पूर्ण बहुमत की सरकार में एक भी मुस्लिम संसद को नहीं मिली जगह। लोकसभा में भी पांच फीसदी कम हुआ मुसलमानों का प्रतिनिधित्व।

हाल ही में 2019 लोकसभा चुनाव मतदान के परिणाम ने मोदी सरकार को एक बार फिर ख़ुशियों का तोहफ़ा दिया है। वर्ष 2014 ही की तरह इस बार भी देश की जनता ने लगभग देश के हर कोने से भारतीय जनता पार्टी को भारी मतों से विजयी बनाया है। मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में देश भर में 542 सीटों में से 303 सीटों पर अपना कब्ज़ा करके शानदार जीत दर्ज की है। जहाँ एक और भाजपा के सभी संसद जीत की ख़ुशी का इज़हार करते नहीं थक रहें है तो दूसरी भाजपा के मुस्लिम सांसद कही न कही कम खुश नज़र आ रहें है क्योंकि भाजपा सरकार से किसी भी मुस्लिम सांसद को जीत हासिल नहीं हुई है
बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से एक भी मुस्लिम संसद लोकसभा में नहीं पहुंचा। नई दिल्ली में ये 17वी लोकसभा थी, जिसमे कुल मिलाकर सिर्फ 25 मुस्लिम संसद थे जिन्होंने लोकसभा तक का सफर तय किया। इस समय देश की जनता में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व सिर्फ 14 % ही है जिसमे 5 % और कम हो गया है।
भाजपा की और से कुल मिलाकर सिर्फ 6 मुस्लिम प्रत्याशी चुने गए थे जिसमे पश्चिम बंगाल में से दो ,लक्ष्य-द्वीप से एक और तीन जम्मू-कश्मीर रियासत से। ये सभी प्रत्याशी 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणाम में हार गए। सबसे अधिक उत्तर-प्रदेश में से मुस्लिम संसद लोकसभा में पहुंचे। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के महागठबंधन से जीतकर छह मुस्लिम सांसद लोकसभा में पहुंचे। जिसमे तीन मुस्लिम सांसद समाजवादी पार्टी के थे और तीन मुस्लिम सांसद बहुजन पार्टी के।
बहुजन समाजवादी पार्टी की और से अमरोहा ,गाजीपुर और सहारनपुर के इलाकों से जीत दर्ज हुई जिनमे कुंवर दानिश अली, अफजाल अंसारी और हाजी फजलुर रहमान विजयी सांसद रहे। दूसरी और समाजवादी पार्टी से एसटी हसन ने मुरादाबाद, शफीक रहमान बर्क ने संभल और आजम खान ने रामपुर से जीत दर्ज की है।
बात पश्चिम बंगाल की करें तो वहां से भी 6 सांसाद लोकसभा में पहुंचे जिसमे एक मुस्लिम सांसद कांग्रेस से और बाकी के 5 मुस्लिम सांसद टीएमसी से अपने विजयी रथ पर सवार होकर लोकसभा में पहुंचे।
दूसरी और कश्मीर घाटी से भी तीन सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत दर्ज की है जिनमे फारुख अब्दुल्ला, मोहम्मद अकबर लोन और हनानी मसूदी की जीत शामिल है।
केरल से आ रहे आंकड़ों से पता चला है कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की ओर से ईटी मोहम्मद बशीर और मलप्पुरम से पीके कन्हलीकुट्टी लोकसभा पहुंचे। दूसरी ओर आईयूएमएल की तरफ से क.नवस्कानी रामनाथपुरम से 1,27,122 वोटों से जीत अपने नाम की। वाम मोर्चे से एएम आरिफ ने 10,474 वोटों जीत को अपने नाम किया।
एआईएमआईएण पार्टी की ओर से ओवैसी के साथ इम्तियाज जलील सैयद ने जीत दर्ज की। सैयद ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद सीट पर शिवसेना के मौजूदा सांसद चंद्रकांत खैरे को 4400 से अधिक वोटों से हराया है। यह पार्टी महाराष्ट्र में प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अघाडी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही थी।
तो कुल मिलाकर देखे तो इस बार भारतीय जनता पार्टी की ओर से कोई भी मुस्लिम सांसाद लोकसभा तक का सफर तय नहीं कर पाया। इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी चुनावों में जीतने वाली देश में एकमात्र ऐसी पार्टी बन गयी है जिसकी तरफ से किसी भी मुस्लिम सांसद को लोकसभा का दृश्य नसीब नहीं हुआ है ।