आज से दो महीने पहले डॉक्टर सुधाकर ने सरकार की कमियों को उजागर किया था और बताया था कि वहाँ के सरकारी डॉक्टर किस तरह मास्क/PPE के अभाव में एक हीं मास्क को 15-15 दिनों तक पहनने को मजबूर हैं।
उद्देश्य था कि सरकार उनकी बातों को सुनें और मास्क/PPE किट समुचित मात्रा में मुहैया करवा दें जिससे डॉक्टरों के जान को कोई जोखिम न हों और वो आम जनता की अनवरत सेवा कर पाएं।परन्तु परिणाम बिल्कुल अपेक्षित हुआ।
1.) पहले उनको सस्पेंड किया गया और अब पुलिस द्वारा नंगा करके, हाथ बांधकर सारे आम उनकी कुटाई करके उनका मुँह फुला दिया गया और फिर घसीटते हुए थाने ले जाया गया।
आरोप लगाया गया कि वे शराब के नशे में थे, उन्होंने पुलिसकर्मियों से मोबाईल छीन ली और ये पागलों जैसा व्यवहार कर रहे थे इसलिए पुलिस ने इनको इस तरह पीटा।
पुलिस को इनको पीटने का अधिकार किसने दिया? इनके आरोप कितने बकवास हैं जरा इस पर नजर डालें?
एक तरफ पुलिस इल्जाम लगा रही हैं कि वो शराब के नशे में धुत्त थे, और दूसरे तरफ बोल रही हैं कि वो अकेले 4 पुलिस वालों के रहते उनसे मोबाईल छीन लिए। तो सवाल उठता है कि क्या शराबी व्यक्ति नशे की हालत में जब होता है तो खुद को हीं संभाल नहीं पाता है तो ये डॉक्टर साहब 4 पुलिसवालों के से अकेले मोबाईल कैसे छीन लिए?
2.) दूसरा सवाल उठता है कि जो व्यक्ति शराब के नशे में धुत्त था वो पागल है ये पुलिस को कैसे पता चला? क्या पुलिस आजकल डॉक्टर भी बन गईं हैं?
3.) तीसरा अगर वो पागल थे तो पुलिस ने उनको इस तरह से नंगा करके क्यों पीटा जब उनको पता था कि ये व्यक्ति एक डॉक्टर हैं?
4.) चौथी बात अगर वो नशे में धुत्त थे अथवा पागल थे तो इस स्थिति में आज वो क्यों आए, इसके गुनाहगार कौन हैं?
5.) पांचवी बात ये कि जिस आम जनता की सेवा करने के लिए उन्होंने मास्क/PPE की कमियों का मुद्दा उठाया था वो आमजनता आज कहाँ हैं?
6.) छठा सवाल ये उठता है कि डॉक्टर साहब को इस तरह से मारने वाला व्यक्ति आखिर ऐसा क्यों कर रहा है. हमारी सरकारें अभी कुछ दिनों पहले फूलों की बरसात करवा रही थी और अब ये लोग डॉक्टर के ऊपर लात-जूतों की बरसात कर रहे हैं क्या हुआ है इनको?
7.) सातवां सवाल यह कि बंगाल में एक चिकित्सक पर हुए हमले के दौरान जिसतरह पूरे देश के डॉक्टर और उनके संगठनों में उबाल आ गया था वो आंध्रप्रदेश के इस मसले में क्यों नहीं दिख रहा है?
जबकि सरकार के सरकारी मानसिक रोग अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि डॉ. के. सुधाकर राव गंभीर मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं और उसी का इलाज किया जा रहा है। शनिवार को उन्होंने सड़क पर हंगामा किया था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें किंग जॉर्ज अस्पताल में भर्ती करा दिया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें शराब के नशे में पाया था। इसके बाद अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने उन्हें सरकारी मानसिक रोग चिकित्सालय में रेफर कर दिया था।
इसके विपरीत डॉक्टर को जानने वाले लोगो का कहना है कि सरकार बदले के भावना से कार्य कर रही है
डॉक्टर अमरनाथ यादव कहते हैं कि वाईज़ाग (vizag) के डॉ सुधाकर को अप्रैल में ससपेंड कर दिया गया था जब उन्होंने 1 ही मास्क को 15 दिन इस्तेमाल करने पर आवाज़ उठाई थी, उन्होंने PPE के लिए भी आवाज़ उठाई थी. अब पुलिस ने उनके हाथ बांध के सडक़ पर घसीटा , बताया जा रहा है कि ससपेंड होने से वे अवसाद के शिकार भी हो गए हैं