वाराणसी। भारतीय स्टेट बैंक का लोगो लगाकर एक लिमिटेड कम्पनी द्वारा ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी किये जाने का मामला सामने आया है। कैंट पुलिस धोखाधड़ी,धमकी देने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर एसबीआई मुख्य शाखा कार्यालय स्थित एसबीआई लोगो लगे क्रेडिट कार्ड काउंटर की पड़ताल और पूछताछ की।
कैंट प्रभारी निरीक्षक राकेश सिंह के मुताबिक मामले की जांच गम्भीरता से कराई जा रही है।कचहरी में विधिक पत्रकार व अधिवक्ता घनश्याम मिश्र की तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी के मुताबिक एसबीआई मुख्य शाखा का खाताधारक रहा और क्रेडिट कार्ड बनवाया, 95 हजार रुपये का प्रयोग किया और अपने एटीएम के जरिये लगभग एक लाख 20 हजार माहवार जमा कर दिया इसके बावजूद और एक लाख 40 हजार दिए जाने का दबाब बनाये जाने लगा, जब एसबीआई मुख्य शाखा प्रबंधक से जन सूचना के तहत जानकारी मांगी गई तब कहा गया कि एसबीआई कार्ड्स और पेमेंट सार्वजनिक अधिकरण नही है और अलग अलग संस्था है।
जबकि यह लिमिटेड कंपनी एसबीआई लोगो का प्रयोग करते हुए कार्ड जारी की है, धोखाधड़ी का आभास होने पर जब पैसा देना बंद कर दिया गया तब एक लाख 40 हजार जमा करने के लिए आए दिन फोन कर पैसा जमा करने के लिए नाजायज दबाब दिए जाने लगा इस क्रम में लखनऊ से कम्पनी के ऑपरेशनल मैनेजर ने 12 अक्टूबर को फोनकर सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल करने,अभद्र भाषा के जान से मारने की धमकी दी,उसके पहले बनारस से और 13 अक्टूबर को दिल्ली ऑफिस से फोन कर धमकियां दी, पीड़ित ने यूपी पुलिस को ट्वीट किया, कैंट पुलिस ने संज्ञान लिया और पीड़ित की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज जांच शुरू कर दी, तहरीर में एसबीआई मुख्य शाखा प्रबन्धक और एसबीआई कार्ड्स सर्विसेज लिमिटेड की सांठगांठ से कार्यालय में काउंटर लगवाकर ग्राहकों से धोखाधड़ी के साथ कार्ड पर भारतीय स्टेट बैंक के लोगो लगाने का आरोप लगाया गया है।