बलिया रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर हत्याकांड: मुख्य आरोपी सहित तीन गिरफ्तार परन्तु राजनितिक सरगर्मी चरम पर।
बलिया हत्याकांड प्रकरण को लेकर के उत्तरप्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है तथा समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय धनगर महासभा, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी सहित कई विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर निशाना साधाना शुरू कर दिया है।
बलिया जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने रविवार को मुख्य आरोपी को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही बलिया से दो और नामजद आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
एसटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश ने रविवार को बताया ‘बलिया कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को राजधानी के पॉलिटेक्निक चौराहे से गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि धीरेंद्र प्रताप सिंह से घटना में प्रयुक्त असलहों के बारे में पूछताछ की जा रही है। उसकी गिरफ्तारी की जानकारी बलिया पुलिस को दी गई है और पूछताछ के बाद उसे बलिया पुलिस को सुपुर्द कर दिया जाएगा।
बलिया पुलिस ने भी घटना के दो नामजद आरोपियों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चन्द्र दुबे ने बताया कि दुर्जनपुर की घटना से संबंधित नामजद आरोपी संतोष यादव और अमरजीत यादव को बलिया शहर कोतवाली के वैशाली क्षेत्र से सुबह में ही गिरफ्तार किया गया। प्रसाशन के तरफ से इन पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था तथा इस कांड के नामजद आरोपियों की सम्पत्ति गैंगस्टर कानून के अंतर्गत जब्त की जायेगी ।
इस मामले में पुलिस पांच आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने इस मामले में शनिवार को मुन्ना , राजप्रताप यादव तथा राजन तिवारी को गिरफ्तार किया जबकि शुक्रवार को देवेन्द्र प्रताप सिंह और नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया था। अब तक कुल आठ आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं। इस मामले में कुल आठ नामजद व 20 से 25 अज्ञात आरोपी हैं ।
इसके पहले मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह का एक कथित वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उसने स्वयं को निर्दोष करार देते हुए दावा किया है कि रेवती की घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की भी मौत हो गई है तथा आधा दर्जन लोग घायल हैं । धीरेंद्र ने शुक्रवार रात जारी वीडियो में स्वयं को पूर्व सैनिक संगठन का अध्यक्ष करार दिया । उसने घटना को पूर्व नियोजित करार देते हुए कहा है कि उसने बैठक के पहले ही बवाल होने की आशंका जताई थी,लेकिन अधिकारियों ने उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया ।
उधर बलिया जिले के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने रेवती कांड में आरोपी की तरफ से मुकदमा दर्ज करने के लिए जिला प्रशासन को एक सप्ताह का समय दिया है तथा मुकदमा दर्ज नहीं होने पर समर्थकों के साथ रेवती थाने पर धरना देने की चेतावनी दी है।
इस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने रविवार को भाजपा विधायक की भूमिका पर सवाल उठाते हुए ट्वीट करके मुख्यमंत्री से प्रश्न किया कि ‘ क्या वह अपराधी के साथ खड़े इस विधायक के पक्ष में हैं। अगर नहीं तो यह अब तक भाजपा में क्यों बना हुआ है।’
गौरतलब है कि जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बृहस्पतिवार को सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के चयन के दौरान गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी तथा कई लोग घायल हो गये थे। इस मामले को लेकर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई तथा समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय धनगर महासभा, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी सहित कई विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर निशाना साधा है।
इसी बीच पाल और धनगर महासभा, समस्त गड़ेरिया समाज और पाल समाज के लोगों ने जयप्रकाश पाल के समर्थन में देशव्यापी आंदोलन का संखनाद आज जंतर मंतर नई दिल्ली से कर दिया है।
इधर सूत्रों से खबर आ रही है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बैरिया, बलिया से विधायक श्री सुरेंद्र सिंह को तलब कर लिया है । हत्याकांड के सिलिसिले में आरोपी के पक्ष में बयानबाज़ी को लेकर चर्चा में है विधायक जी।
इन घटनाक्रम के बीच विपक्षी दलों की राजनीति भी चरम पर है कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने निर्देश दिए है जिसके अंतर्गत 11 सदस्यीय कांग्रेसी डेलिगेशन पीड़ित परिजनों से मिलने जाएगा दुर्जनपुर बलिया।
राजनितिक सरगर्मियों के बीच धनगर पाल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी धनगर ने भी अपने सभी कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा है कि बलिया के जयप्रकाश पाल के हुए जघन्य हत्याकांड पर कार्रवाई हेतु राष्ट्रीय धनगर महासभा के उत्तर प्रदेश के समस्त पदाधिकारियों को सूचित किया जाता है कि वे अपने-अपने जिलों में माननीय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन को जिलाधिकारी के माध्यम से 19 अक्टूबर 2020 को प्रातः 10:00 बजे दे। उन्होंने अपने सभी स्वजातीय बंधुओं से अपील की है की अधिक से अधिक संख्या में इस ज्ञापन में शामिल होकर सरकार पर दबाव बनाये।
इन सब घटना क्रम को देखते हुए अब यह हत्याकांड का मामला पूरी तरह से जातिगत आधारों के बिच फस चूका है। देश में फैले करनी सेना और क्षत्रिय महासभा के प्रतिनिधि भी बलिया पहुंच रहे है इस प्रकार यह पूरा प्रकरण अब जातिगत मूल्यों तक ही सिमटा नजर आएगा।