सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही कि उत्तराखंड में भी शाम 5:00 बजे के बाद महिलाएं थाना ना जाएं ?
उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने वाराणसी में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाएं शाम 5:30 बजे के बाद थाने ना जाए बहुत जरूरी हो तो पति या किसी अन्य को साथ में लेकर ही जाएं।
बीजेपी के वरिष्ठ नेत्री और उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के इस बयान से उत्तर प्रदेश के कानून व्यवस्था की तो पोल खुल ही गई लेकिन उन्हें यह भी कहना चाहिए था कि पुरुष भी सुरक्षित नहीं है। गोरखपुर तथा आगरा कहां है ? इस बात का साक्षी है ऐसे में यह सलाह ज्यादा उचित रहता है कि उत्तर प्रदेश में लोग थाने में जाना बंद कर दें।
पर एक सवाल और भी हैं यह सलाह सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए नहीं है या उत्तराखंड के लिए भी है माननीय बेबी रानी मौर्य जी उत्तराखंड के राज्यपाल रह चुकी हैं वहां की एक चर्चित घटना जो पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी एजाज अहमद के विरुद्ध इन्हीं के विभाग की एक महिला ने शोषण का आरोप लगाया था उस दौरान यह मामला मीडिया की सुर्खियों में भी रहा तथा राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना रहा, मामले को महिला आयोग तक लेकर जाया गया विशाखा गाइडलाइन की भी चर्चा हुई है जांच और इंक्वायरी भी हुई लेकिन पूरी फाइल बस्ते में धूल फांक रही हैं।
दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि महिला अधिकारों के हितैषी से लेकर पक्ष विपक्ष और राजनीति करने वाले सभी महिलाओं कि ना केवल जुबान बंद है बल्कि इस प्रकरण पर महिला आयोग के दफ्तर में भी लगता है ताला ही पड़ गया है।
और संयोग से यह घटना जब हुई उस वक्त माननीय बेबी रानी मौर्य जी उत्तराखंड राज्य की राज्यपाल थी अब आज के परिवेश को देखते हुए उन्हें यह बताना चाहिए किन किन जगहों पर 5:30 बजे महिलाओं को सिर्फ उत्तरप्रदेश के ही थाने में अथवा उत्तराखंड के भी थाने में जाने से बचना चाहिए।