्म चक्र की बात करें तो ये नक्षत्र कूर्म के नाभी यानी मध्य भाग और मूख़(पूर्वी भाग )की तरफ हैं कूर्म चक्र मे ये स्थान बने मध्य प्रदेश क़ा बड़ा भू भाग और असम बंगाल बिहार झारखंड मेघालय मनीपूर नागालैड गया उतर प्रदेश नेपाल और नेपाल की सीमा सें जुड़े हुए क्षेत्र और राजस्थान गुजरात ये क्षेत्र प्रभावित रहेगे और ये क्षेत्र और कश्मीर दिल्ली और यमूना के किनारे मे बसे शहरों पर इसका अशुभ प्रभाव देखने को मिलेगा वहीं पाकिस्तान अफगानिस्तान इराक ईरान और चीन मे भी इसका अशुभ प्रभाव देखने को मिल सकता हैं यहा पर कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप तेज तूफान आने क़ा विशष योग हैं कोई बड़ी दुर्घटना भी हों सकती हैं कोई ट्रेन या कोई हवाई या कोई जलीय दुर्घटना हो सकती हैं।

ये ग्रहण अमेरिका के लगन मे लग रहा रहा हैं और इसके कारण अमेरिका ,कनेडा मैक्सीको मे भूकंप आने का किसी प्राकृतिक आपदा यां किसी बडी दुर्घटना यां किसी आतंकी हमले का योग बना हुआ हैं वहा पर किसी बड़ी हस्ती की तरफ सें कोई बुरी खबर आ सकती हैं किसी बड़े नेता को दिक्कत आ सकती हैं।

इस ग्रहण के प्रभाव सें लोगो मे अस्ष्णुता की पराकाष्टा देखने को मिलेगी बात बात पर लड़ाई झगड़ा दंगा फसाद की स्थिति निर्मित होगी मित्रो किसी संत किसी धर्म गुरु क़ा ( किसी भी समुदाय का) उसका कोई किस्सा बाहर आ सकता हैं ग्रहण वायु मंडल मे लग रहा हैं तो दोस्तो इस हिसाब से कूछ जगह पर भयंकर भूकम्प बाढ़ सुनामी और प्राक्रतिक आपदा आ सकती हैं रेल दुर्घटना वायू दुर्घटना हों सकती हैं और ग्रहण काळ में गर्भवती स्त्री को खुलेमें नहीं निकलना चाहिये और जो भी गर्भवती स्त्रीया हैं वो इस समय आपने पास ऐक नारियल जरूर रखे और अगले दिन इसको जल प्रवाह करे और ग्रहण काळ में जप और मानसिक पूजन करना चाहिये इससे बहुत जलद अपने इष्ट की कृपा प्राप्त होती है ज्यादा डिटेल्स में ना जाते हुए यही कहेंगे की भारत में किसी बडी हस्ती की तरफ से कोई दुखद समाचार सुनने को मिळ सकता है भूक्म्प आदि आ सकते है।

जो सूर्य ग्रहण लग रहा हैं और इसके दुष्प्रभाव सें बचने क़ा हम ये उपाय दे रहे हैं ये कोई भी कर सकता हैं और ये आपने सूर्य ग्रहण लगने सें पहले सब लेकर आपने रखना हैं और इन सबक़ा एक पोटली जैसा बना लेना हैं ये समान हैं एक सवा मीटर काले रंग कपड़ा थोड़े सें काले तिल, थोड़ा सा सरसों क़ा तेल, कोयला, थोड़े सें जौं गेहूं थोड़े सें एक टुकड़ा लोहे क़ा अगर लोहे क़ा टुकड़ा ना मिले तो एक लोहे क़ा कील भी ले सकते हैं और इन सबकी पोटली बना ले और राहु देव क़ा बीज मँत्र आप ग्रहण समाप्ति तक कंबल क़ा या कुषा क़ा आसान बिछा के इस राहु देव के बीज मँत्र क़ा उच्चारण करते रहे और ये मँत्र हैं “ॐ रां राहवे नमः और पोटली जौ आपने बनाई हैं उसको जल प्रवाह करें अगर आपके आस पास अगर नदी नहीं हैं तो आप किसी मंदिर मे भी दे सकते हैं और साथ मे कुछ दक्षिणा भी जरूर देवे और अपनी कुंडली के अनुसार भी जरूर उपाय करें और भगवान सें ये प्राथना करें की भारत की और विश्व की रक्षा हो।

आचार्य इंद्र शर्मा
दूरभाष -7584972771
FOUNDER AND HEAD OF JYOTISH EK JYOTI
THE NAME OF ASTRO TRUST INSTITUTE OF ASTROLOGY

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