संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत के कार्यक्रम को लेकर उत्तर प्रदेश के बलिया में मचा घमासान
किसी अफसर में बलिया के संदर्भ में कहा था यह मात्र एक जिला नहीं बल्कि अपने आप में एक देश है बलिया के लोग अपने तेवरों से इस बात को अक्सर समय समय पर सिद्ध भी करते रहते हैं।
विषय यह है की आगामी 10 मार्च 2021 को पूरे देश गैर राजनितिक नेता के रूप में चर्चित किसान नेता राकेश टिकैत का बलिया आगमन होना है भाकपा माले से संबंध रखने वाली अखिल भारतीय किसान महासभा ने किसान पंचायत का आयोजन बलिया में किया है तथा मुख्य वक्ता के तौर पर किसान नेता राकेश टिकैत जी तथा अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता पुरुषोत्तम शर्मा को आमंत्रित किया है।
परन्तु महर्षि भृगू की नगरी बलिया के विषय में कुछ और ही है यहाँ कुछ ऐसा क्या हो गया जिससे जाने अनजाने में राकेश टिकैत जी के कार्यकम को लेकर कुछ राजनितिक लोगों ने अलग ही रूप रेखा प्रस्तूत कर दी जिसके कारण जोर शोर से चल रहा किसान आंदोलन हासिये पर जाता दिख रहा है और इसकी भनक संयुक्त किसान मोर्चा के किसी शिर्ष नेता को शायद होगी भी।
सूत्र बताते हैं कि बलिया में संयुक्त किसान मोर्चा की जनपद इकाई पूरी तरह सक्रिय है यह इकाई 8 संगठनों का संयुक्त मोर्चा है खबर यह भी है किस सीपीएम सीपीआई से संबंध रखने वाले अखिल भारतीय किसान सभा इसी संयुक्त मोर्चा के घटक संगठन है इसके अतिरिक्त थे और किसान संगठन का समूह में संयुक्त किसान मोर्चा में है। जबकि राकेश टिकैत के कार्यक्रम को आयोजित करने वाला संगठन इकलौता संगठन है।
हमारे सूत्र यह बताते हैं कि यह संगठन आज तक संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देशित किसी भी कार्यक्रम में किसी प्रकार की कोई भागीदारी नहीं किया लेकिन टिकैत का कार्यक्रम लेने मैं सफल रहा है।
हमारे सूत्र बताते हैं के संयुक्त किसान मोर्चा के केंद्रीय नेतृत्व एवं जिले के घटक समूह को अंधेरे में रखकर भाकपा माले समर्थित किसान सभा ने राकेश टिकट का कार्यक्रम लिया है।
इन्ही सब बातों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के घटक किसान संगठन और माले समर्थित किसान संगठन के बीच तनाव हो गया। इस कड़ी में जनपद के संयुक्त किसान मोर्चा ने एक प्रस्ताव पास किया कि राकेश टिकैत के कार्यक्रम मैं जनपद के संयुक्त किसान मोर्चा की कोई भूमिका नहीं होगी क्योंकि उक्त कार्यक्रम के संदर्भ में संयुक्त किसान मोर्चा जनपद इकाई से भाकपा माले समर्थित किसान संगठनों ने किसी प्रकार कि कोई सहमति नहीं बनाई है।
संयुक्त किसान मोर्चा बलिया इकाई के इस प्रस्ताव की कापी किसी प्रकार से सोशल मीडिया में वायरल हो गई तबसे पूर्वांचल सहित बलिया जनपद में यह आम चर्चा का विषय बना हुआ है और किसान आंदोलन को जोर का झटका धीरे धीरे लग रहा है।
हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के लेटर हेड पर दिए गए नंबरों से संपर्क साधने पर इस विवाद पर कोई कुछ खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है।
जनपद में चर्चा है की बोया किसी और ने और फसल काटा किसी और ने इस प्रकार से पुर्वांचल के जिलों में संयुक्त किसान मोर्चा और उसके घटक संगठन स्वयं मजाक के पात्र बन गए हैं।
इस विवाद से यह भी प्रतीत होता है कि संयुक्त किसान मोर्चा के भीतर भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है केंद्रीय नेतृत्व अपने छोटी इकाइयों के भीतर हो रहे घुसपैठ, राजनीतक दखल पर किसी प्रकार का कोई नियंत्रण भी नहीं लगा पा रहा है राजनीतिक दलों के घुसपैठ से किसानों का यह गैर राजनीतिक आंदोलन कहीं राजनीतिक अवसरवादियों के हाथों खरीद-फरोख्त की भेंट न चढ़ जाय।
यह समस्या सिर्फ बलिया उत्तर प्रदेश कि नहीं बल्कि इस प्रकार की शिकायतें अन्य जनपदों से भी आ रही हैं लेकिन सोशल मीडिया पर केवल बलिया का मामला ही वायरल हो गया है।
अब देखना यह होगा कि संयुक्त किसान मोर्चा का केंद्रीय नेतृत्व व लोकप्रिय चर्चित किसान स्टार नेता श्री राकेश टिकैत जी इस प्रकार घुसपैठ करने वाले लोगों से किस प्रकार खुद को सुरक्षित करते है। संयुक्त किसान मोर्चा की जीत के लिए संगठन का एकजूट रहना अनिवार्य है अन्यथा आंदोलन के बिखरने का खतरा हमेशा बना रहेगा।