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शिक्षित रोजगार गारंटी से युवाओं में बढ़ेगा आत्म सम्मान -प्रताप चंद्रा जी

सरकार को चाहिए कि शिक्षित बेरोजगार युवकों को मनरेगा के तहत स्कूल में 100 दिन का रोजगार पढ़ाने के तौर पर दिया जाए और उन विभागों में रिक्त पड़े पदों पर भी मनरेगा के तहत बेरोजगारों को उनकी योग्यता के अनुसार कार्य का अवसर प्रदान किए जाने चाहिए !

शिक्षा की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है ! शिक्षा का उपयोग मात्र व्यक्तिगत विकास ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण आत्म विश्वास भी है जिसे उपलब्ध करवाने में अभी तक सभी सरकारें असफल रही हैं ! क्यों कि शिक्षा से हम जहां अपना ज्ञान को बढ़ाते हैं, इसी के साथ हमारी आजीविका के साधन भी सुनिश्चित होने चाहिये ! तभी राष्ट्रका समग्र विकास होगा !

गत वर्षों से हमारी शिक्षा के उपयोगिता स्तर निरंतर गिरता जा रहा है ! इस ओर किसी का ध्यान नहीं है ! जिस हेतु राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के अध्यक्ष प्रताप चंद्रा ने एक राष्ट्र व्यापी आन्दोलन छेड़ रखा है !

उनका विचार है कि भारत सरकार ने देश में बेरोजगारी को दूर करने के मकसद से राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना लागू की है, जिसका नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना रखा गया है ! इसमें वर्ष भर में 100 दिन का रोजगार प्रति परिवार एक व्यक्ति को दिया जाएगा ! ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह योजना वरदान साबित हुई, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की आर्थिक दशा में सुधार हुआ !

किन्तु शहरी क्षेत्रों में लोग इसको अपनाने में असमर्थ रहे हैं ! इसलिये इसमें सुधार की आवश्यकता है, क्योंकि हमारे शिक्षित बेरोजगार युवाओं को इसमें रोजगार प्रदान करवाने की व्यवस्था नहीं है, जिस कारण देश का शिक्षित वर्ग आत्म सम्मान विहीन जीवन जी रहा है !

जबकि देश में 90 प्रतिशत बेरोजगारी शिक्षित वर्ग में है, जिनको भी रोजगार, राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना के अंतर्गत उपलब्ध करवाया जाना चाहिए, ताकि देश के विकास में इनका भी योगदान मिल सके ! ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह कुछ विभागों खासकर शिक्षा विभाग में अध्यापकों के अनेक पद रिक्त होने के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है !

इसलिए सरकार को चाहिए कि शिक्षित बेरोजगार युवकों को मनरेगा के तहत स्कूल में 100 दिन का रोजगार पढ़ाने के तौर पर दिया जाए और उन विभागों में रिक्त पड़े पदों पर भी मनरेगा के तहत बेरोजगारों को उनकी योग्यता के अनुसार कार्य का अवसर प्रदान किए जाने चाहिए ! इससे प्रदेश में मनरेगा को मजबूती मिलने के साथ सभी वर्ग के अर्थात शिक्षित, अशिक्षित, प्रशिक्षित व बेरोजगारों को भी रोजगार मिल सकता है !

आज इस प्रदेश व देश में बेरोजगारों की लंबी कतार को कम करना किसी भी सरकारी एवं गैर सरकारी एजेंसी और संस्था के बस में नहीं है, अपितु हमारी कृषि बागबानी पर्यावरण और जन संसाधन जैसे क्षेत्र औद्योगिक क्षेत्र के बाद दूसरे ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर स्वरोजगार के संसाधन उत्पन्न हो सकते हैं !

आज निजी क्षेत्र में रोजगार की ज्यादा संभावनाएं बढ़ गई हैं और अच्छा-खासा रोजगार इस क्षेत्र में मिल सकता है ! हमारी शिक्षा व मनरेगा प्रदेश व देश को एक नई दिशा दे सकती है ! यदि इस पर गहन विचार-विमर्श किया जा सके, तो यह हमारे बेरोजगार युवकों के लिए राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना ‘रामबाण’ साबित हो सकती है ! मात्र बस प्रयास की आवश्यकता है ! कोई भी कार्य सच्ची निष्ठा ईमानदारी व सर्व विकास के लिए किया गया हो, वह देश विकास के अवश्य ही नई दिशा दे सकता है !

इसी तरह दूसरे विभागों में भी मनरेगा के तहत कार्य करवाने की योजनाएं बनाई जाए ! मेरा व्यक्तिगत विचार यह है कि इस मनरेगा के अंतर्गत पढ़े-लिखे बेरोजगारों को उनकी योग्यतानुसार 100 दिन का रोजगार दूसरे सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में भी दिया जाना चाहिए ! प्रदेश में पर्यटन रोजगार की संभावनाएं बहुत अधिक हैं ! इस विषय पर चिंतन की आवश्यकता है ! लोगों को काम मिले यह जरूरी है ! जिससे हमारे युवा भी आत्म सम्मान के साथ जीवन जी सकें !

यह हम सब का दायित्व है कि देश के विकास को ऊंचाइयों तक ले जाएं ! इसलिए देशवासियों की सोच देश की बेहतरी समृद्धि विकास के लिए हो ! हमें राष्ट्र के प्रति हमेशा समर्पित रहना चाहिए, क्योंकि ‘राष्ट्र है तो हम हैं,राष्ट्र नहीं तो हम भी नहीं’ इसलिए अपने-अपने दायित्व को इस तरह से निभाना चाहिए कि जिससे देश की बुराइयों का अंत हो और सुंदर भारत, कुशल भारत की रचना हो सके !

लेखक प्रताप चंद्रा जी राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं

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