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राजनीतिक रूप से प्रबुद्ध जिले बलिया में धनंजय सिंह बिसेन के उत्पीड़न पर सपा खामोश क्यों?

अग्निवीर योजना के बाद जनपद बलिया [उत्तर प्रदेश ] में छात्र नेताओं का आक्रोशित रूप एक बार फिर से चर्चा का विषय बना है और कारण यह है इस बार समाजवादी पार्टी के जिले के वरिष्ठ युवा नेता धनंजय सिंह विसेन के साथ बलिया सदर कोतवाल श्री प्रवीण सिंह द्वारा किया गया दुर्व्यवहार है।

समाजवादी पार्टी के युवा नेता धनंजय सिंह बिसेन अपने छात्र जीवन से ही समाजवादी विचारधारा के व्यक्ति रहे और समाजवादी पार्टी के लिए छात्र जीवन से ही कार्य करते रहे है वह समाजवादी छात्र सभा से होते हुए समाजवादी पार्टी के भीतर जिले में एक मजबूत स्तंभ के रूप में खुद को स्थापित भी किए हैं और विगत विधानसभा के चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी से टिकट की दावेदारी भी प्रस्तुत किया था ।

सड़क के किनारे ठेलों पर या छोटे ढाबे जिन पर सस्ते दरों पर गरीब लोगों को खाना मुहैया होता है उन ढाबों पर पुलिस की छापेमारी के दौरान प्रशासन और सपा नेता धनंजय सिंह बिसेन के बीच कुछ कहासुनी हुई जिस पर सदर कोतवाल प्रवीण सिंह पर यह आरोप लगाया गया कि प्रवीण सिंह ने धनंजय सिंह बिसेन के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें बंद कर दिया बाद में जिले के तमाम छात्र नेताओं ने जब प्रशासन पर दबाव बनाया तो धनंजय सिंह बिसेन की रिहाई भी हो गई।

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अब जिले के छात्र नेता इस बात के लिए पूर्णरूपेण लामबंद है कि कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने वाले कोतवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए, बलिया के राजनीतिक खासियत रही है अन्याय के खिलाफ यहां नेता दलगत भावना से ऊपर उठकर हमेशा से लड़े हैं बिसेन के प्रकरण में भी यह बात स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है कि छात्र नेता चाहे जिस दल से भी जुड़े हो लेकिन बिसेन की लड़ाई में वह खुद को पीड़ित महसूस करते हुए बिसेन के साथ खड़े हैं यह बलिया की राजनीति का एक शानदार पक्ष है

लेकिन जो सबसे आश्चर्यजनक घटना है कि इस पूरे प्रकरण पर समाजवादी पार्टी पूरी तरीके से मौन साध रखी है जबकि जिले के भीतर श्री अंबिका चौधरी, श्री रामगोविंद चौधरी जैसे वरिष्ठ समाजवादी नेता, पूर्व मंत्री श्री नारद राय, वर्तमान विधायक श्री संग्राम सिंह यादव , वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष श्री आनंद चौधरी, सहित तमाम कद्दावर नेता आज भी समाजवादी पार्टी के खेमे में मूकदर्शक रूप में खड़े हैं परंतु पार्टी ने अपने एक वरिष्ठ कार्यकर्ता के साथ हुए दुर्व्यवहार के संदर्भ में एक शब्द नहीं बोला। सनद रहे गोंड महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गोड के अलावा सपा का कोई नेता छात्र नेताओं के आंदोलन में भी अभी तक नहीं दिखा ।

समाजवादी पार्टी की इस चुप्पी से अखिलेश यादव का भी बड़बोलपन सिद्ध हो रहा है जहां वह दावा करते हैं कि कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अन्याय के खिलाफ पार्टी सड़क पर लड़ेगी जो पार्टी अपनी ही कार्यकर्ता के साथ हुए अन्याय के खिलाफ बोल भी नहीं सकती उसका अन्याय के खिलाफ बोलने वाली बयानबाजी कहीं खोखला तो सिद्ध नहीं होगी? क्या इसी प्रकार से कार्यकर्ता के मनोबल को बनाये रखने के लिए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव दिन रात वातानुकूलित कमरे में बैठ मेहनत किये जा रहे है ।

लेखक संतोष कुमार सिंह समाजवादी जनता पार्टी चंद्रशेखर के राष्ट्रीय प्रवक्ता है ।

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