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अब युवा भी हो रहे हैं लगातार हार्ट अटैक के शिकार

लोगों को जंक फुड पर निर्भर रहने के बजाय स्वास्थ्यवर्द्धक आहार खाना चाहिए। स्वास्थ्यवर्द्धक आहार को अपनाना न केवल आसान है बल्कि यह काफी कारगर भी है। व्यस्त दिनचर्या होने के बावजूद अपनी जीवन शैली को संतुलित बनाने की कोशिश करें, अपनी प्राथमिकताओं को तय करें और उन्हें व्यवस्थित करें।

जीवन के सबसे मूल्यवान और सबसे सक्रिय अवस्था से गुजर रहे युवा भी अब दिल की बीमारियों से अछूते नहीं रहे हैं। दिल की बीमारियों के कारण अब युवाओं और स्वस्थ दिखने वाले लोगों की भी दिल के दौरे के कारण अचानक मौत होने लगी है।

दिल के दौरे से अब केवल उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप से पीड़ित अधिक वजन के पुरुष ही पीड़ित नहीं हो रहे हैं, बल्कि अब चिकित्सकों के पास खुद पैदा किये गये जोखिम कारकों के कारण 30 से 40 वर्ष के युवा दिल के रोगी भी इलाज के लिए आ रहे हैं।

हृदय रोग विशेषज्ञ तथा नई दिल्ली स्थित कालरा हास्पीटल एंड श्री राम कार्डियो थोरेसिक न्यूरोसाइंसेस सेंटर के निदेशक एवं प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट डा. आर. एन. कालरा ने युवा पीढ़ी में बढ़ती दिल की बीमारियों के मद्देनजर मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों को नियमित अंतराल पर अपना चेकअप कराने की सलाह दी।

डा. कालरा कहते हैं कि “हमारे देश में हार्ट अटैक सहित कोरोनरी हार्ट रोगों (सीएचडी) का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। इसने भारतीय आबादी में पहले नम्बर के हत्यारे के रूप का स्थान ले लिया।” ऐसे में लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में शिक्षित करना बहुत ही महत्वपूर्ण है ताकि वे इन रोगों से बचने के लिए अपने रोजमर्रे के जीवन में सुधार ला सकें तथा हृदय रोगों से मुक्त होकर स्वस्थ जीवन जी सकें।

डा. कालरा कहते हैं, ‘‘दिल के दौरे के 60 प्रतिशत से अधिक मामलों को सही खान-पान, व्यायाम और धूम्रपान से परहेज जैसे जीवन षैली में सुधार की मदद से नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन मौजूदा समय में युवा पीढ़ी अपनी जिंदगी इस तरह से जी रही है

मानो उनका कोई भविष्य नहीं है। अस्वस्थ जीवन शैली के साथ-साथ गलाकाट प्रतियोगिता के कारण होने वाला तनाव और धूम्रपान जैसे कारक युवा में दिल की बीमारी पैदा करने के लिए बिल्कुल सही कारक साबित होते हैं।

युवा पीढ़ी का तेजी से हृदय रोग का शिकार होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। पहले दिल की बीमारी से पीड़ित पिता को उसके बेटे इलाज के लिए अस्पताल लेकर आते थे। लेकिन अब मुझे यह देखकर आश्चर्य होता है कि पिता दिल की बीमारी से पीड़ित अपने बेटे को इलाज कराने के लिए अस्पताल लेकर आते हैं।’’
युवाओं में मुख्य तौर पर धूम्रपान की लत, कामकाज से जुड़े अथवा कामकाज से इतर कारणों से होने वाले तनाव, अस्वास्थ्यकर आहार, अपर्याप्त शारीरिक श्रम तथा अधिक नमक वाले एवं पैकेट वाले खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण दिल के दौरे बढ़ रहे हैं।

यह पाया गया है कि जो युवक दिन भर में 10 सिगरेट पीते हैं उनके दिल की समस्याएं होने की आशंका 50 फीसदी बढ़ जाती है। धूम्रपान एवं गलत खानपान से कॉलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ जाता है जिससे दिल की धड़कन 50 प्रतिशत बढ़ जाती है और रक्त चाप 30 प्रतिशत बढ़ जाता है।


डा. आर. एन. कालरा बताते हैं कि युवाओं में दिल के दौरे का खतरा तब तक नहीं घटने वाला है जब तक कि कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा। आज की समस्या यह है कि हम बहुत ही स्थूल जीवन शैली को अपना रहे हैं और ऐसी जीवन शैली में बहुत अधिक शारीरिक श्रम की गुंजाइश नहीं है। आज युवा मानसिक तथा शारीरिक तौर पर बहुत ही अधिक दवाब में हैं।

इस समस्या का मुख्य समाधान यह है कि हम अपनी जीवन शैली में व्यापक बदलाव लाएं और अगर ऐसा करते हैं तो इससे समय से पूर्व होने वाले दिल के दौरे को रोका जा सकता है। यह देखा गया है कि नियमित रूप से व्यायाम करने वाले लोगों को जीवन में दिल की बीमारी होने या दिल के दौरे से मौत होने की आशंका कम होती है।

युवा हमारे देश के भविष्य हैं और युवाओं के स्वास्थ्य संबंधी मसलों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। सभी बीमारियों में से कार्डियो वैस्कुलर रोग समेत गैर संचारी रोग उनके लिए सबसे बड़े खतरे हैं। आधुनिक जीवन षैली इसके लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है। दिल के दौरे का कारण बनने वाली जीवन शैली से जुड़ी अन्य आदतों में व्यायाम नहीं करने की आदत और जंक फुड का अधिक सेवन शामिल है।

इसके अलावा आज के समय में युवा लोग अपना वक्त स्मार्टफोन, टैब, कम्प्यूटर, लैपटॉप आदि के जरिए व्यतीत करते हैं जो हमारे दिल के लिए बहुत अधिक नुकसानदायक है।
डा. कालरा का सुझाव है कि लोगों को जंक फुड पर निर्भर रहने के बजाय स्वास्थ्यवर्द्धक आहार खाना चाहिए। स्वास्थ्यवर्द्धक आहार को अपनाना न केवल आसान है बल्कि यह काफी कारगर भी है। व्यस्त दिनचर्या होने के बावजूद अपनी जीवन शैली को संतुलित बनाने की कोशिश करें, अपनी प्राथमिकताओं को तय करें और उन्हें व्यवस्थित करें।

आपको योग, नृत्य या अन्य तरह के व्यायाम अपनाना चाहिए। इससे आपको खुद को शारीरिक एवं मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, फल एवं सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करनी चाहिए, धूम्रपान, मादक द्रव्यों एवं स्टेरॉयड से दूर रहना चाहिए तथा हर सप्ताह कम से कम पांच दिन 45 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए, शराब का सेवन कम करना चाहिए, 6 से 7 घंटे सोना चाहिए, मधुमेह एवं रक्त चाप को काबू में रखना चाहिए तथा टेलीविजन एवं स्मार्टफोन कम देखना चाहिए। इन सब उपायों को अपनाकर दिल की बीमारियों के खतरे को 80 प्रतिषत तक कम किया जा सकता है।

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Shweta R Rashmi

Special Correspondent-Political Analyst, Expertise on Film, Politics, Development Journalism And Social Issues. Consulting Editor Thejanmat.com

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