JANMATKuch KhasNationPress Release
Trending

पीओके में भारतीय सेना को बड़ी कामयाबी, पाकिस्तानी चौकियों के साथ 10 पाक सैनिक और बड़ी संख्या में आतंकी ढेर।

भारत की कार्रवाई के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल रावत से बात की और वह नियंत्रण रेखा के हालात पर नजर रखे हुए हैं। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस बात से इंकार किया कि भारतीय सेना ने पीओके में चार आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया था। उन्होंने कहा कि भारत के इस ‘‘झूठ’’ को बेनकाब करने के लिए पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों के राजनयिकों के वहां के दौरे की व्यवस्था कर सकता है।

थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के अनुसार पाकिस्तान की ओर से अकारण की गई गोलीबारी के जवाब में रविवार को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की नीलम घाटी में चार आतंकी शिविरों और पाक सेना के कई ठिकानों को तोपों से निशाना बनाया जिसमें उनके छह से 10 सैनिक और इतनी ही संख्या में आतंकवादी मारे गए।

भारत की जवाबी कार्रवाई के एक दिन पहले शनिवार शाम पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा के पास जम्मू कश्मीर के तंगधार सेक्टर में आतंकवादियों की घुसपैठ में मदद के लिए गोलीबारी की थी। इस घटना में भारत के दो सैनिक शहीद हो गए थे। गोलीबारी में एक आम नागरिक की भी मौत हो गयी जबकि तीन अन्य घायल हो गए।

इस बीच एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि भारतीय तोपों से की गई गोलाबारी में कम से कम 20 आतंकवादी मारे गए और यह आंकड़ा काफी अधिक भी हो सकता है।

जनरल रावत ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि जवाबी कार्रवाई में नियंत्रण रेखा के दूसरी तरफ आतंकी ढांचों को खासा नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा, “अब तक, हमारे पास उपलब्ध सूचना के मुताबिक 6-10 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं और करीब इतने ही आतंकवादी भी ढेर हुए हैं।” उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों के बारे में और जानकारी हासिल की जा रही है।

जनरल रावत ने कहा, “तीन आतंकवादी शिविर नष्ट किये गए हैं और चौथे शिविर को भी हमने काफी नुकसान पहुंचाया है।”

सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान अगर ऐसी गतिविधियां जारी रखेगा तो भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई से नहीं हिचकिचाएगी।

सूत्रों ने बताया कि तंगधार सेक्टर के दूसरी तरफ नीलम घाटी में चार आतंकवादी शिविर भारतीय सेना की गोलीबारी में पूरी तरह से नष्ट हो गए। उस समय प्रत्येक ठिकाने में 10-15 आतंकवादी मौजूद थे। भारतीय सेना की इस कार्रवाई को फरवरी में बालाकोट हमले के बाद सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाई बताया जा रहा है।

सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत की कार्रवाई के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल रावत से बात की और वह नियंत्रण रेखा के हालात पर नजर रखे हुए हैं।

इस बीच, पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस बात से इंकार किया कि भारतीय सेना ने पीओके में चार आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया था। उन्होंने कहा कि भारत के इस ‘‘झूठ’’ को बेनकाब करने के लिए पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों के राजनयिकों के वहां के दौरे की व्यवस्था कर सकता है।

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि भारत की कार्रवाई में कुल पांच पाकिस्तानी नागरिकों की मौत हुई है।

पाकिस्तान ने भारत द्वारा की गयी कार्रवाई की निंदा करने के लिए भारतीय उपउच्चायुक्त गौरव आहलूवालिया को तलब किया।

गफूर ने आरोप लगाया, “भारतीय सेना द्वारा निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाना कथित शिविरों को निशाना बनाने के उनके झूठे दावों को सही ठहराने का एक प्रयास है।”

गफूर ने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना के हमले में नौ भारतीय सैनिकों की मौत हो गई और भारत के दो बंकर तबाह हो गए।

हालांकि भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गफूर के आरोपों को खारिज कर दिया।

भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तानी सेना ने कल शाम तंगधार सेक्टर के भारतीय क्षेत्र में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए अकारण संघर्षविराम का उल्लंघन शुरू कर दिया।

इसमें कहा गया है कि भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में आतंकवादियों के शिविरों और इन शिविरों को सुरक्षा प्रदान करने वाली अनेक पाकिस्तानी चौकियों तथा कुछ शस्त्र स्थलों को निशाना बनाया गया।

बयान के अनुसार अगर पाकिस्तानी सेना सीमा पार से आतंकी गतिविधियों को मदद देना जारी रखता है तो भारतीय सेना को अपने हिसाब के समय और जगह पर जवाब देने का अधिकार है।

जनरल रावत ने कहा, “विशेष प्रावधानों (जम्मू कश्मीर के) को रद्द किये जाने के बाद से, हमें सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ के बारे में बार-बार जानकारी मिल रही थी।”

source – P.T.I

Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close