रन आउट से क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले “धोनी” क्या रन आउट से ही करेंगें विश्वकप को अलविदा ?
कहा जा रहा है कि "महेंद्र सिंह धोनी" का ये आख़री विश्वकप था इस विश्वकप के बाद भी भारत कई विश्वकप खोलेगा लेकिन अब स्टम्प्स के पीछे दस्ताने पहने वो शख्स नहीं दिखाई देगा जो बिना देखे ही गेंद स्टंप पर मारकर बल्लेबाज़ों को पवेलियन की राह दिखा दिया करता था,जो पिच के पीछे खड़े होकर ऐसा जाल बुनता था कि बड़े से बड़ा दिग्गज भी उसमे फंसकर रह जाता था।
मार्टिन गपटिल का एक परफेक्ट थ्रो और क्रिकेट जगत के सर्वश्रेष्ठ कप्तान कहे जाने वाले “एम् एस धोनी” रन आउट ! और इसी रन आउट से भारतीय टीम विश्व कप 2019 के सफर से भी हो गयी आउट। अब इसे भारतीय टीम की किस्मत कहें या फिर “एम् एस धोनी” का नसीब, उनका विकेट गिरते ही भारत का दूसरी बार विश्व कप उठाने का सपना भी स्टंप पर से गिल्लियों की तरह बिखर गया।
दरअसल विश्वकप के फाइनल मुक़ाबले तक पहुंचने के लिए 9 जून को भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच पहला सेमीफाइनल मैच खेला गया था जिसमे पहले बल्लेबाज़ी करते हुए न्यूज़ीलैंड ने भारत के सामने 50 ओवर में 8 विकेट के नुक्सान पर 240 रन का लक्ष्य रखा।
जिसके जवाब में भारतीय बल्लेबाज़ी रेत के पहाड़ की तरह बिखरती हुई 221 रनों पर ही सिमट गयी। एक समय रविंद्र जडेजा और धोनी के बीच बढ़ती साँचेदारी ने दर्शकों के मन में जीतने की उम्मीद जगाई लेकिन जडेजा का कैच और धोनी का रन आउट सारी उम्मीदों को डुबोकर सबकी आँखों को नम कर गया।
जिसे आँखों के झपकने से पहले ही गिल्लियां बिखेरने का हुनर आता हो, जिसने देश को एक दिवसीय और टी-20 जैसे विश्वकप जिताकर खिताबों की किताब में नया मुकाम दिलाया हो जब उसकी विदाई इस तरह से हो तो दिल टूट ही जाता है।
कहा जा रहा है कि “महेंद्र सिंह धोनी” का ये आख़री विश्वकप था इस विश्वकप के बाद भी भारत कई विश्वकप खोलेगा लेकिन अब स्टम्प्स के पीछे दस्ताने पहने वो शख्स नहीं दिखाई देगा जो बिना देखे ही गेंद स्टंप पर मारकर बल्लेबाज़ों को पवेलियन की राह दिखा दिया करता था,जो पिच के पीछे खड़े होकर ऐसा जाल बुनता था कि बड़े से बड़ा दिग्गज भी उसमे फंसकर रह जाता था।
इसलिए उनके चाहने वालों आँखों से नमी नहीं जा रही थी लोगों का कहना है कि “धोनी” जैसे महान खिलाड़ी की विदाई वे उसी कप के साथ देखना चाहते थे जो धोनी की टीम 2011 में जीतकर लाइ थी, पर अफ़सोस ऐसा हो ना सका।
“महेंद्र सिंह धोनी” दुनिया के बेहतरीन कप्तानों में गिने जाते है। धोनी विश्व क्रिकेट में एकलौते और पहले ऐसे कप्तान है जिनके पास आईसीसी के सभी कप है। यह कारनामा अभी तक किसी भी देश का कोई कप्तान नहीं कर सका है। उन्होंने 2007 में टी-20 का विश्वकप ,साल 2009 में “आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप , साल 2011 में एक-दिवसीय विश्वकप और साल 2013 में आईसीसी की “ओडीआई” और चैंपियंस ट्रॉफी जीती है।
धोनी एक बेहतरीन बल्लेबाज़ और कप्तान होने के साथ एक विकेट-कीपर भी है। आपको बता दें कि उनके नाम दुनिया की सबसे तेज़ स्टम्पिंग करने का भी रिकॉर्ड है। उन्होंने मात्र “0.09 सेकंड” में बल्लेबाज़ “कीमो पॉल” को पवेलियन की राह दिखाई है।
धोनी का क्रिकेट करियर भी किसी फिल्म की तरह रहा है। खुद क्रिकेट ने इस दिग्गज खिलाड़ी की शुरुआत सन 2004 में एक रन आउट से की थी आज 15 साल बाद इसी क्रिकेट ने इसी धोनी को एक बार फिर रन आउट से विश्वकप ने विदा किया है।
बात अगर आख़िरी “आईपीएल” की भी करें तो उसमे भी धोनी रन आउट का ही शिकार हुए थे, इसलिए हम कह सकते है कि इस रन आउट का रिश्ता धोनी से बड़ा गहरा रहा है।
जहां एक तरफ धोनी के आलोचक उनकी निंदा करने में लगे हुए है वहीँ दूसरी और उनके चाहने वाले उनका पक्ष लेते नज़र रहे है। कुछ दिनों पहले ही प्रसिद्ध क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह धोनी की आलोचना करते हुए कहा कि “धोनी जैसे लोग हमेशा नहीं रहेंगे, गंदगी हमेशा नहीं रहती।”
दूसरी ओर ट्विटर ,फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया में उनके चाहने वाले उनसे रिटायरमेंट ना लेने की गुज़ारिश करने में लगे हुए है।
हाल ही में भारतीय कोकिला के नाम से पूरी दुनिया में सुप्रसिद्ध गायिका “लता मंगेशकर” जी ने भी उन्हे ट्विटर से कहा है कि वे क्रिकेट से विदा ना ले। उन्होंने कहा कि देश को अभी आपकी ज़रुरत है। दूसरी और जीत के बाद न्यूज़ीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने भी धोनी पर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि अगर धोनी उनकी टीम कि और से खेले तो वे अपना सौभाग्य समझेगें।
फ़िलहाल खुद “महेंद्र सिंह धोनी” ने अभी क्रिकेट से संन्यास लेने की कोई घोषणा नहीं की है लेकिन अभी ये देखना होगा कि धोनी अपने चाहने वालों को नाराज़ करते है या अपने आलोचकों को।
जहां बहुत सारे लोग धोनी से अपने दिल की कुछ ना कुछ बात सांझा चाहते है। धोनी को क्रिकेट से विदा लेना चाहिए या नहीं ? ये सवाल अभी भी एक सवाल ही है। अगर इस सवाल का जवाब आप से पूछा जाये तो क्या होगा आपका जवाब ? हमे कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं।