कोविड -19 की जांच में एक और संदिग्ध पॉजिटिव पाया गया है। यह संदिग्ध थाईलैंड और मलेशिया की यात्रा कर चुका है। इस संदिग्ध को अस्पताल में अलग रखकर इलाज किया जा रहा है। अभी इसकी हालत स्थिर है। देश में अब कोविड -19 के 31 पुष्ट मामले दर्ज हैं। इनमें 16 इतालवी नागरिक शामिल हैं।
नई एडवाइजरी के अनुसार सभी अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को, चाहे वे किसी भी देश के हों, व्यापक चिकित्सा जांच से गुजरना अनिवार्य है। इसके लिए जांच की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। मौजूदा 21 हवाई अड्डों के साथ ही नौ और हवाई अड्डों पर भी जांच शुरू की गई है। इसके साथ ही अब तक कुल 30 हवाई अड्डों पर कोविड-19 की जांच हो रही है।
इसके अलावा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोविड -19 पर एक दिवसीय राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। इसका उद्घाटन आज स्वास्थ्य सचिव सुश्री प्रीति सूदन ने किया। इसमें सभी राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारी और रेलवे, रक्षा तथा अर्धसैनिक बलों के अस्पतालों के 280 स्वास्थ्य कर्मी भाग ले रहे हैं। इसमें देश भर के लगभग 1000 केंद्रों पर लोग भाग ले रहे हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली-एनसीआर के निजी अस्पतालों को कोविड-19 प्रबंधन में शामिल करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की
कोविड-19 प्रबंधन के लिए यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के एक साथ आने और सामूहिक प्रयासों के लिए एक गठबंधन के रूप में काम करने का समय है: डॉ. हर्षवर्धन
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 प्रबंधन के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के एक साथ आने और सामूहिक प्रयासों के लिए सहयोग और समन्वय की भावना के साथ एक गठबंधन के रूप में काम करने का समय है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि उन्होंने दिल्ली-एनसीआर के निजी अस्पतालों के प्रमुखों के साथ आज नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल और एचएफडब्ल्यू की सचिव सुश्री प्रीति सूदन भी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर, देश में कोविड-19 प्रबंधन की वर्तमान स्थिति और इससे निपटने के लिए रही गतिविधियों के बारे में एक प्रस्तुति भी दी गई। प्रस्तुति के बाद, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सामूहिक प्रयासों से समय से एहतियाती कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों को रोकथाम, सामुदायिक निगरानी और प्रभावी अस्पताल प्रबंधन के बारे में उच्च अलर्ट जारी रखना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता को देखते हुए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र एक गठबंधन बनाकर सामूहिक संसाधनों के साथ सार्वजनिक हित में साझा लक्ष्यों की दिशा में एक-दूसरे की क्षमता को प्रोत्साहन देते हुए कार्य कर सकते हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने संक्रमित मामलों के लिए अस्पतालों की बिस्तर क्षमता, पृथक वार्ड, नमूना संग्रह और परीक्षण के लिए प्रोटोकॉल, बाहरी रोगियों के लिए प्रोटोकॉल आदि के बारे में तैयारियों से जुडे कई मुद्दों पर चर्चा की। चर्चा के दौरान निजी अस्पतालों में बिस्तरों का संख्या बढ़ाने पर भी चर्चा की गई और इस दिशा में नीति आयोग और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय निजी अस्पतालों की सहायता करेंगे। नमूना संग्रह और जाँच में सहयोग पर भी चर्चा की गई। एचएफडब्ल्यू सचिव ने कहा कि देश भर में ऐसी 35 प्रयोगशालाओं की पहचान की गई है, जिनकी संख्या आने वाले दिनों में 100 से अधिक हो जाएगी। अस्पतालों ने सूचित किया कि उन्होंने अपने अस्पताल के कर्मचारियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न गतिविधियां शुरू की हैं। अस्पतालों ने स्वयं के प्रयासों के माध्यम से समुदायों के बीच जागरूकता बढ़ाने की दिशा में भी कार्य किया है। चर्चा के दौरान इस विषय पर भी जोर दिया गया कि कोविड-19 के प्रबंधन के संदर्भ में आम जनसंर्पक बनाए रखा जाए।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि लोगों के लिए जानकारी के प्रामाणिक और विश्वसनीय स्रोतों तक पहुंचना महत्वपूर्ण था। इस दिशा में, उनके ट्विटर हैंडल के माध्यम से ट्वीट करके इस संबंध में प्रामाणिक जानकारी प्रदान की जा रही है।
निजी अस्पतालों ने सामूहिक रूप से सरकार के प्रयासों विशेष रूप से इस वर्ष 17 जनवरी से पूरी स्थिति से निपटने के उठाए गए तत्काल व्यवस्थित प्रबंधनों की सराहना की। उन्होंने सरकार को अपना पूर्ण सहयोग देने का भरोसा जताते हुए राष्ट्र के लिए मिलकर कार्य करने की ततपरता जताई।
इस बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, विभिन्न निजी अस्पतालों मेदांता, अपोलो, मैक्स, फोर्टिस, साइग्नस हेल्थकेयर, आर्टेमिस हॉस्पिटल्स, एशियन हॉस्पिटल (फरीदाबाद), मेट्रो हॉस्पिटल, पारस हॉस्पिटल, सर्वोदय हॉस्पिटल, वीपीएस हेल्थकेयर, नयति अस्पताल, फिक्की और आईएमएके के प्रमुख उपस्थित थे।