बलिया में टीवी चैनल के पत्रकार रतन सिंह की हत्या के मामले में पिता ने फेफना के तत्कालीन थानाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्रकार का शव घर पहुंचते ही वहां चीख-पुकार मच गई। हर ओर रोने की आवाजें आने लगी। इसी बीच पिता विनोद सिंह ने एसओ शशिमौलि पांडेय गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा जब तक उसको पकड़ा नहीं जाता वे बेटे की अर्थी उठने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड के लिए सीधे फेफना एसओ जिम्मेदार हैं। रतन सिंह के पिता ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे की हत्या की साजिश में तत्कालीन फेफना थानाध्यक्ष शशिमौलि पांडेय की भूमिका संदिग्ध रही है।
इससे पहले सुबह मुख्यमंत्री ने रतन सिंह के परिजनों को दस लाख रुपये आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी। इसके बाद तया हुआ कि कृषक दुर्घटना बीमा के तहत 5 लाख की और मदद की जाएगी। वहीं जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि पत्रकार रतन सिंह की पत्नी को एक महीना के अंदर स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर नौकरी दी जाएगी।
पुलिस की थ्योरी को गलत बताया :
इससे पहले सुबह रतन सिंह के पिता विनोद सिंह ने पुलिस की उस थ्योरी को झूठा करार दिया जिसमें कहा जा रहा था कि यह आपसी विवाद में हत्या हुई है। आईजी ने बताया था कि जमीनी विवाद में एक पक्ष ने भूसा रखा था तो दूसरे पक्ष ने उसी जमीन पर पुवाल लाकर रख दिया। इसी विवाद के बाद गोली चली और पत्रकार रतन सिंह की मौत हो गई।
पिता विनोद सिंह ने पत्रकारों से दावा किया है कि जिस जमीन के बारे में पुलिस बता रही है वहां जाकर कोई भी देख लें कि पुवाल और भूसा रखा गया है या नहीं। उन्होंने कहा पुलिस पूरी तरह से झूठ बोल रही है। विनोद सिंह का कहना है कि यह आपसी रंजिश में हत्या नहीं है। मामले की सही जांच होनी चाहिए। उन्होंने स्थानीय पुलिस पर कई आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि लोकल पुलिस बड़े अधिकारियों को सही जानकारी नहीं दे रही है।
सोमवार की रात करीब नौ बजे पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावरों ने रतन को दौड़ाकर गोली मारी और वारदात को अंजाम देने के बाद भाग निकले। बताया जा रहा है कि पत्रकार रतन सिंह सोमवार को पूरे दिन जिला मुख्यालय बलिया में रहने के बाद शाम को अपने गांव चले गए। शाम को गांव में ही किसी के यहां बैठने के बाद पैदल ही वापस घर जा रहे थे। तभी घर कुछ लोगों ने उनपर फायर झोंक दिया। ग्रामीणों के अनुसार जान बचाने के लिए रतन ग्राम प्रधान में घर में घुस गए लेकिन हमलावरों ने पीछा नहीं छोड़ा और एक-एक कर तीन गोलियां दाग दी। इससे रतन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
बलिया में पत्रकार रतन सिंह की हत्या के बाद मंगलवार को परिजनों से मिलने बलिया जा रहे यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को रायबरेली में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने पहले लल्लू को बलिया जाने से रोका, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष नहीं माने। वह बलिया जाने के लिए जिद करने लगे। इसके बाद पुलिस ने अजय कुमार लल्लू को रायबरेली के समसपुर पक्षी बिहार के गेस्ट हाउस ले कर चली गई। खबर फैलने के बाद गेस्ट हाउस के सामने कांग्रेसियों की भीड़ जुटने लगी। आक्रोशित कांग्रेसी ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
बलिया पत्रकार मौत मामले में तीन मुख्य आरोपी गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी
समाजवादी जनता पार्टी चंद्रशेखर के दिल्ली प्रदेश के मुख्य महासचिव श्री गिरिजा शंकर सिंह ने कहा कि यह खबर हमें विचलित कर गयी समाज के प्रबुद्ध लोगों में पत्रकार अधयापक वकील और लोग आते है। अगर यह सरकार शिक्षा दे नही सकती, चिकित्सा दे नही सकती, रोजगार दे नही सकती, उद्योग दे नही सकती, समाज मे शांति दे नही सकती तो क्या करेगी? लोगों की हत्या करवाएगी। इस निकम्मी सरकार के जो भी प्रतिनिधि है बलिया से हैं और पुलिस अधिकारी है इन लोगो पर 302 का मुकदमा कायम होना चाहिए। आप सभी बागी बलिया और युवा तुर्क चन्द्रशेखर के व्यवहारिक उत्तराधिकारी है आपको चुप नही बैठना चाहिए। शांतिपूर्ण ढंग से आप लोग न्याययिक जाँच और अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए अविलंब आंदोलन की तैयारी करिये। दिवंगत रतन सिंह के आश्रितों के लिए 2 करोड़ रुपयों की मांग और पत्नी के लिए नौकरी, हत्यारों की अविलंब सजा के लिए CBI जांच से कम कुछ भी नही। अगर बागी बलिया चुप हो गया तो महर्षि भृगु वाला बलिया का इतिहास कलंकित होगा। इन्ही शब्दों के साथ अश्रुपूरित श्रद्धांजलि।।