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प्रधानमंत्री- उपराष्ट्रपति तथा राष्ट्रपति जी ने बैसाखी, विशू, रगोंली विहू, नब वर्ष, वैश्खड़ी, पुथांडू तथा पिरापु के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी

राष्टपति श्री रामनाथ कोविंद ने बैसाखी, विशू, रगोंली विहू, नब वर्ष, वैश्खड़ी, पुथांडू तथा पिरापु के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।  त्यौहार देश के विभिन्न भागों में 13 व 14 अप्रैल, 2020 को मनाये जा रहे हैं। अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा-
 

” वैशाखी, विशु, रोंगली बिहू, नब बर्ष, वैशाखड़ी और पुतान्दु पिरापु के शुभ अवसर पर, मैं भारत और अन्‍य देशों में रह रहे सभी भारतीयों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

ये त्योहार, भारत की सांस्‍कृतिक विविधता में निहित एकता के प्रतीक हैं और अन्‍नदाता किसानों के प्रति हमारे सम्मान का अवसर भी। किसान, सदैव हमारी कृतज्ञता के केन्‍द्र में होने चाहिए क्‍योंकि वे हमारे लिए केवल अनाज ही नहीं उगाते अपितु अपने अथक परिश्रम से हमें खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी प्रदान करते हैं।

इस समय, हम सब COVID-19 के रूप में आए अभूतपूर्व संकट का दृढ़ता से सामना कर रहे हैं। आइए, इस वर्ष इन त्‍योहारों के अवसर पर हम सब यह ठान लें कि हम ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ और उचित सावधानी का पालन करेंगें तथा अपनी एकजुटता तथा सामूहिक संकल्प के बल पर कोरोनोवायरस को पराजित करेंगे। “

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ओडिया नववर्ष और महा विषुव पना संक्रांति पर लोगों को बधाई दी है।

बधाई संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा “ओडिया नववर्ष और महा विषुव पना संक्रांति की बधाई। मैं आने वाले नववर्ष में सभी के बेहतर स्वास्थ्य और सुखी जीवन की कामना करता हूं।”

भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने बैसाखी, विशू, पुथांडू, मसादी, वैश्खड़ी तथा बोगाह बिहू के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। ये त्यौहार देश के विभिन्न भागों में 13 व 14 अप्रैल, 2020 को मनाये जा रहे हैं। अपने संदेश में उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि आज जब हम नॉवेल कोरोना से संघर्ष कर रहे हैं, इन पर्वों का उल्लास हमारे मनोबल को बढ़ाता है, हमें भविष्य की नई दिशा दिखाता है।

माननीय उपराष्ट्रपति जी का पूरा संदेश निम्न है- 

“बैसाखी, विशू, पुथांडू, मसादी, वैश्खड़ी तथा बोगाह बिहू के उल्लासमय अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

ये पर्व नव वर्ष का स्वागत करते हैं, नव आरंभ, नव आशाओं का अभिनन्दन करते हैं। लहलहाती फसलों की से जुड़े ये पर्व प्रकृति की समृद्ध संपन्नता और सौंदर्य का उत्सव मनाते हैं।

आज जब हम नॉवेल कोरोना के अभिशाप से संघर्ष कर रहे हैं, इन पर्वों का उल्लास हमारे मनोबल को बढ़ाता है, हमें भविष्य की नई दिशा दिखाता है, हमारा मार्गदर्शन करता है।

मैं प्रार्थना करता हूं कि आने वाला वर्ष हमारे लिए खुशहाली लाए, न केवल हम इस समृद्धि को साझा करें बल्कि प्राणी मात्र और प्रकृति की भी सेवा और संरक्षण करें। नव वर्ष हम में नि:स्वार्थ  परोपकार, स्नेहमयी करुणा, दया जैसे सद्गुणों को अभिप्रेरित करे, हमारे जीवन में शांति, सद्भाव, समृद्धि तथा संतोष लाए।

आइए, हम नव वर्ष को अपने घर पर ही अपने स्वजनों के साथ पारंपरिक उल्लास पूर्वक मनाएं और बड़े सामुदायिक आयोजनों से दूर रहें।

घर पर रहें, सुरक्षित रहें।”


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