कड़ी सुरक्षा में जम्मू-कश्मीर में मनाई जाएगी ईद,चप्पे-चप्पे पर होगी सुरक्षाबलों की नज़र।
ख़ुफ़िया जानकारी है कि असामाजिक तत्व और हुड़दंगी सोमवार को ईद के मौक़े पर कश्मीर घाटी का माहौल ख़राब करने की पूरी कोशिश कर सकते हैं। इसलिए लोगों से अपील की गयी है कि वे भारी भीड़ न इकठ्ठी न करे। आम जनता की सुविधा के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव प्रयास किये गए है जिससे घाटी का माहौल शांत रहे।
हाल ही में केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 को कश्मीर घाटी से हटाये जाने की गहमागहमी के बीच आज ईद मनाई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक जम्मू के सभी 10 जिलों से धारा 144 हटा दी गई है। लेकिन किश्तवाड़, भद्रवाह और पुंछ जैसे इलाकों में अभी भी धारा 144 लागू है।
अनुच्छेद 370 को हटाये जाने पर जहाँ सारा देश खुश नज़र आ रहा है वहीँ कुछ लोग इससे नाखुश नज़र आ रहे है। घाटी के कुछ गिने चुने लोगों के दिलों में अभी भी गुस्से की लहर देखी जा सकती है। उनका मानना है कि भारतीय सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। इसी सियासी हंगामे और कश्मीर को लेकर मची उथल-पुथल के बीच शांति के माहौल में ईद का आयोजन कराना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती है।
हालाकिं कड़ी सुरक्षा के बीच मसजिदों में नमाज़ की इजाजत तो दे दी गयी है लेकिन बड़ी मसजिदों में भारी मात्रा में इकट्ठा होने और नमाज़ पढ़ने की इजाजत नहीं दी गई है।
आपको बता दें कि कुछ ख़ुफ़िया जानकारों के द्वारा पता चला है कि कश्मीर को दहलाने की साज़िश में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 10 से 15 आत्मघाती हमलावर कश्मीर में दाखिल हो चुके है और एक बड़ा आतंकवादी हमला करने की फिराक में है।
यह वही जैश-ए-मोहम्मद है, जिसने भारत में इस साल पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था। इसका सरगना मसूद अज़हर है, जिसने भारत में 26-11 हमले की साज़िश रची थी।
भारत के दबाव में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया जा चुका है। ऐसे में आज की ईद मनाना कश्मीरियों के लिए थोड़ा खतरा ज़रूर है लेकिन सुरक्षा बालों की चौकसी और कड़ी कर दी गयी है। ताकि आम नागरिकों को खतरे से बचाया जाये।
“द-जनमत” के सूत्रों द्वारा मिली जानकारी बताती है कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ईद से एक दिन पहले रविवार को घाटी में बड़ी दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रहे।
लोगों की ज़रूरत को देखते हुए छोटी छोटी दुकानों व् बाज़ारों को खुलने की इजाज़त दी गयी थी जहाँ से लोगों ने ईद की खरीदारी की। सुरक्षा बालों ने लाउडस्पीकर के जरिये आम नागरिकों को बताया है कि धारा 144 फिर से लागू कर दी जाएगी है इसलिए घर बहार न निकले। ऐसे में घाटी में एक बार फिर पत्थरबाज़ सुरक्षाबलों पर हमला कर सकते हैं।
लाऊड-स्पीकरों के ज़रिए लोगों से अपील की गयी है कि वे ईद की नमाज़ अपने इलाक़े की मसजिदों में ही करें। क्योकिं इस बात की आशंका लगाई जा रही है कि सरहद पार से कुछ आतंकी संघठन भीड़ को निशाना बना सकते है।
सूत्रों के मुताबिक़, लैंड लाइन, मोबाइल, इंटरनेट, ब्रॉडबैंड सेवा को अभी भी चालू नहीं किया गया है। लेकिन राज्य सरकार ने कश्मीर के लोगों को दूर-दराज के इलाक़ों में रह रहे उनके रिश्तेदारों से बात कराने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं।
लोगों को उम्मीद थी कि ईद के मौक़े पर लैंडलाइन सेवाओं को चालू कर दिया जाएगा लेकिन अब तक इस बारे में फ़ैसला न हो पाने के कारण लोगों को किसी तरह की परेशानी से बचाने के लिए श्रीनगर में 300 स्पेशल फ़ोन बूथ लगाए गए हैं।
ख़ुफ़िया जानकारी है कि असामाजिक तत्व और हुड़दंगी सोमवार को ईद के मौक़े पर कश्मीर घाटी का माहौल ख़राब करने की पूरी कोशिश कर सकते हैं। इसलिए लोगों से अपील की गयी है कि वे भारी भीड़ न इकठ्ठी न करे। आम जनता की सुविधा के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव प्रयास किये गए है जिससे घाटी का माहौल शांत रहे।