Crime
Trending

सपा नेता ने थोपा झूठा इल्लाम तो व्यथित होकर बहुचर्चित युवा पत्रकार रिजवाना तबस्सुम ने लगा ली फांसी

सुसाइड नोट के आधार पर लोहता पुलिस ने सपा नेता शमीम को किया गिरफ्तार | लाकडाउन में रिजवाना ने लिखी थीं यादगार स्टोरियां, सकते में पत्रकार बिरादरी

विशेष संवाददाता वाराणसी। काशी की पत्रकार बिरादरी की एक तेज तर्रार बहुचर्चित महिला पत्रकार रिजवाना तबस्सुम ने रविवार की रात आत्महत्या कर ली। आरोप है कि एक सपा नेता ने रिजवाना पर झूठा इल्जाम लगाया था। दोनों के बीच रात करीब एक बजे विवाद हुआ। बाद में दो लाइन का सुसाइड नोट लिखकर रिजवाना फांसी पर झूल गई। इस घटना से बनारस के पत्रकार मर्माहत और सकते में हैं। रिजवाना की कई स्टोरीज राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हो चुकी हैं।

विज्ञान में स्नातक रिजवाना तबस्सुम (28 साल) का रविवार की रात अपने आवास पर कमरे में फांसी लगाकर जान देना किसी के गले नहीं उतर रहा है। बतौर स्वतंत्र पत्रकार अपने लेखन से परिवार का खर्च चलाने वाली रिजवाना तब्बसुम ने फंदे पर झूलने पहले लिखे सुसाइड नोट में सपा नेता शमीम नोमानी को जिम्मेदार ठहराया है। शमीम लोहता का रहने वाला है। वो समाजवादी पार्टी में कार्यकारिणी का सदस्य रहा है। रिजवाना की उससे दोस्ती थी। लाकडाउन में वो शमीम के साथ मिलकर गरीबों को राशन वितरित कर रही थी।

पत्रकार रिजवाना तबस्सुम द वायर, न्यूज क्लिक, जनज्वार, द प्रिंट, एशिया लाइव, बीबीसी समेत तमाम पत्रिकाओं और न्यूज वेबसाइटों के लिए समसामयिक मुद्दों कवर करती थी। रविवार की रात 9.27 बजे रिजवाना ने न्यूज क्लिक को आखिरी रिपोर्ट भेजी थी। परिजनों के मुताबिक रात करीब एक बजे सपा नेता शमीम नोमानी ने उसे फोन किया था। उसने रिजवाना पर तमाम झूठे इल्जाम लगाए। शमीम ने उस पर कई लोगों के साथ नाजायज संबंध होने के झूठे आरोप जड़ दिए। रिजवाना इस इल्जाम को बर्दाश्त नहीं कर सकी। उसने चार शब्दों का सुसाइड नोट लिखा-शमीम नोमानी जिम्मेदार है। इस नोट को उसने अपने बिस्तर के पास लगे बोर्ड पर पिनअप किया। बाद में अपनी चुनरी निकाली और फांसी का फंदा लगाकर झूल गई।

लोहता थाना क्षेत्र के हरपालपुर की रहने वाली फ्रीलान्सर रिजवाना तबस्सुम की आत्महत्या की खबर सोमवार की सुबह जब परिजनों को लगी तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी। मौत की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे सदर सीओ अभिषेक पाण्डेय ने सुसाइड नोट के आधार पर सपा नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। सीओ अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि रिजवाना की खोजी रपटों के वो भी कायल थे। ग्रामीण जनजीवन में किसानों और गरीबों की बदरंग जिंदगी से जुड़े मुद्दों को रिजवाना काफी अहमियत देती थी।

सुसाइड नोट के आधार पर सीओ ने तत्काल समीम नोमानी के खिलाफ धारा 306 (आत्महत्या के लिए प्रेरित करना) के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। नोमानी समाजवादी पार्टी की जिला कार्यकारिणी का सदस्य है। आगामी विधानसभा चुनाव में वो सपा से टिकट का दावेदार था। बनारस के लोहता थाने में बंद शमीम अभी भी रिजवाना का चरित्र हनन करने से बाज नहीं आ रहा है। सूत्र बताते हैं कि शमीम की रिजवाना से दोस्ती थी। वो उससे शादी करना चाहता था, लेकिन रिजवाना अपने करियर पर ध्यान दे रही थी। शमीम का उसके दूसरे दोस्तों से बात करना काफी नागवार लगता था।

काफी होनहार थी रिजवाना

तेजतर्रार और प्रतिभाशाली युवा रिजवाना की मौत से बनारस के पत्रकार बेहद दुखी हैं। लाकडाउन के दौरान रिजवाना ने कई न्यूज वेबसाइटों के लिए यादगार स्टोरियां लिखीं। इन दिनों वो अपने करियर पर ज्यादा ध्यान दे रही थी। पत्रकार रिजवाना हमेशा सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ी हुई थी। जिसके लिए उसे कई प्रतिष्ठित संस्थानों की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका था। रिजवाना अपने पांच भाई बहनों में दूसरे नंबर की थी। इनकी मौत से उसके पिता अजीजुल हकीम, मांग अख्तरजहां, बड़े भाई मोहम्मद अकरम, छोटी बहन नुसरत जहां,  इशरत जहां,  छोटे भाई मोहम्मद आजम व मोहम्मद असलम का रो-रो कर बुरा हाल है।

Tags
Show More

Shweta R Rashmi

Special Correspondent-Political Analyst, Expertise on Film, Politics, Development Journalism And Social Issues. Consulting Editor Thejanmat.com

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close