संयुक्त किसान मोर्चा का भारत बंद का बिहार में दिखा असर सुबह से शाम तक के शांतिपूर्ण जाम में जनता का भी भरपूर सहयोग।
भारत बन्द का नेतृत्व संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा के महासचिव तथा समाजवादी जनता पार्टी चंद्रशेखर के बिहार प्रदेश के महासचिव, पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य श्री आलोक कुमार सिंह के साथ प्रो आनंद किशोर, जलन्धर यदुवंशी ने किया।

तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करने एमएसपी सीटू +50% पर कानून बनाने बिजली बिल 2020 वापस करने सहित स्थानीय मांगो के साथ बंद रीगा चीनी मिल को चालू कराने तथा किसानों कामगारों के बकाए के भुगतान, तूफान, वर्षा, बाढ़ प्रभावित सभी किसान मजदूरों को क्षतिपूर्ति दिलाने के साथ साथ इनपुट तथा बीमा का भुगतान आदि विषयों के साथ साथ महंगाई पर रोक लगाने तथा किसानों को आधे मूल्य पर डीजल एलपीजी खाद्य तेल तथा पेट्रोल की आपूर्ति कराने सहित अन्य सवालों पर संयुक्त किसान मोर्चा व समाजवादी जनता पार्टी चंद्रशेखर के कल भारत बंद के आह्वान पर सीतामढ़ी शहर को बंद कराया
मेहसौल चौक को जाम कर किसानों ने प्रदर्शन किया जिससे सभी छोटी-बड़ी वाहनों की आवाजाही बंद रही। फिर किसानों का जत्था शहर में जुलूस निकालकर सभी दुकानदार वाहन चालकों से बंद कराने को सफल बनाने की अपील करता रहा, अन्नदाता के आंदोलन को सफल बनाने के आग्रह को देख जनता ने भरपूर साथ दिया। शांतिपूर्ण किसानों का जुलूस शहर के मुख्य मार्ग होते हुए जानकी स्थान पहुंचा तथा कोर्ट बाजार होते हुए कारगिल चौक पहुंचकर सड़क जाम कर दिया। जिससे सभी तरीके की आवाजाही बाधित हुई कारगिल चौक पर मोर्चा के नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार की हठधर्मिता से आंदोलन लंबा खींच रहा है और इसके कारण यह किसान आंदोलन अब जन जन तक पहुंच कर जनांदोलन बन गया है जो आने वाले समय में सरकार को सबक सिखाने की ताकत रखता है।
सभा के प्रमुख वक्ताओं ने महाभारत के प्रसंग के आलोक में कहा कि किसानों का आंदोलन दुनिया भर में यह दुर्योधन रण ऐसा होगा फिर कभी किसी ने सोचा नहीं होगा मोर्चा के नेतागण बिहार सरकार की उपेक्षा से भी नाराज़ दिखे , किसानों ने केंद्र सरकार व् बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उखाड़ फेकने की चेतावनी भी दे डाली।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 27 सितंबर को भारत बंद को सफल हुआ इस पर समाजवादी जनता पार्टी चंद्रशेखर बिहारप्रदेश के महासचिव योगगुरु आलोक कुमार सिंह ने Thejanmat प्रतिनिधि से कहा की।
यह संघर्ष ना केवल खेत बल्कि आगामी पीढ़ी को बचाने का संघर्ष है,
यह संघर्ष बाजार की गुलामी से बचाने का संघर्ष है ,
यह संघर्ष देश की संपदा बचाने का संघर्ष है,
यह संघर्ष मनुष्य की मनुष्यता और उसकी गरिमा बचाने का संघर्ष है,
यह संघर्ष लूट और लालच के खिलाफ संघर्ष है,
यह संघर्ष लोकतंत्र का संघर्ष है ,
यह संघर्ष देश बेचने वाले और देश के गद्दारों के तथा देश के भीतर बैठे विदेशी एजेंटों के खिलाफ संघर्ष है,
यह संघर्ष युवाओं के भविष्य का संघर्ष है
यह संघर्ष बच्चों के बचपन को बचाने का संघर्ष है,
यह संघर्ष महिलाओं की आबरू बचाने का संघर्ष है,
यह संघर्ष मजदूरों की रोटी का संघर्ष है
यह संघर्ष देश के अमर बलिदानों के बलिदान की गरिमा को बचाने का संघर्ष है
यह संघर्ष आम नागरिक आम देशवासी का संघर्ष है
और अंत में इस संघर्ष से कटा हुआ आदमी शायद ही इंसान कहलाने का हकदार हो
कार्यक्रम का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा के नेता प्रोफ़ेसर आनंद कुमार, जय प्रकाश राय, जालंधर यदुवंशी, विश्वनाथ बुंदेला, बैजनाथ हाथी, संजय कुमार, समाजवादी जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बिहार प्रदेश के महासचिव आलोक कुमार सिंह, केदार शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता राम पदारथ मिश्र, संजीव कुमार सिंह, शशिधर शर्मा, लालबाबू मिश्रा, मुकेश मिश्रा, राज किशोर ठाकुर, आफताब अंजुम, चंद्र देव मंडल, कृष्ण कुमार यादव, दिनेश चंद्र द्विवेदी, भिखारी सलमा, पारसनाथ सिंह, सुरेंद्र यादव, रामबाबू सिंह, संजीव कुमार सिंह, मोहम्मद गयासुद्दीन, अशोक कुमार, विजय कुमार सिंह, दिलीप कुमार पांडे ,सुरेंद्र बैठा, नवीन कुमार सिंह, राम पुकार सा ,अवधेश यादव, नरेश जा उमाशंकर सिंह, मोहम्मद नूरेन ,मुकेश कुमार, इमरान, रणधीर कुमार, सैनी अशोक निराला, सुधीर यादव, जगन्नाथ यादव, अनवर अंसारी, सुशीलादेवी, अनवर अली मोहम्मद नूरेन, शिवकुमार, नूर हसन, चंद्र मिश्रा, रविंद्र रवि महतो तथा आरती आदि ने आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया।