बिहार के सीतामढी़ मे भी किसानों का सफल चक्का जाम आन्दोलन।
तीन किसान विरोधी कृषि कानून को रद्द करने,एम एसपी सीटू+50%को कानूनी दर्जा देने,किसान नेताओं पर से झूठे मुकदमा वापस लेने तथा दमनात्मक कार्रवाई बंद करने, गिरफ्तार किसान नेताओं को रिहा करने,लापता किसानों की बरामदगी,कर्जमुक्ति,आन्दोलनकारियों को पानी,बिजली,इन्टरनेट बहाल करने,भोजन के रास्ते से अवरोध हटाने,रीगा चीनी मिल चालू करने जैसे सवालों पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले सीतामढी़ मे किसानों का ‘चक्का जाम’ शांतिपूर्ण सफल रहा।
आमजन तथा परीक्षार्थियों की कठिनाइयों के बावत संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा,किसान सभा,अभा किसान सभा,जयकिसान आन्दोलन ने शहर के वजाए एन एच 77 के कांटाचौक पर चक्काजाम का निर्णय लिया।चक्का जाम 3घंटे चला।
इस दरम्यान सभी तरह की आवाजाही वाधित हुई,हजारों किसान सडको पर बैठे रहे।बसों,ट्रकों निजी वाहनो का परिचालन बंद रहा। मेडिकल सेवाओं को बंद से बाहर रखा गया था।
जामस्थल पर हीं किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि कंक्रीट की दिवारों,ब्लेड बाले कंटीले तार,भालों तथा कीलों की किलेबंदी कर किसानों की आवाज बंद करने की सरकार की साजिश कामयाब नही होगी। किसान चौगुनी ताकत से पूरे देश मे गोलबंदहै।सरकार सता तथा भारी बहुमत के अहंकार मे 70%किसानों की उपेक्षा कर कारपोरेट के हित मे खडी है।सरकार जिद्द छोडे तथा तीनो कानून रद्दकर एम एसपी पर कानून बनाए अन्यथा आन्दोलन तेज होगा।हजारों ग्रामीण किसानो ने कांटा चौक पर चौतरफा सडक जामकर आन्दोलन को सफल किया।आन्दोलन को राजद,कांग्रेस,जाप के किसान संगठनो ने भी सक्रिय सहयोग दिया।
जामस्थल पर पूर्व विधायक सुनील कुशवाहा,किसान नेता डा.आनन्द किशोर,जयप्रकाश राय,वरिष्ठ नेता शफीक खां,राज किशोर सिंह,विश्वनाथ बुन्देला, प्रो दिगम्बर ठाकुर,जलंधर यदुबंशी,रामपदारथ मिश्र,ब्रजमोहन मंडल,ताराकांतझा,मुकेश कुमार मिश्र,संजय कुमार,चन्द्र देवमंडल,भोला बिहारी,महेन्द्रयादव,सरिता यादव,दिलीप खिरहर,मो.ऐहतेशामुल हक,आलोक कुमार सिंह,मो.मुर्तुजा,विजय राठौर,हरिओमशरण नारायण,नेयाज अहमद सिद्दीकी,आफताबअंजुम,सुरेश बैठा,बैधनाथ हाथी,रामबाबू सिंह, राजकिशोर ठाकुर,डा.मंसूर आलम,अशोक कुमार सिंह,लालबाबू मिश्र,अहिराजशैलेन्द्रभूषण,लक्ष्मी साह,गणेश गुप्ता,नन्दलाल यादब,लालबाबू सिंह,विवेक यादव,मुरारी यादव,अंगद यादव,जयप्रकाश राय सहित अन्य प्रमुख किसान नेताओं ने जाम कार्यक्रम का नेतृत्व किया।
किसान आंदोलन अभी भी जारी. सरकार को जरुरी उपाय करना चाहिए